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एक बार पैसा लगाकर हर महीने कर सकते हैं कमाई! जबरदस्त है POST OFFICE की ये स्कीम
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यूं तो निवेश के कई विकल्प हैं लेकिन, एक ऐसी छोटी बचत योजना भी है, जिसमें आप पैसे लगाते हैं और हर महीने आपको कमाई का मौका मिलता है। पोस्ट ऑफिस की मंथली इनकम स्कीम (MIS) एक सेविंग स्कीम है।
इस स्कीम में एकमुश्त निवेश कर हर महीने ब्याज के रूप में इनकम होती है। एमआईएस अकाउंट की मैच्योरिटी पीरियड पांच साल का होता है।
इसमें अकाउंट होल्डर को एकमुश्त जमा पैसे पर हर महीने ब्याज मिलता है। इंडिया पोस्ट के मुताबिक, 01.04.2020 से इस योजना में सालाना 6.6 प्रतिशत ब्याज मिल रहा है। इसका भुगतान हर महीने होता है।
क्या है एमआईएस स्कीम?
एमआईएस स्कीम में खोले गए अकाउंट को सिंगल और ज्वाइंट दोनों तरह से ही खोला जा सकता है। व्यक्तिगत खाता खोलते समय आप इस स्कीम में न्यूनतम 1,000 रुपए और अधिकतम 4.5 लाख रुपए का निवेश कर सकते हैं लेकिन, ज्वाइंट खाते में अधिकतम 9 लाख रुपए तक जमा किया जा सकता है। यह योजना रिटायर्ड कर्मचारियों और वरिष्ठ नागरिकों के लिए तो काफी फायदेमंद है।
क्या-क्या मिलते हैं फायदे?
MIS में अच्छी बात ये है कि दो या तीन लोग मिलकर भी ज्वाइंट अकाउंट खुलवा सकते हैं। इस अकाउंट के बदले में मिलने वाली आय को हर मेंबर को बराबर दिया जाता है. ज्वाइंट अकाउंट को कभी भी सिंगल अकाउंट में कन्वर्ट करा सकते हैं।
सिंगल अकाउंट को भी ज्वाइंट अकाउंट में कन्वर्ट करा सकते हैं। अकाउंट में किसी तरह का बदलाव करने के लिए सभी अकाउंट मेंबर्स की ज्वाइंट एप्लीकेशन देनी होती है।
क्या है पैसे निकालने की शर्त?
किसी खास मौके पर इस स्कीम में जमा पैसे को मैच्योरिटी से पहले भी निकाल सकते हैं, लेकिन ऐसा करने पर आपको कुछ पैसा काटकर वापस मिलेगा। ध्यान रखें कि अकाउंट खुलने से एक साल तक आप पैसा नहीं निकाल सकते।
एक साल से तीन साल के बीच में पैसा निकालते हैं तो जमा रकम का 2% काटकर वापस किया जाएगा। अगर अकाउंट खुलने के 3 साल बाद मैच्योरिटी के पहले कभी भी पैसा निकालते हैं तो आपकी जमा राशि का 1% काटकर वापस किया जाएगा।
क्यों खास है ये स्कीम?
इस स्कीम के तहत आप अकाउंट को एक पोस्ट ऑफिस से दूसरे पोस्ट ऑफिस में ट्रांसफर भी कर सकते हैं। जब इस इन्वेस्टमेंट के पैसे की मेच्योरिटी यानी पांच साल पूरा हो जाता है तो आप इसे दोबारा इन्वेस्ट कर सकते हैं। अकाउंट होल्डर इसमें किसी नॉमिनी को भी नियुक्त कर सकता है।
किसी अनहोनी के कारण खाताधारक की मौत के बाद जमा राशि का हकदार नॉमिनी होता है। इस योजना में एक खास बात यह है कि इसमें TDS नहीं लगता, जबकि इस निवेश के बदले प्राप्त ब्याज पर टैक्स देना होता है।