ये पूर्व मंत्री हैं भारत के सबसे महंगे वकील, 1 दिन की पैरवी की फीस है 15 लाख
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ये कहना गलत नहीं होगा कि कपिल सिब्बल विरासत में वकालत लेकर आए हैं। दरअसल, इनके पिता एक बेहतरीन वकील थे इसलिए उन्हें इंटरनेशनल बार एसोसिएशन ने लिविंग लेजेंड ऑफ लॉ की पदवी दी थी।
अपने पिता के नक्शे कदम पर चलते हुए कपिल सिब्बल ने भी दिल्ली के फैकल्टी ऑफ लॉ कॉलेज से एलएलबी की पढ़ाई की इसके बाद हार्वर्ड यूनिवर्सिटी से एलएलएम किया।
कपिल सिब्बल ने 1973 में सिविल सर्विसेज की परीक्षा भी पास की थी, लेकिन उनकी रुचि लॉ के फील्ड में थी इसलिए उन्होंने लीगल प्रैक्टिस करना शुरू किया और अब देश के सबसे बड़े वकीलों में से एक हैं।
1996 में पी.वी. नरसिम्हाराव ने कपिल सिब्बस को कांग्रेस का टिकट दिया लेकिन वह बीजेपी की सुषमा स्वराज से इलेक्शन हार गए। इसके बाद उन्होंने 2004 चांदनी चौक से इलेक्शन लड़ा और बीजेपी की स्मृति ईरानी को हराकर संसद पहुंच गए।
कांग्रेस सरकार में मंत्री रहते समय कपिल सिब्बल ने एक भी केस नहीं लड़ा लेकिन जब केंद्र से कांग्रेस की सरकार गई तब उन्होंने बार काउंसिल से अपना लाइसेंस रीन्यू कराया और वापस अपने वकालत के पेशे में लौट आए।
मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की तरफ से ट्रिपल तलाक और हलाला से बड़े-बड़े मुकदमों का केस लड़ने वाले कपिल सिब्बल की एक दिन फीस 8 लाख से 15 लाख रुपए तक हैं।
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट में सोमवार और शुक्रवार को वकीलों की फीस सबसे कम होती है। मंगलवार, बुधवार और गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट केसों में बहस सुनती है। इस दौरान कपिल सिब्बल, मनु संघवी और हरीश साल्वे जैसे वकीलों की फीस 11 से 15 लाख के बीच होती है।