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सरकार की इस स्कीम में मुफ्त इलाज के साथ मिलेगा फैमिली पेंशन का फायदा, जानें कैसे कराएं रजिस्ट्रेशन
बिजनेस डेस्क। जिन लोगों की इनकम कम है और जो सरकारी या निजी क्षेत्र में काम करते हैं, उनके लिए केंद्र सरकार ने राज्य कर्मचारी बीमा योजना चला रखी है। इसके लिए राज्य कर्मचारी बीमा निगम (ESIC) नाम की संस्था बनाई गई है। यह केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्रालय के तहत काम करती है। ईएसआईएस सरकारी और निजी क्षेत्र के कम वेतन पाने वाले कर्मचारियों के लिए हेल्थ इन्श्योरेंस स्कीम चलाती है। इसके अलावा, इसकी स्कीम के तहत पेंशन का लाभ भी लिया जा सकता है।
| Published : Jul 30 2020, 02:30 PM IST / Updated: Jul 30 2020, 02:34 PM IST
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किसे मिल सकता ESI का फायदा
जिन संस्थाओं में 10 से 20 कर्मचारी या ज्यादा काम करते हैं, वहां ESI की योजना लागू होती है। इसका फायदा निजी कंपनियों और फैक्ट्रियों में काम करने वाले लोगों को मिलता है। ईएसआईएस हॉस्पिटल और डिस्पेंसरियों का संचालन करता है। यहां मुफ्त इलाज की सुविधा मिलती है। ईएसआईएस ने मेडिकल कॉलेज और अस्पताल भी खोला है।
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बनवाना पड़ता है ईएसआई कार्ड
इस सुविधा को लेने के कर्मचारियों ईएसआई कार्ड बनवाना पड़ता है। कर्मचारी यह कार्ड या कंपनी के दूसरे दस्तावेज दिखा कर ईएसआईसी की डिस्पेंसरी और अस्पताल में अपना और फैमिली मेंबर्स का इलाज करवा सकते हैं। अगर उनकी बीमारी गंभीर हुई तो ईएसआई के अस्पताल उन्हें दूसरे बड़े अस्पतालों में इलाज के लिए रेफर करते हैं।
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कितनी सैलरी पाने वालों को मिलता है फायदा
ईएसआई का फायदा उन कर्मचारियों को ही मिल सकता है, जिनका मासिक वेतन 21000 रुपए या इससे कम हो। हालांकि, दिव्यांग लोगों के मामले में यह सीमा 25000 रुपए है।
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नियोक्ता और कमर्चारी को देना होता है योगदान
ईएसआईसी की सुविधा निर्धारित वेतनमान की सीमा में सभी कर्मचारियों को मिलती है। इसमें कर्मचारियों और नियोक्ता, दोनों को अंशदान करना पड़ता है। मौजूदा समय में कर्मचारी को अपनी सैलरी से 0.75 फीसदी योगदान ईएसआईसी में करना होता है, वहीं नियोक्ता की ओर से यह योगदान 3.25 फीसदी होता है। जिन कर्मचारियों का औसत वेतन रोजाना 137 रुपए होता है, उन्हें कोई योगदान नहीं करना होता है।
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कैसे होता है रजिस्ट्रेशन
ईएसआईसी में रजिस्ट्रेशन नियोक्ता की ओर से कराया जाता है। इसके लिए कर्मचारियों को सिर्फ अपने परिवार के सदस्यों के बारे में जानकारी देनी होती है। इस योजना में नॉमिनी भी कर्मचारी को तय करना होता है।
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क्या हैं पेंशन के नियम
इस योजना में जिस कर्मचारी का बीमा होता है, उसकी मृत्यु हो जाने पर आश्रितों को पेंशन मिलती है। यह पेंशन आश्रितों को आजीवन मिलती है। इसे तीन हिस्से में बांटा जाता है। पहला हिस्सा बीमित व्यक्ति की पत्नी को, दूसरा उसके बच्चों को और तीसरा उसके माता-पिता को मिलता है।
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और क्या हैं फायदे
इस योजना का सबसे बड़ा फायदा है कर्मचारी और उसकी फैमिली को मेडिकल सुविधाएं दिया जाना। यहां इलाज पूरी तरह मुफ्त होता है और दवाइयों का पैसा नहीं लगता। अगर किसी की बीमारी गंभीर हो और उसे प्राइवेट हॉस्पिटल में भर्ती कराया जाता है, तो सारा खर्च ईएसआईसी का होता है। गंभीर बीमारी की वजह से अगर कर्मचारी जॉब नहीं कर सकता तो ऐसी स्थिति में ईएसआईसी द्वारा कर्मचारी के वेतन का 70 फीसदी भुगतान किया जाता है। अगर कर्मचारी किसी वजह से विकलांग हो जाता है, तो उसे वेतन का 90 फीसदी भुगतान किया जाता है। स्थायी तौर पर विकलांग हो जाने पर जीवनभर सैलरी का 90 फीसदी भुगतान मिलता रहता है।