1983 विश्व कप के हीरो अब कहां हैं? कोई कर रहा कमेंट्री, तो कोई बना राजनेता
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कपिल देव
1983 के वर्ल्ड कप की जब भी बात होती है तो कपिल देव उसके सबसे बड़े हीरो माने जाते हैं। उन्होंने अपनी कप्तानी में भारत को पहला वर्ल्ड कप जिताया। फाइनल मुकाबले में उन्होंने भले ही केवल 15 रन बनाए। लेकिन नॉकआउट मैच में जिम्बाब्वे के खिलाफ नाबाद 175 रन की ऐतिहासिक पारी खेली थी। इतना ही नहीं वेस्टइंडीज के खिलाफ फाइनल मुकाबले में उन्होंने 11 ओवर में 21 रन देकर एक विकेट भी चटकाया था। क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद भी कपिल देव का क्रिकेट से नाता कभी नहीं छूटा। वह हमेशा ही क्रिकेट से जुड़े रहे हैं। हालांकि 2020 में हार्ट अटैक के बाद उनकी एंजियोप्लास्टी था। अब वह पूरी तरह से स्वस्थ हैं।
सुनील गावस्कर
83 के हीरो की जब हम बात करें तो उसमें सुनील गावस्कर का नाम बेहद अहम है। वह भारतीय क्रिकेट टीम के सलामी बल्लेबाज रह चुके हैं। हालांकि, फाइनल मुकाबले में वह केवल 2 रन बनाकर आउट हो गए थे। लेकिन उन्होंने अपने क्रिकेट करियर में 13 हजार से ज्यादा रन बनाए थे। इस समय वह क्रिकेट मैचों में कमेंट्री किया करते है और सोशल मीडिया पर भी काफी एक्टिव रहते हैं।
कृष्णामाचारी श्रीकांत
1983 वर्ल्ड कप के दौरान सुनील गावस्कर के साथ सलामी बल्लेबाज के रूप में कृष्णामाचारी श्रीकांत मैदान पर उतरे थे। फाइनल मैच में उन्होंने 57 बॉल में 38 रन बनाए थे। पूरे टूर्नामेंट में उनके बल्ले से 14 चौके निकाले थे। इसके बाद 1992 में उन्होंने क्रिकेट को अलविदा कह दिया। इसके बाद वह टेलीविजन पर हमेशा एक्सपर्ट्स एडवाइज देते हुए नजर आते हैं।
रवि शास्त्री
1983 वर्ल्ड कप में रवि शास्त्री बेहतरीन ऑलराउंडर के रूप में नजर आए थे। उन्होंने 1992 में क्रिकेट से संन्यास ले लिया था। लेकिन उनका नाता क्रिकेट से कभी नहीं छूटा। वह 2021 तक भारतीय क्रिकेट टीम के हेड कोच भी रह चुके हैं।
यशपाल शर्मा
यशपाल शर्मा भारतीय क्रिकेट टीम के एक बेहतरीन बल्लेबाज थे। उन्होंने 1983 वर्ल्ड कप के फाइनल मैच में 11 रन अपने नाम किए थे। लेकिन इस सीरीज में उन्होंने दो अर्धशतक लगाए थे। बता दें कि 13 जुलाई 2021 को हार्टअटैक के चलते यशपाल शर्मा का निधन हो गया था।
संदीप पाटिल
संदीप पाटिल भारतीय क्रिकेट टीम में मध्यक्रम के बल्लेबाज थे। उन्होंने वेस्टइंडीज के खिलाफ 25 जून 1983 को फाइनल मुकाबले में 27 रनों की पारी खेली थी। उन्होंने क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद केन्या के कोच की भूमिका भी निभाई थी। लेकिन अब वह कभी-कभी एक्सपर्ट्स के रूप में टीवी पर दिखाई देते हैं।
बलविंदर संधू
बलविंदर संधू ने वेस्टइंडीज के खिलाफ फाइनल मुकाबले में बेहतरीन गेंदबाजी की थी और उन्होंने 9 ओवर में 32 रन देकर दो विकेट चटकाए थे। इतना ही नहीं उन्होंने 11वें नंबर पर बल्लेबाजी करते हुए 11 रन भी टीम के लिए बनाए थे। 1984 के बाद उन्होंने कोई भी अंतरराष्ट्रीय मैच नहीं खेला और वह मीडिया से भी दूर रहते हैं।
सैयद किरमानी
सैयद किरमानी भारतीय टीम के विकेटकीपर थे। उन्होंने अपने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में 234 स्टंपिंग की है। 1983 वर्ल्ड कप में भी उन्होंने बल्लेबाज और विकेटकीपर इन दोनों रूप में अपना जलवा दिखाया था। फाइनल मुकाबले में वह सिर्फ 14 रन अपने नाम कर पाए थे। हालांकि, वर्ल्ड कप के बाद वह क्रिकेट से दूर हो गए थे और अपने परिवार के साथ समय बिताते हैं। 2016 में, उन्हें भारत में क्रिकेट के लिए कर्नल सीके नायडू लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित किया गया था।
मदन लाल
मदन लाल भारतीय टीम के उन खिलाड़ियों में से एक हैं, जिन्होंने भारतीय क्रिकेट को एक अलग मुकाम पर पहुंचाया। उन्होंने 83 वर्ल्ड कप में दूसरे नंबर पर सबसे ज्यादा विकेट अपने नाम किए। उन्होंने इस सीरीज में 8 मैचों में 17 विकेट चटकाए थे। मदनलाल 2009 से कांग्रेस का हिस्सा है और राजनीति से जुड़ गए हैं। हालांकि क्रिकेट से जुड़े कई कार्यक्रमों में वह नजर आते हैं।
रोजर बिन्नी
रोजर बिन्नी विश्वकप जिताने वाली टीम का हिस्सा थे। उन्होंने फाइनल मुकाबले में 10 ओवर में 23 रन देकर 1 विकेट चटकाया था। वह भारतीय क्रिकेटर स्टुअर्ट बिन्नी के पिता है। हालांकि, क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद वह अपना अधिकतर समय परिवार के साथ ही बिताते हैं।
मोहिंदर अमरनाथ
मोहिंदर अमरनाथ दिग्गज खिलाड़ी रहे लाला अमरनाथ के बेटे हैं। 1983 विश्वकप जिताने में उन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी और वह टीम के उपकप्तान भी थे। उन्होंने वेस्टइंडीज के खिलाफ फाइनल मैच में 7 ओवर में 12 रन देकर 3 विकेट चटकाए थे और इस सीरीज में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज भी बने थे। मोहिंदर अमरनाथ अभी भी काफी एक्टिव और सोशल मीडिया के साथ ही टीवी पर भी खूब नजर आते हैं।
कीर्ति आजाद
कीर्ति आजाद वर्ल्ड कप 1983 में सबसे अच्छी इकोनॉमी से गेंदबाजी करने वाले गेंदबाज रहे थे। क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद उन्होंने कांग्रेस पार्टी ज्वाइन कर ली और अब वह एक नेता के रूप में काम कर रहे हैं।
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