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कैसी दिखती हैं विराट से लेकर वीरेंद्र सहवाग सहित इन 10 क्रिकेटर्स की मां, जानें कैसा है मां-बेटे का रिश्ता
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सचिन- रजनी तेंदुलकर
सचिन तेंदुलकर की मां रजनी तेंदुलकर एक बीमा कंपनी में काम करती थीं। सचिन अपनी मां से बहुत क्लोज हैं। पिछले साल पेरेंट्स डे पर उन्होंने अपनी मां और पिता के साथ एक तस्वीर पोस्ट करते बताया था कि उनके माता-पिता के 'समर्थन और मार्गदर्शन' ने उनकी सफलता में मदद की। तेंदुलकर ने लिखा था, 'बिना शर्त प्यार, समर्थन और ध्यान, हमारे माता-पिता ने ये सब हमको दिया जब हम बड़े हो रहे थे...'
वीरेंद्र-कृष्णा सहवाग
वीरेंद्र सहवाग अपने माता-पिता के चार बच्चों में तीसरी संतान हैं। सहवाग से बड़ी दो बहनें मंजू और अंजू हैं जबकि उनका एक छोटा भाई विनोद हैं। सहवाग बताते हैं कि खेलने और पढ़ाई के लिए उनकी कई बार पिटाई होती थी, लेकिन एक बार तो उनकी मां ने उनकी चप्पलों से तक से मार लगाई थी। सहवाग ने एक इंटव्यू में बताया था कि 'एक दिन मैंने अपने पिता की बीड़ी का बंडल चुरा लिया और मैं चार कजन के साथ घर के पास बने हॉस्पिटल की दीवार पर बैठ गया। हम पांचों भाई लाइन में एक साथ बीड़ी के कश लगा रहे थे। फिर क्या था, मां ने देख लिया और चप्पलों और डंडों से खूब पिटाई हुई।'
अजिंक्य- सुजाता रहाणे
अजिंक्य रहाणे आज जिस मुकाम पर रहाणे पहुंचे हैं, उसका श्रेय वो अपने माता-पिता को देते हैं। एक इंटरव्यू में उन्होंने बताया था उनकी मां ने गरीबी में भी उनका स्पोर्ट्स के प्रति इंट्रेस्ट कम नहीं होने दिया। उनका ट्रेनिंग कैंप घर से आठ किलोमीटर दूर था। ऐसे में उनकी मां गोद में उनके छोटे भाई को उठाकर दूसरे कंधे पर रहाणे का बैग टांग कर चलती थीं। उस समय उनके परिवार के पास रिक्शा के पैसे भी नहीं थे।
विराट-सरोज कोहली
विराट के पिता प्रेम कोहली एक क्रिमिनल वकील थे और मां सरोज कोहली एक हाउसवाइफ हैं। पिता की मौत के बाद मां सरोज ने विराट को पूरी तरह से संभाला। विराट का जन्म एक पंजाबी परिवार में हुआ था, ऐसे में उनकी डाइटिंग की वजह से उनकी मां बहुत परेशान हुआ करती थीं। उन्हें लगता था कि विराट बीमार हैं। विराट कोहली ने एक इंटव्यू के दौरान बताया था कि, 'मुझे हर दूसरे दिन मुझे अपनी मां को विश्वास दिलाना पड़ता था कि मैं बीमार नहीं हूं। मैं अच्छा खेलने के लिए वजन कम कर रहा हूं।'
हार्दिक- नलीनी पंड्या
भारतीय टीम के खिलाड़ी हार्दिक और क्रुणाल पंड्या की मां ने भी अपने दोनों बच्चों को सफल क्रिकेटर बनाने में बड़ा योगदान दिया। घर की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने के बाद भी उन्होंने बच्चों की क्रिकेट क्लास बंद नहीं करवाई। बच्चों को मैगी खिलाकर वह खुद भूखे पेट सो जाती थी। इस साल हार्दिक और क्रुणाल के पिता हिमांशु पंड्या का निधन हो गया था, जिसके बाद से दोनों बेटे ही मां का सहारा हैं।
युवराज-शबनम सिंह
युवराज सिंह अपनी मां शबनम सिंह के बहुत करीब हैं। जब युवराज सिंह को कैंसर हुआ था, तब शबनम ने रोने की जगह अपने बेटे को हिम्मत बढ़ाई थी। वो युवराज के साथ उनके हर कीमो सेशन में मौजूद रहती थी। उन्होंने एक बार कहा था कि अगर वो हार जाती तो युवराज टूट जाता। हालांकि युवराज के पिता योगराज सिंह ने शबनम को तलाक दे दिया और सतवीर कौर से शादी कर ली।
रोहित- पूर्णिमा शर्मा
भारतीय टीम के सलामी बल्लेबीज रोहित शर्मा की मां का नाम पूर्णिमा शर्मा है जो विशाखापट्नम से हैं। रोहित के पिताजी का नाम गुरुनाथ शर्मा है, वो भी क्रिकेटर थे जो अपनी फर्म के लिए क्रिकेट खेला करते थे। रोहित का बचपन बहुत मुश्किलों में निकला था, ऐसे में उनकी मां ने हमेशा उनका साथ दिया था।
एमएस धोनी- देवकी देवी
भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान एमएस धोनी अपनी मां के बहुत करीब हैं। हाल ही में उनके माता-पिता को कोरोना हो गया था, लेकिन अब वह पूरी तरह स्वस्थ हैं। एक बार धोनी की सफेद दाढ़ी को देख उनकी मां देवकी देवी ने कहा था कि 'किसी मां के लिए उसका बच्चा कभी बूढ़ा नहीं हो सकता।'
शिखर-सुनैना धवन
शिखर धवन की जिंदगी में उनकी मां बहुत अहमियत रखती हैं। सिंतबर 2017 में शिखर की मां सुनैना धवन की तबियत अचानक खराब हो गई थी, उस समय धवन श्रीलंका दौरे पर थे। ऐसे में वह सबकुछ छोड़कर मां के पास लौट आए थे।
जसप्रीत- दलजीत बुमराह
जसप्रीत बुमराह ने 5 साल की उम्र में अपने पिता को खो दिया था। इसके बाद उनकी मां दलजीत ने ही उन्हें और उनकी बहन को बड़ा किया। पिता के निधन के बाद बुमराह का पारिवार आर्थिक रूप से कमजोर हो गया था। इसके बाद भी उनकी मां ने अपने बेटे के सपने को सकार किया। एक इंटरव्यू में बुमराह की मां ने कहा था, 'जब पहली बार मैं इसे आईपीएल में खेलते हुए देखी तो रोने लगी थी। इसने मुझे आर्थिक और शारीरिक रूप से भी संघर्ष करते देखा है।'
इस दिन खिलाड़ियों ने दिया मां को सम्मान
29 अक्टूबर 2016 में भारतीय टीम के खिलाड़ियों ने विशाखापत्तनम में न्यूजीलैंड के खिलाफ वनडे मैच में अपनी-अपनी माओं को सम्मान दिया था। उन्होंने अपनी जर्सी के पीछे सरनेम की बजाय अपनी मां का नाम लिखा था।