BSF का ये जवान पांचवीं प्रयास में बना था IAS, जानिए कैसे करता था तैयारी
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बांग्लादेश बार्डर पर हुई थी तैनाती
हरप्रीत सिंह के पिता बिजनेसमैन और मां टीचर हैं। साल 2016 में यूपीएससी के जरिए देश सेवा में आए। उन्होंने असिस्टेंट कमांडेंट के तौर पर बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स (BSF) ज्वाइन किया। इसके बाद पोस्टिंग भारत और बांग्लादेश की सीमा मिली।
ड्यूटी के बाद करते थे पढ़ाई
हरप्रीत सिंह के मुताबिक मुश्किलों में काम करना उन्हें पसंद था। इसलिए सीमा पर उन्हें ड्यूटी अच्छी लगती थी। लेकिन, मेरा सपना आईएएस ऑफिसर बनना था। इसलिए सीमा पर ड्यूटी के बाद समय निकाल कर मैं अपने इस लक्ष्य की तैयारी में जुट जाता था।'
इन दो बातों को मानते हैं मूलमंत्र
हरप्रीत बताते हैं ड्यूटी के अलावा वो अपना सारा समय अपने नोट्स पढ़ने में लगाते थे। वो दृढ़ निश्चय और कड़ी मेहनत, इन दो बातों को अपनी सफलता का मूल मंत्र मानते हैं।
चौथीं प्रयास में ही मिल गई थी सफलता
हरप्रीत कहते हैं कि मुझे लगता है कि हमें कभी अपने सपने का पीछा नहीं छोड़ना चाहिए, चाहे ये कितना भी मुश्किल क्यों न हो। कोशिश करते रहो।' मैं चौथीं बार साल 2017 में सिविल सेवा की परीक्षा दी थी। तब मुझे 454वीं रैंक मिली थी और मेरा चयन इंडियन ट्रेड सर्विस के लिए हुआ था।
पांचवीं प्रयास में बनाए थे ये रिकार्ड
साल 2017 में मिली इस सफलता के बाद बीएसएफ छोड़कर आईटीएस ज्वाइन कर लिया था। लेकिन, साल 2018 में मैंने पांचवीं बार सिविल सेवा की परीक्षा दी। इस बार मुझे 19वीं रैंक मिली और मेरा सपना पूरा हो गया था।