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- जज बनना नहीं है मामूली बात...सिविल जज इंटरव्यू के दिमाग उलट-पुलट करने वाले 10 सवाल है इसका सबूत
जज बनना नहीं है मामूली बात...सिविल जज इंटरव्यू के दिमाग उलट-पुलट करने वाले 10 सवाल है इसका सबूत
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जवाब- इस केस में मर्डर का केस उन चारों व्यक्तियों पर चलेगा, क्योंकि यहां 4 व्यक्तियों की मंशा थी उस वक्त की हत्या करना। इसलिए IPC की धारा 302 के मुताबिक 4 व्यक्तियों पर मर्डर का केस चलेगा।
जवाब- ऐसे केस में संरेडर करने वाले शख्स को सजा देने से पहले गहन जांच की जरूरत होगी, क्योंकि ये संभव है कि किसी भी वजह से उस व्यक्ति ने किसी लालच में या दबाव में आकर झूठी गवाही दे रहा हो। इसलिए इस केस में पुलिस पहले छानबीन करेगी। अगर उस पर मुकदमा सिद्ध हो जाता है कि मर्डर उसी ने किया है तो फिर उस पर हत्या का चार्ज लगेगा। वहीं अगर ये प्रूफ होता है कि उसने हत्या नहीं की है ऐसी स्थिति में उस पर पुलिस को गुमराह करने का मुकदमा चलेगा।
जवाब: यह स्टॉकिंग ऑफेंस होगा (यानि पीछा करना) और इसी के तहत केस भी दर्ज होगा।
जवाब- पति अगर कोर्ट में ये प्रूफ कर देता है कि पत्नी नौकरी करती है और एक अच्छे पैकेज पर काम रही है फिर उसे गुजारा भत्ते की धनराशि नहीं देनी होगी।
जवाब-संविधान के आर्टिकल 361 में राज्यप्रमुख, गवर्नर और राष्ट्रपति के पास कुछ अलग पॉवर हैं। ऐसे में उन पर कोई केस नहीं चलेगा।
जवाब- यदि कोई लड़का किसी लड़की को प्रपोज करता है तो ये IPC की किसी भी सेक्शन के अंडर कोई अपराध नहीं है, इसलिए कोई भी केस फाइल नहीं होगा। किसी लड़का या लड़की को प्रपोज करना अपराध की श्रेणी में नहीं आता लेकिन बार-बार परेशान या टॉर्चर करने पर लड़का और लड़की दोनों शिकायत दर्ज करवा सकते हैं।
जवाब: कहीं भी डिफाइन नहीं किया गया है। इसका प्रोविजन है और CRPC के आर्टिकल 173 में इसका जिक्र किया गया है।
जवाब: पुलिस कस्टडी में किसी का रेप हो जाता है या डेथ हो जाती है तो इन्क्वायरी होती है। ज्युडिशियल मजिस्ट्रेट ही ये कर सकता है।
जवाब: जब मुस्लिम पति अपनी पत्नी को 3 बार तलाक, तलाक, तलाक बोलकर उसे तलाक दे देता है तो उसे ट्रिपल तलाक कहते हैं।
जवाब: हमारे समाज में बहुत से पुरुषों के साथ भी सेक्शुअल हैरेसमेंट की घटनाएं होती हैं। हालांकि किसी पुरुष के साथ रेप हुआ शब्द इस्तेमाल नहीं किया जाता इसे सेक्शुअल हैरेसमेंट या सेक्शुअल अब्यूज कहते हैं।