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17 साल की उम्र में छोड़ी थी पढ़ाई, सिम कार्ड बेचने से की शुरुआत, आज करोड़ो का मालिक है ये लड़का

मुंबई: अगर आपके हौसले बुलंद हैं और मेहनत में कोई कमी नहीं है तो आपको कामयाबी मिलने से कोई नहीं रोक सकता। कुछ ऐसा ही काम 17 साल की उम्र में इंजीनियरिंग छोड़कर रितेश अग्रवाल ने कंपनी शुरू कर किया। हुरुन रिच लिस्ट 2020 (Hurun Rich List 2020) में अब ओयो के फाउंडर और 24 साल के सबसे युवा भारतीय रितेश अग्रवाल को भी जगह मिली। उनकी नेटवर्थ 110 करोड़ डॉलर (करीब 8,000 करोड़ रुपये) है। आइए जानते हैं रितेश के सफर की कहानी-  

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Asianet News Hindi
Published : Feb 28 2020, 11:57 AM IST| Updated : Feb 28 2020, 12:01 PM IST
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रितेश की Oyo देश की कामयाब इंटरनेट कंपनियों की लिस्ट में फ्लिपकार्ट (20 अरब डॉलर) और पेटीएम (10 अरब डॉलर) के बाद तीसरी कंपनी बन गई है। यह देश की सबसे बड़ी होटल चेन भी है। लिस्ट के मुताबिक, वे विश्व के दूसरे सबसे युवा सेल्फ मेड बिलिनेयर हैं। अभी उनकी उम्र 26 साल है। नंबर वन पर कायली जेनर हैं, जिनकी उम्र 22 साल है।
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रितेश ओडिशा के एक छोटे शहर रायगड़ से आते हैं जो नक्सल प्रभावित है। रितेश को घूमने का काफी शौक था। साल 2009 में उन्हें देहरादून और मसूरी जाने का मौका मिला। यहां उन्हें महसूस हुआ कि कई ऐसी खूबसूरत जगह हैं, जिनके बारे में कम ही लोग जानते हैं।
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रितेश की स्ट्रगल भी कम नहीं रही है घर से दूर ओडिशा शहर में पैसे मैनेज करने के लिए रितेश ने सिम कार्ड्स भी बेचे। हालांकि रितेश डरते थे कि अगर उनकी फैमिली को पता चल गया तो वह उसे घर बुलाकर बैठा लेंगे। ऐसे में उसका एक बड़ा बिजनेस शुरू करने का सपना खत्म हो जाएगा।
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साल 2011 में रितेश ने ओरावेल की शुरुआत की। रितेश के आइडिया से प्रभावित होकर गुड़गांव के मनीष सिन्हा ने ओरावेल में निवेश किया और को-फाउंडर बन गए। वे 2011 में दिल्ली आ गए और स्टार्टअप शुरू करने का फैसला किया। उन्होंने इंजिनियरिंग कॉलेज के लिए इंट्रेस परीक्षा भी छोड़ दी थी।
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रितेश कॉलेज ड्रॉपआउट हैं, जिसकी वजह से 2013 में उन्हें 1 लाख डॉलर का पीटर थाइल फेलोशिप मिला था। 2013 में जब उन्हें 1 लाख डॉलर फेलोशिप की राशि मिली थी, उसी पैसे से उन्होंने बिना देर किए OYO रूम्स की शुरुआत कर दी।
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सितंबर 2018 आते-आते OYO रूम्स ने 1 अरब डॉलर का निवेश जुटाया। जुलाई 2019 में खबर आई थी कि उन्होंने इस कंपनी में अपनी हिस्सेदारी 3 गुना बढ़ा दी है और इसके लिए उन्होंने 2 अरब डॉलर का शेयर खरीदा था।
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आपको बता दें कि रितेश अग्रवाल आईआईएम, आईआईटी, एचबीएस और आईवी लीग्स में पढ़े लोगों की टीम का नेतृत्व करने वाले ड्रॉपआउट हैं। रितेश ने एक बार इंटरव्यू में कहा था कि उन्हें उम्मीद है कि अगले कुछ साल में देश में कुछ और ड्राप आउट नाम कमाएंगे।

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