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कोरोना महामारी से पसीजा इस बिजनेसमैन का दिल, मदद के लिए 1,000 करोड़ करेंगे दान
बिजनेस डेस्क. कोरोना संक्रमण के दूसरी लहर के मामले देश में लगातार कम हो रहे हैं। कम होते मामलों के बीच तीसरी लहर को लेकर आशंका जताई जा रही है। कोरोना की संकट के खड़ी में देश के कई बिजनेस मैन मदद के लिए सामने आए हैं। एक बार फिर से आईटी कंपनी विप्रो ने कोविड से निपटने के लिए 1,000 करोड़ रुपये का दान करने का निर्णय लिया है। यह पैसा वैक्सीनेशन प्रोग्राम में हेल्प करेगा। विप्रो इससे पहले कोविड-19 के खिलाफ देश की जंग में 1125 करोड़ रुपये की मदद कर चुका है। विप्रो के फाउंडर चेयरमैन अजीम प्रेमजी ने कहा कि यह पैसा देश में सबको वैक्सीन लगवाने के अभियान के काम आएगा। आइए जानते हैं संकट के समय में कौन-कौन से बिजनेस मैन मदद के लिए सामने आए।
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विप्रो ग्रुप
बॉम्बे चार्टर्ड एकाउंटेंट्स सोसाइटी के स्थापना दिवस समोराह को संबोधित करते हुए अजीम प्रेमजी ने कहा, 'हमारा काम और हालात जैसे-जैसे आगे बढ़े, हमने यह आभास किया कि सार्वभौमिक वैक्सीनेशन पर जोर देना है। इसलिए हमने कोविड-19 राहत रणनीति के प्रमुख तत्व के रूप में शामिल किया है और इसके लिए 1,000 करोड़ रुपये अतिरिक्त दे रहे हैं।
दान करने में आगे रहते हैं प्रेमजी
अजीम प्रेमजी ने अपनी करीब 80 अरब डॉलर के नेटवर्थ का ज्यादातर हिस्सा परोपकार में लगाने का निर्णय लिया है। अजीम प्रेमजी ने कहा कि वह उनकी मां भी बच्चों के लिए एक अस्पताल चलाती हैं। उन्होंने कहा कि उनके परोपकार कार्यों में लगने के पीछे की मुख्य प्रेरणा महात्मा गांधी हैं।
टाटा ग्रुप (Tata Group)
देश में ऑक्सीजन की कमी के बीच बिजनेस मैन रतन टाटा (Ratan Tata) सामने आए थे। टाटा ग्रुप ने कहा था कि वह लिक्विड ऑक्सीजन ले जाने के लिए 24 क्रायोजेनिक कंटेनरों का आयात कर ऑक्सीजन की कमी को दूर करने में मदद करेंगे। पिछले साल महामारी की पहली लहर के दौरान टाटा समूह ने वेंटिलेटर, व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण (पीपीई) किट, मास्क, दस्ताने और परीक्षण किट का इंतजाम किया था। कोरोनावायरस महामारी का मुकाबला करने के लिए समूह ने 1,500 करोड़ रुपये देने का वादा किया था।
रिलायंस ग्रुप, मुकेश अंबानी
कोरोना संकट में मुकेश अंबानी (Mukesh Ambani) भी सामने आए थे। उनकी कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (Reliance Industries) ने जामनगर रिफाइनरी में प्रतिदिन 700 टन से अधिक चिकित्सा स्तर के ऑक्सीजन का उत्पादन कर रही थी। यह ऑक्सीजन उन राज्यों को निशुल्क दी गई जो कोरोना वायरस की चपेट में सबसे ज्यादा थे। पहले जामनगर रिफाइनरी में 100 टन ऑक्सीजन का उत्पादन किया जाता था जो मेडिकल के फील्ड में प्रोयग में लाई जाती थी। लेकिन कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ने के साथ ही अब इसे बढ़ाकर 700 टन कर दिया गया।
नवीन जिंदल
संकट के समय में जिंदल स्टील एंड पावर लिमिटेड के चेयरमैन नवीन जिंदल (Naveen Jindal) ने भी मदद की थी। उन्होंने ट्वीट करके कहा था कि उन्होंने एमपी, दिल्ली और राजस्थान के सीएम से बात की है और उन्हें ऑक्सीजन की सप्लाई का भरोसा दिया था। उन्होंने ऑक्सीजन की सप्लाई भी की थी।