...तो कंपनियां खरीदने वाले मुकेश अंबानी बेच रहे हैं अपने इस कारोबार का हिस्सा
मुंबई: रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड अपनी तेल और केमिकल यूनिट का कुछ हिस्सा सऊदी-अरामको को बेचने की तैयारी में है। इस मामले से जुड़े कुछ लोगों का कहना है की रिलायंस इंडस्ट्रीज में जोर शोर से इसकी तैयारी चल रही है। इस जानकारी को सार्वजनिक नहीं करने के लिए कहा गया है, इस महीने अरामको के कई अधिकारी और बैंकर मुंबई में रिलायंस के कार्यालयों में काम कर रहे हैं। ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार दोनों पार्टियां इस सौदे के ढांचे को तैयार करने में लगी हुई हैं बता दें कि यह प्रकिया पिछले साल होने वाली थी लेकिन कुछ वजहों के कारण इस बात आगे नहीं बढ़ पाई थी।
| Published : Feb 20 2020, 11:22 AM IST / Updated: Feb 20 2020, 11:34 AM IST
...तो कंपनियां खरीदने वाले मुकेश अंबानी बेच रहे हैं अपने इस कारोबार का हिस्सा
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मुकेश अंबानी सितंबर तक होने वाली की रिलायंस के अगले शेयरधारकों की बैठक से पहले इस समझौते पर हस्ताक्षर करना चाहते हैं।
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अगस्त में रिलायंस ने अपने तेल और केमिकल डिवीजन का वैल्यूएशन 75 बिलियन डॉलर बताया था जिसमे कंपनी का कर्ज भी शामिल था जिसमें 20 प्रतिशत हिस्सेदारी की वैल्यू 15 बिलियन डॉलर थी। यदि इस कीमत पर सौदा हो जाता है, तो यह वॉलमार्ट-फ्लिपकार्ट अधिग्रहण के बाद से भारत में सबसे बड़ा लेनदेन होगा।
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अगस्त में अंबानी ने शेयरधारकों को बताया कि रिलायंस और अरामको ने तेल और केमिकल डिवीजन में 20 प्रतिशत हिस्सेदारी के लिए गैर-बाध्यकारी सौदे के लिए सहमति व्यक्त की थी। लेकिन दिसंबर में, भारत सरकार ने एक अदालत से अनुरोध किया कि वह डील को रोकने में मदद करे ताकि मुंबई स्थित कंपनी के पास असंबंधित मामले में मध्यस्थता के दावों का भुगतान करने के लिए पर्याप्त संपत्ति हो। एक महीने बाद, रिलायंस के संयुक्त मुख्य वित्तीय अधिकारी वी। श्रीकांत ने संवाददाताओं से कहा कि लेनदेन मार्च तक पूरा होने की उम्मीद नहीं है।
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पिछले कुछ सालों से मुकेश अंबानी ने रिलायंस फ्यूल रिटेल बिजनेस से लेकर रिलायंस के मोबाइल फोन टावरों में 49 प्रतिशत हिस्सेदारी की बिक्री की है ताकि पिछले कुछ वर्षों में रिलायंस के टेलिकॉम जैसे नए सेक्टर में पैसा डाला जा सके। ताजा आकड़ो के मुताबिक, दिसंबर के अंत में रिलायंस समूह का कर्ज 43 बिलियन डॉलर था।
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रिलायंस और अरामको के बीच बातचीत जारी है और बातचीत अभी भी टूट सकती है। रिलायंस के एक अधिकारी ने इस मामले पर किसी भी तरह की टिप्पणी करने से मना कर दिया, जबकि अरामको के अधिकारी ने भी इस मामले पर कोई जवाब नहीं दिया है।
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कुछ दिनों पहले खबर आई थी कि मुकेश अंबानी की कंपनी रिलायंस सभी मीडिया और डिस्ट्रीब्यूशन कंपनियों को नेटवर्क18 में मर्ज करेगी। इसके तहत टीवी18 ब्रॉडकास्ट, हैथवे केबल एंड डेटाकॉम और डेन नेटवर्क्स को नेटवर्क18 मीडिया एंड इन्वेस्टमेंट में मर्ज कर दिया जाएगा।
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इस प्रक्रिया से नेटवर्क 18, 8000 करोड़ रुपए के रेवेन्यू वाली इंटीग्रेटेड मीडिया और डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी बन जाएगी।