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अखबार की एक खबर से आया था इस ब्लॉकबस्टर फिल्म का आइडिया, कहानी सुन सोच में पड़ गए थे अमिताभ बच्चन
मुंबई. डायरेक्टर मनमोहन देसाई (Manmohan Desai) की ब्लॉकबस्टर फिल्म अमर अकबर एंथोनी (Amar Akbar Anthony) की रिलीज को 44 साल पूरे हो गए हैं। फिल्म 1977 को रिलीज हुई थी। आपको बता दें कि यह फिल्म मुंबई के 25 थिएटर्स में 25 सप्ताह तक चली थी। धर्मेंद्र ने फिल्म का मुहूर्त क्लैप दिया था। फिल्म में अमिताभ बच्चन (Amitabh Bachchan), ऋषि कपूर (Rishi Kapoor), विनोद खन्ना (Vinod Khanna), शबाना आजमी (Shabana Azmi), नीतू सिंह (Neetu Singh), परवीन बाबी (Parveen Babi) लीड में थे। वैसे आपको जानकर ताज्जुव होगा कि इस फिल्म आइडिया डायरेक्टर को अखबार की एक खबर से आया था। आइए, जानते हैं आखिर क्या था वो किस्सा...
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मनमोहन देसाई को उनकी पत्नी जीवनप्रभा ने एक अखबार में छपी खबर को फिल्म की कहानी का आइडिया दिया था। खबर ये थी कि एक शराबी अपने तीन बच्चों को पार्क में छोड़कर चला गया। फिल्म को लेकर देसाई, अमिताभ बच्चन से मिले थे, हालांकि, मुलाकात बहुत अच्छी नहीं रही।
अमिताभ ने फिल्म से जुड़ा एक किस्सा शेयर करते हुए बताया था- जब मन जी मुझे इस फिल्म का आइडिया सुनाने आए और जब उन्होंने इसका टाइटल बताया मुझे लगा कि वे होश में नहीं हैं। 70 के दशक में एक समय पर जब फिल्मों के टाइटल बहन, भाभी और बेटी के आसपास घूमते थे, ये उससे बिल्कुल ही अलग था।
फिल्म अमर अकबर एंथनी की पटकथा प्रयाग राज ने लिखी थी। संडे के दिन सुबह वह मनमोहन देसाई से उनके फार्म हाउस की चाभी मांगने उनके घर गए ताकि परिवार के साथ छुट्टी मना सके। लेकिन मनमोहन ने प्रायगराज से चर्चा शुरू कर दी उस अखबार की खबर की जो उनकी पत्नी ने बताई थी। दोनों ने फिल्म की कहानी पर बातचीत शुरू की। प्रयागराज का लंच और डिनर उस दिन देसाई के साथ ही हुआ। लेकिन रात तक दोनों को समझ आया था कि इस कहानी पर अच्छी फिल्म बन सकती है।
अमर अकबर एंथोनी में अमर के किरदार में विनोद खन्ना, अकबर के रोल में ऋषि कपूर और एंथोनी की भूमिका में अमिताभ बच्चन दिखाई दिए थे। पहले अमर का रोल धर्मेंद्र को ऑफर किया गया था। जब वे मनमोहन देसाई के साथ 'चाचा भतीजा' की शूटिंग कर रहे थे। तब देसाई ने उन्हें अमर का रोल ऑफर किया। लेकिन तब धर्मेंद्र कई अन्य फिल्मों में बिजी थे और अपने शेड्यूल को छोटा करना चाहते थे। इसलिए उन्होंने ऑफर ठुकरा दिया। फिर विनोद खन्ना को कास्ट किया था।
फिल्म की एडिटिंग, सेट्स, कॉस्ट्यूम्स सब परफेक्ट रहे। ये बात कम ही लोग जानते हैं कि फिल्म में ऋषि कपूर ने जो कपड़े पहने हैं, वो बांद्रा की लिकिंग रोड मार्केट के फुटपाथ से खरीदे गए थे। फिल्म में अमिताभ बच्चन ने जानबूझकर रंगीन बनियान पहनी और इनका ट्रेंड देश में शुरू किया।
इस फिल्म के हिट होने के बाद मनमोहन देसाई ने विनोद खन्ना और नीतू सिंह को अपनी फिल्म नसीब भी ऑफर की थी लेकिन दोनों ने अलग-अलग कारणों से फिल्म करने से मना कर दिया। इन दोनों की जगह फिर फिल्म में शत्रुघ्न सिन्हा और रीना रॉय को लिया गया था।
फिल्म अमिताभ का शीशे के सामने एक सीन है। अमिताभ ने शीशे वाले सीन की कहानी बताई थी कि अमर अकबर एंथोनी का ये सीन आरके स्टूडियो के थर्ड फ्लोर पर शूट हुआ था। देसाई उस वक्त एक साथ दो फिल्मों की शूटिंग कर रहे थे, परवरिश और अमर अकबर एंथोनी। दोनों ही आरके स्टूडियोज में शूट हो रही थीं।
बिग बी के मुताबिक, पहले फ्लोर पर मैं, विनोद खन्ना और अमजद खान 'परवरिश' का क्लाइमेक्स एक्शन कर रहे थे, जबकि थर्ड फ्लोर पर 'मिरर सीन' की शूटिंग चल रही थी। देसाई जी ने मुझसे कहा था- तुम इस सीन की रिहर्सल करो, मैं जरा उस फ्लोर पर शॉट लेकर आता हूं।
अमिताभ बच्चन ने बताया था- जब तक मनमोहन जी वापस आए तब तक मैं ये सीन असिस्टेंट डायरेक्टर के साथ शूट कर चुका था। इसका बेसिक आइडिया कादर भाई ने दिया था। जब मनमोहन जी सेट पर लौटे तो हैरान रह गए कि उनके असिस्टेंट अनिल नागरथ और मैंने वो सीन शूट कर लिया था। इसके बाद मन जी ने वो सीन महीनेभर बाद देखा। उस दौर में प्रिंट को डेवलप होने में टाइम लगता था। उन्होंने इसे रणजीत स्टूडियोज के मिनी ट्रायल थिएटर में देखा।
सीन देखने के बाद हम स्टूडियो में ऑफिस की सीढ़ियों पर बैठे गए तभी उन्होंने मुझसे कहा- लल्ला अब से तुम मेरी हर फिल्म में काम करने जा रहे हो, जब तक कि तुम मना नहीं करते।
बता दें कि अमर अकबर एंथोनी' के बाद मनमोहन देसाई ने छह फिल्मों (सुहाग, नसीब, देशप्रेमी, कुली, मर्द और गंगा जमुना सरस्वती) को डायरेक्ट किया और इन सभी में अमिताभ बच्चन लीड रोल में थे।