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कभी भारत के लिए ओपनिंग करता था ये खिलाड़ी, फिर फिक्सिंग में उछाला ऐसा नाम की बर्बाद हुआ क्रिकेट करियर
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पूर्व भारतीय क्रिकेटर मनोज प्रभाकर उन खिलाड़ियों में से एक है, जिन्हें खेल से ज्यादा कॉन्ट्रोवर्सी के लिए जाना जाता है। 12 साल के लंबे क्रिकेट करियर के दौरान प्रभाकर की जिंदगी में कई उतार-चढ़ाव आए।
15 अप्रैल 1963 को उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में जन्में मनोज प्रभाकर दिल्ली के लिए घरेलू क्रिकेट खेला करते थे। वह एक दाएं हाथ के मीडियम फास्ट बॉलर गेंदबाज और बेहतरीन बल्लेबाज भी थे।
उन्होंने अप्रैल 1984 में वनडे और दिसंबर 1984 में ही टेस्ट क्रिकेट में डेब्यू किया। टीम इंडिया के लिए उन्होंने 1984 से 1996 तक क्रिकेट खेला और भारतीय क्रिकेट के लिए शानदार योगदान दिया।
अपने 12 साल लंबे क्रिकेट करियर के दौरान प्रभाकर ने 130 वनडे मैच में 1858 रन बनाए। उनका हाईस्कोर 106 है। वहीं वनडे में उनके नाम 157 विकेट भी दर्ज है। इसके अलावा 39 टेस्ट मैच में उन्होंने 1600 रन और 96 अपने नाम किए थे।
अपने क्रिकेट करियर के दौरान वे कई बार विवादों में भी रहे। 1994 में उनकी धीमीं बल्लेबाजी के चलते भारत 4 रनों से मैच हार गया था। जबकि भारत को जीत के लिए नौ ओवर में 63 रन चाहिए थे। लेकिन प्रभाकर और मोंगिया मिलकर 16 रन बना सकें। इसके बाद उन्हें कुछ समय के लिए टीम से ड्रॉप कर दिया गया था।
उनकी जिंदगी उस वक्त भूचाल आया, जब मैच फिक्सिंग के चलते उनपर जिंदगीभर का बैन लगा दिया गया था। दरअसल, 1999 में वे मैच फिक्सिंग से जुड़े स्टिंग ऑपरेशन में शामिल हुए। उन्होंने कई बड़े भारतीय क्रिकेटरों पर मैच फिक्सिंग का आरोप लगाया। लेकिन इसमें वह खुद फंस गए।
उन्हें वेस्टइंडीज के खिलाफ मैच फिक्सिंग में दोषी करार दिया गया। जिसके बाद साल 2000 में उन्हें बीसीसीआई ने बैन कर दिया। करीब छह साल बाद उनसे बैन हटाया गया।
मनोज प्रभाकर ने बॉलीवुड एक्ट्रेस फरहीन से गुपचुप तरीके से शादी की थी। पिछले साल उनपर और उनकी पत्नी फरहीन के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज हुआ था। उनकी पहली पत्नी ने आरोप लगाया था कि, फरहीन ने एक फ्लैट लौटाने के लिए 1.50 करोड़ रुपये की मांग की थी। उन्होंने कहा था कि, मनोज प्रभाकर के गुंडों ने फ्लैट का ताला तोड़ा और कब्जा कर लिया।
अपने ऊपर लगे आरोपों के सालों बाद उन्होंने दिल्ली रणजी टीम और राजस्थान टीम को ट्रेनिंग भी दी। 2016 के टी20 वर्ल्ड कप से पहले वे अफगानिस्तान के गेंदबाजी कोच भी थे।