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घर बार बेचने की नौबत, अब 2 कंपनियों में हिस्सा बेचकर कर्ज चुकाएंगे मुकेश अंबानी के छोटे भाई अनिल
बिजनेस डेस्क। कभी दुनिया के छठे अमीर शख्स रहे अनिल अंबानी आज कर्ज के बड़े संकट से जूझ रहे हैं। हालत इतनी खराब हो गई है कि उनके सामने अपनी कंपनियों को बेचने के सिवा और दूसरा कोई चारा नहीं रह गया है। रिलायंस ग्रुप के प्रमुख अनिल अंबानी ने कर्ज की समस्या से निपटने के लिए अपनी दो बिजली कंपनियों की बड़ी हिस्सेदारी बेचने का फैसला किया है। ये कंपनियां बीएसईसी और यमुना डिस्कॉम्स हैं। सूत्रों के मुताबिक, अनिल अंबानी ने इन कंपनियों को बेचने के लिए केएमपीजी को खरीददार तलाशने की जिम्मेदारी दी है।
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51 फीसदी हिस्सेदारी बेचने की योजना
अनिल अंबानी की योजना इन दोनों कंपनियों में 51 फीसदी हिस्सेदारी बेचने की है। राजधानी दिल्ली में इन दोनों कंपनियों के 44 लाख कस्टमर हैं। बीएसईसी और यमुना डिस्कॉम्स रिलायंस ग्रुप की प्रमुख कंपनियों में से है।
मुंबई की बिजली कंपनी भी बेची थी
इसके पहले भी अनिल अंबानी मुंबई में अपनी बिजली वितरण कंपनी को अडानी ट्रांसमिशन लिमिटेड को बेच चुके हैं। 2018 में इस डील से अनिल अंबानी को 18,800 करोड़ रुपए हासिल हुए थे।
रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर पर है भारी कर्ज
अनिल अंबानी के नेतृत्व वाले अनिल धीरूभाई अंबानी ग्रुप का हिस्सा रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर बड़े कर्ज की समस्या से जूझ रहा है। इससे निपटने के लिए ही कंपनियों को बेचने की योजना पर काम चल रहा है।
इन कंपनियों ने दिखाई दिलचस्पी
बीएसईसी और यमुना डिस्कॉम्स में हिस्सेदारी की खरीद के लिए ब्रूकफील्ड एसेट मैनेजमेंट, ग्रीनको एनर्जी, टॉरेंट पावर साहित कुल 8 कंपनियों ने दिलचस्पी दिखाई है।
दिवालिया होने की हालत
कर्ज के संकट से जूझ रहे अनिल अंबानी दिवालिया होने की हालत में पहुंचते जा रहे हैं। इस साल फरवरी में ब्रिटेन में एक मामले की सुनवाई को दौरान उन्होंने अपनी संपत्ति शून्य बताई थी। उन्होंने ब्रिटेन की एक अदालत में कहा था कि उनकी नेटवर्थ जीरो हो चुकी है और वे दिवालिया हो चुके हैं।
चीन में भी चला था मामला
चीन के बैंकों के 68 करोड़ डॉलर (4,760 करोड़ रुपए) के कर्ज के मामले की सुनवाई के दौरान अनिल अंबानी के वकील ने कहा था कि एक समय वे बहुत अमीर कारोबारी थे, लेकिन टेलिकॉम सेक्टर में भारी घाटे के कारण वे बर्बाद हो गए।
रिलांयस ग्रुप पर 93 हजार करोड़ का कर्ज
अनिल अंबानी के स्वामित्व वाले रिलायंस ग्रुप पर कर्ज का बहुत बड़ा बोझ है। इससे ग्रुप की सभी कंपनियों की हालत खराब है। ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के मुताबिक, सितंबर, 2019 तक रिलायंस ग्रुप 13.2 डॉलर (करीब 93 हजार करोड़ रुपए) का कर्ज था।
एरिक्शन से विवाद में मुकेश अंबानी ने की थी मदद
अनिल अंबानी का एरिक्शन कंपनी के साथ कर्ज से जुड़ा एक विवाद सामने आया था। रिलायंस कम्युनिकेशन को एरिक्शन को 550 करोड़ रुपए चुकाने थे। सुप्रीम कोर्ट के इस मामले में दखल देने के बाद अनिल अंबानी कर्ज चुकाने को तैयार हुए थे, जिसमें मुकेश अंबानी ने उनकी मदद की थी। अनिल अंबानी के रिलायंस कम्युनिकेशन की स्थिति मुकेश अंबानी के स्वामित्व वाली रिलायंस जियो के आने से हुई, जिसने टेलिकॉम सेक्टर में उथल-पुथल मचा दी।