ये हैं वो डिफाल्टर जिनकी वजह से निकला यस बैंक का दिवाला, एक नाम अंबानी का भी
नई दिल्ली. येस बैंक को लेकर भारतीय रिजर्व बैंक के एक्शन के बाद इस मामले पर अचानक ही जमकर हो हल्ला हो रहा है। बैंक में अपना पैसा रखने वाले खाताधरकों को अपना पैसा डूबता हुआ नजर आ रहा है और ये ग्राहक सरकार से मदद की मांग कर रहे हैं, पर इन चीजों की शुरुआत कई साल पहले ही हो चुकी थी। कभी 3 लाख करोड़ रुपये की पूंजी वाला येस बैंक भारत में प्राइवेट सेक्टर का पांचवा सबसे बड़ा बैंक था, पर पूर्व सीईओ राणा कपूर ने क्रेडिट की बजाय अपने रिश्तों के आधार पर एक से एक दिवालिया कंपनियों को लोन बांटे। इनमें मुकेश अंबानी के छोटे भाई अनिल अंबानी की भी कई कंपनियां शामिल थी। 2017 में बैंक ने बैड लोन छिपाने की कोशिश भी की, तब सरकार ने इसके ऊपर शिकंजा कसना शुरू किया। यहीं से येस बैंक के पतन की शुरुआत हुई।
| Published : Mar 06 2020, 10:34 PM IST
ये हैं वो डिफाल्टर जिनकी वजह से निकला यस बैंक का दिवाला, एक नाम अंबानी का भी
Share this Photo Gallery
- FB
- TW
- Linkdin
110
दिवालिया कंपनियों को लोन देना येस बैंक के लिए आत्मघाती साबित हुआ। वदराज सीमेंट जैसी कंपनियां ये लोन नहीं चुका पाई और येस बैंक का दिवालिया निकल गया।
210
येस बैंक का लोन ना चुका पाने वाली कंपनियों में रिलाइंस ग्रुप का नाम भी शामिल है। अनिल अंबानी की कई कंपनियों ने येस बैंक से लिए गए लोन नहीं चुकाए हैं।
310
ISL ग्रुप को भी बैंक ने बिना सोचे समझे लोन दे दिया था। बाद में यह ग्रुप लोन नहीं चुका पाया, जिसका खामियाजा बैंक को भुगतना पड़ा।
410
एफ एस ग्रुप पर येस बैंक से लिए गए लोन के 2442 करोड़ बकाया हैं, जिन्हें चुकाने में कंपनी नाकाम रही है।
510
एस्सल ग्रिप ने भी येस बैंक का 3300 करोड़ रुपये का लोन नहीं चुकाया है।
610
रिलाइंस इन्फ्राइस्ट्रक्चर और इस ग्रुप की बाकी कंपनियों ने अब तक 13000 करोड़ रुपये नहीं चुकाए हैं।
710
वदराज सीमेंट पर भी येस बैंक से लिए गए लोन का बड़ा हिस्सा बकाया है, पर यह कंपनी भी दिवालिया हो चुकी है।
810
सीजी पावन ने भी अपना हजारों करोड़ का लोन नहीं चुकाया है, जिसके चलते बैंक के पास कैश की कमी हुई है।
910
साल 2017 में ही सरकार ने येस बैंक पर कई तरह की पाबंदियां लगानी शुरू कर दी थी। साल 2018 में बैंक के सीईओ को अपना पद छोड़ेना पड़ा और 2020 में रिजर्व बैंक ने इसे अपने कंट्रोल में ले लिया है।
1010
रिजर्व बैंक ने येस बैंक को पहले भी चेतावनी और सलाह दी थी, पर बैंक ने इन बातों को नजरअंदाज किया। अब जनता का पैसा बचाने के लिए सरकार जल्द ही कोई ठोस कदम उठा सकती है।