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इन TIPS के साथ लॉकडाउन में बिना ट्यूशन-टीचर्स के करें तैयारी, लाखों छात्रों को एक्सपर्ट्स की सलाह
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इन हालातों में परीक्षा देने वाले भी योद्धा से कम नहीं
भोपाल के गांधी विद्या निकेतन (जीवीएन) द ग्लोबल स्कूल में केमिस्ट्री विभाग की प्रमुख आराधना शर्मा सहित कई शिक्षक और एक्सपर्टस ने छात्रों को लॉकडाउन में परीक्षा की तैयारी को लेकर सुझाव दिए। आराधना शर्मा कहती हैं कि इस वक्त एग्जाम और पास होने को लेकर अफवाहें उड़ रही हैं। दावा किया जा रहा है कि छात्रों को एवरेज मार्क्स ही मिलेंगे जबकि ऐसा नहीं है।
स्टूडेंट्स इस तरह कि अफवाहों पर ध्यान न देकर पढ़ाई को वक्त दें। वहीं, केंद्रीय विद्यालय मुंबई की शिक्षिका तारा मिश्रा स्टूडेंट्स को सलाह देती हैं कि वे वायरस की चिंता न करते हुए इस एग्जाम को यादगार बना लें। क्योंकि आप यह लंबे समय याद रखेंगे कि किन परिस्थितियों में एग्जाम दिया था। आप भी एग्जाम देकर योद्धा बन सकते हैं। एक्सपर्ट्स की सलाह से तैयारी को आसान बना सकते हैं।
70/30 का फॉर्मूला:
तारा मिश्रा स्टूडेंट्स को अपनी पढ़ाई में 70/30 का फॉर्मूला शामिल करने की सलाह देती हैं। इसके मुताबिक, छात्र को 70 फीसदी ध्यान कठिन सब्जेक्ट पर देना है। जबकि 30 फीसदी फोकस आसान विषयों पर रखें और बार-बार रीविजन करते रहें।
पढ़ाई में आसान लर्निंग मैथड्स शामिल करें:
एक्सपर्ट तारा मिश्रा कहती हैं कि बच्चों को इस वक्त अपनी पढ़ाई को ठीक तरह से ऑर्गेनाइज करना चाहिए। पढ़ाई में लर्निंग मैथड्स का इस्तेमाल करें। सेल्फ स्टडी पर फोकस करें। यूनिट्स या चैप्टर को छोटे-छोटे हिस्सों में बांट लें। सरल और कठिन हिस्सों के हिसाब से अपनी पढ़ाई करें।
राइटिंग पर ध्यान दें:
मनोचिकित्सक अनामिका की बच्चों को सलाह है कि, खाली वक्त में राइटिंग स्पीड को बनाए रखने के लिए प्रैक्टिस करते रहें। इस दौरान आप पुराने पेपर सॉल्व कर सकते हैं। एक्सपर्ट्स क्रिएटिव राइटिंग की सलाह देते हैं। इससे आपको सब्जेक्ट में अच्छा स्कोर करने में आसानी होगी।
(Demo Pic)
पुराने टॉपिक्स को बार-बार पढ़ें:
पढ़ाई में पुराने टॉपिक्स पर बार-बार ध्यान देते रहें। आराधना शर्मा बताती हैं कि इस दौरान आप बीते 5 से 10 सालों के पेपर सॉल्व कर सकते हैं। इसके साथ ही रीविजन बनाए रखें।
टाइम मैनेजमेंट बनाकर रखें:
आराधना शर्मा के मुताबिक, सुबह का वक्त पढ़ाई के लिए सबसे बेहतर होता है। कोशिश करें इस वक्त ज्यादा पढ़ाई करें। नींद को शेड्यूल करें। विषय के अलावा एडीशनल बुक्स भी पढ़ते रहें। अपनी नींद को कंट्रोल करें। सोशल मीडिया, मोबाइल फोन, लैपटॉप आदि पर ज्यादा समय न बिताएं।
परिवार की भूमिका भी है अहम
