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यूं घर बैठे लोगों तक पहुंच रहे हैं केजरीवाल, दिल्ली जीतने के लिए बनाया हाई टेक वॉर रूम
| Published : Jan 27 2020, 04:13 PM IST / Updated: Jan 27 2020, 04:28 PM IST
यूं घर बैठे लोगों तक पहुंच रहे हैं केजरीवाल, दिल्ली जीतने के लिए बनाया हाई टेक वॉर रूम
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दिल्ली चुनावी कैंपेन और रैलियों को कवर करने के लिए पार्टी ऑफिस में एक कंट्रोल वॉर रूम बनाया गया है। इस वॉर रूम के बारे में जानकर आप दंग रह जाएंगे।
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केजरीवाल का कहना है कि "मैं दिल्ली के हर घर में जा कर लोगों के सवालों के जवाब देना चाहता था। ये प्रैक्टकली तो मेरे लिए संभव नहीं है, लेकिन तकनीक की मदद से हम आप लोगो तक पहुंचने की कोशिश करेंगे। इसका मतलब है कि सोशल मीडिया के जरिए लोगों से जुड़ रहे हैं।" इस अभियान को केजरीवाल की टीम ने 26 जनवरी के बाद शुरू किया है।
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केजरीवाल का सोशल मीडिया चुनावी प्रचार उनका एक हाई-टेक वॉर रूम संभाल रहा है जहां कई लोगों की तैनाती है। दिल्ली जीतने के लिए केजरीवाल ने एक पूरा साइबर जाल बिछाया है।
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ऑफिस में एक कंट्रोल वॉर रूम से पूरे चुनाव प्रचार पर नजर रखी जाएगी। पार्टी ने सभी संसदीय क्षेत्र में पर्यवेक्षक की तैनाती की है। इस वॉर रूम में चार सेक्शन बनाए गए हैं। इसमें सोशल मीडिया सेल, लीगल सेल, ग्राउंड कैंपेन सेल के साथ-साथ प्रचार को लुभावना बनाने को अलग सेल बनाया गया है। सबसे मजबूत सोशल मीडिया व लीगल सेल में पांच-पांच लोगों की टीम बनाई गई है।
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ग्राउंड कैंपेन सेल प्रचार रैलियों का निरीक्षण करेगी। प्रमुख नेताओं की रैलियों और कार्यक्रमों की पूरी जानकारी रखेगी। वॉर रूम सभी विधानसभा क्षेत्रों की निगरानी भी करेगा। वॉर रूम में एक समय में 20 लोग तैनात रहेंगे। जैसे-जैसे चुनाव करीब आएगा, इसे और प्रभावी बनाया जाएगा। सोशल मीडिया सेल में उन वालंटियर्स को भी जिम्मेदारी दी गई है, जिन्होंने 2015 के विधानसभा चुनाव में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
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इसी तरह लीगल सेल में निचली अदालतों के वकीलों से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक के वकील लगाए गए हैं, जो प्रत्याशियों के नामांकन की भी जांच करते हैं। वॉर रूम का नेतृत्व कर रहे डायलॉग एवं डेवलपमेंट कमीशन ऑफ दिल्ली के उपाध्यक्ष जस्मिन शाह कहते हैं कि यहां सब कुछ व्यवस्थित तरीके से चल रहा है।
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अब बात आ रही है कि, आप का साइबर सेल कैसे काम कर रहा है। AAP की सोशल मीडिया टीम के सदस्य अभिजीत ने अपने काम के डेली रूटीन के बारे में बताया। उन्होंने कहा- 'हमें सुबह 9:30 बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस की लिस्ट मिलती है। जिसके बाद हम लोग उस जानकारी को सोशल मीडिया के जरिए जनता तक पहुंचाते हैं।'
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सोशल मीडिया पर वायरल मीम से जुड़े सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, 'हमारी टीम साथ बैठकर इंटरनेट पर दिलचस्प चीजों को देखती है फिर हम तय करते हैं कि क्या करना है। मीम्स में पॉप कल्चर और बॉलीवुड का बोलबाला है। हमने 'गली बॉय' का सहारा लिया तो BJP ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को 'पाप की अदालत' में दोषी ठहराया। कांग्रेस ने मुन्नाभाई के मीम के जरिए अपना मैसेज लोगों तक पहुंचाया।'
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उन्होंने आगे कहा, 'सियासी दलों के लिए सोशल मीडिया में अक्सर जीत उसी की होती है जिसके मजाकिया मीम्स पसंद किए जाते हैं।' डिजिटल रूम की सदस्य जूलिया कहती हैं, 'कई बार हम विरोधियों के पोस्ट देखते हैं कि उनका रुख बचाव का है या आक्रामक।' फेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम ही नहीं, इस बार नौजवान वोटरों के लिए उनके पसंदीदा प्लेटफॉर्म यानी 'टिकटॉक' पर भी चुनावी मीम्स से जुड़े वीडियो की मौजूदगी दर्ज करवाई जा रही है।
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आप का चुनावी थीम सॉन्ग 'लगे रहो केजरीवाल' इलेक्शन कैंपेन का तराना बन गया है जोकाफी पॉप्युलर हो रहा है। आप की साइबर टीम ने इसे चर्चा में लाने के लिए बीजेपी के दिल्ली ईकाई अध्यक्ष मनोज तिवारी के डांस स्पूफ बनाया था। वहीं केजरीवाल खुद भी बीजेपी के किसी नेता के रैली या बयान का सोशल मीडिया पर तुंरत पलटवार करते नजर आ रहे हैं। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने चुनावी घोषणापत्र से अलग एक 'केजरीवाल की दस गारंटी' कार्यक्रम भी शुरू किया है।