एक्सपर्ट्स बच्चों के एग्जाम की बेहतर तैयारियों की जिम्मेदारी परिवार के लोगों को भी देते हैं। डॉक्टर अनामिका के बताती हैं कि घर में पढ़ाई के लिए माहौल तैयार करना परिवारवालों की जिम्मेदारी है। अच्छी पढ़ाई के लिए अच्छे माहौल की जरूरत होती है। बच्चों को दूसरे तनाव से दूर रखने के लिए कोरोना की खबरों पर बात करने के बजाए भविष्य की बात करें।
तनावमुक्त रहना बहुत जरूरी
डॉक्टर अनामिका कहती हैं कि बच्चों को चाहिए कि वे इस वक्त अपनी लाइफस्टाइल में बदलाव करें। सुबह उठकर मेडिटेशन करें और हो सके तो प्रेयर को वक्त दें। अच्छी पढ़ाई के लिए अच्छी डाइट की जरूरत है। अपने खाने में पौष्टिक आहार को शामिल करें।
सकारात्मक लोगों के बीच रहें: तमाम बुरी खबरों को दरकिनार करते हुए अच्छा सोचें। देरी को सकारात्मकता से लें, क्योंकि आपको परीक्षा के लिए दूसरों से ज्यादा वक्त मिला है। एक्सपर्ट्स माता-पिता और घर के सदस्यों को भी बच्चों को तनाव से दूर रखने की सलाह देते हैं।
भविष्य की प्लानिंग: फ्यूचर प्लानिंग बेहद जरूरी है। छात्र खाली वक्त में अपने भविष्य के बारे में सोचें। अपना फ्यूचर टार्गेट प्लान करें। जैसे एग्जाम के बाद आपको कौन से कॉलेज में दाखिला लेना है। इसके आलावा आगे की पढ़ाई को लेकर विचार करें।
इंडोर गेम्स: कोरोना महामारी के कारण आप बाहर नहीं निकल पा रहे हैं। ऐसे में पढ़ाई के बाद दिमाग को रिलैक्स देने के लिए इंडोर गेम्स का सहारा ले सकते हैं। अपने दिन भर के रूटीन को बेहतर तरीके से प्लान करें।
एग्जाम मे देरी से क्या होगा असर
डॉक्टर अनामिका बताती हैं कि जब किसी भी एग्जाम में जब लंबा गैप आ जाता है तो रिजल्ट पर असर होता है। हालांकि तैयारी में पीछे चल रहे छात्रों के पास आगे आने का मौका है। वहीं, पहले बेहतर तैयारी कर चुके स्टूडेंट्स के रिजल्ट थोड़े बिगड़ सकते हैं। तारा मिश्रा के मुताबिक, लॉकडाउन और छुट्टियों की वजह से बच्चों को अच्छा वक्त मिल रहा है और इससे उनके प्रदर्शन पर असर नहीं पड़ेगा।
10वीं क्लास में 18 लाख और 12वीं में 12 लाख छात्र परीक्षा देंगे
दोनों क्लासेज को मिलाकर इस बार 31 लाख से ज्यादा छात्र एग्जाम देंगे। इनमें 10वीं क्लास में 18 लाख 89 हजार 878 छात्र और 12वीं में 12 लाख 6 हजार 893 स्टूडेंट शामिल हैं। फरवरी में शुरू हुईं परिक्षाओं के लिए बोर्ड ने देशभर में करीब 10 हजार सेंटर बनाए थे। हालांकि अब आगामी परीक्षााओं के लिए इनकी संख्या में थोड़ा बहुत बदलाव संभव है। ऐसे में दो कुर्सियों के बीच 'चीटिंग डिस्टेंस' के साथ परीक्षा देने वाले छात्र हॉल में अब 'सोशल डिस्टेंसिंग' का पालन करते नजर आएंगे।
3 हजार से ज्यादा सेंटर्स पर आंसर शीट की जांच भी शुरू हो गई
शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने शनिवार को आंसर शीट जांचने की प्रक्रिया शुरू करने की घोषणा की थी। इसके बाद 10 मई से देश भर के 3 हजार से ज्यादा सेंटर्स पर यह प्रक्रिया शुरू भी हो गई। आगे जांच के लिए कॉपियां शिक्षकों के घर भेजी जाएंगी।