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FACT CHECK: कोरोना वैक्सीन के बहाने आपके शरीर में फिट की जाएगी माइक्रोचिप? जानें इस भयानक Viral दावे का सच
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कोरोना वायरस के इलाज को लेकर सोशल मीडिया पर सैकड़ों इलाज के दावे वायरल होते रहे हैं। घरेलू नुस्खे से लेकर चीन के षडयंत्र तक सब तरह की बातों लोगों को परेशां करती रही हैं। अब वैक्सीन को लेकर सोशल मीडिया पर माइक्रोचिप का दावा लोगों की नींदे उड़ाए है।
वायरल पोस्ट क्या है?
फेसबुक पर एक यूजर ने लिखा है, “कोरोना वैक्सीन के नाम पर चिप शरीर में फिट की जायेगी, करवाना मत!”
ऐसे षड़यंत्र की बात करने वाला एक मौलाना का वीडियो भी ट्विटर और फेसबुक पर काफी शेयर हो रहा है। वीडियो में वे कह रहे हैं, “ये जो वैक्सीन बनानी है न, इसकी दवा, इंजेक्शन बनाना है। इसमें वो ऐसी चीज डालना चाह रहे हैं कि आपका मिजाज काबू कर लेंगे वो। वो जो चाहेंगे, वही आप सोचेंगे। जो आप चाहेंगे, वो आप नहीं सोच सकेंगे। उसमें वो एक चिप डालना चाह रहे हैं बहुत छोटी-सी। वो लगाना लाजिमी कर देंगे। उसके बाद उनका एक दूसरा प्रोग्राम है करंसी, दुनिया में एक करंसी कर दो, दुनिया में नोट खत्म कर दो।”
फैक्ट चेक
कोरोना वायरस की वैक्सीन के जरिये शरीर में माइक्रोचिप लगा देने के षड़यंत्र की बात पिछले कई महीनों से सोशल मीडिया पर चल रही है। कुछ लोग इस तरह की बातों पर हैरानी जता रहे हैं तो कुछ को ये बातें डरा रही हैं। इन बातों को सच मान कर बहुत सारे लोग ऐसे पोस्ट शेयर भी कर रहे हैं। हालांकि वैक्सीन के जरिये शरीर में माइक्रोचिप लगाने की बात बिल्कुल बेबुनियाद है। हालांकि ये सच है कि वैक्सीन में माइक्रोचिप लगाने की तकनीक वर्तमान में मौजूद है जिसके जरिये वैक्सीन लगवाने वालों के आंकड़ों का हिसाब रखा जा सकता है।
क्या है सच्चाई
ब्रिटेन में लोगों को कोरोना वायरस रोधी वैक्सीन लगना शुरू हो चुका है। भारत में भी इसकी शुरुआत जल्द ही होने की उम्मीद है। हमें ऐसी कोई भी विश्वसनीय न्यूज रिपोर्ट नहीं मिली जिसमें कहा गया हो कि कोरोना वैक्सीन लगवाने से लोगों के शरीर में कोई माइक्रोचिप प्लांट हो जाएगी।
वैक्सीन में लगने वाली माइक्रोचिप कीवर्ड सर्च के जरिये हमें एक ऐसी तकनीक के बारे में पता लगा, जिसके जरिये वैक्सीन में माइक्रोचिप लगाई जा सकती है। इस बारे में ‘सीबीएन न्यूज’ के एक इंटरव्यू में प्री-फिल्ड सिरिंज बनाने वाली कंपनी Apiject के एग्जिक्यूटिव चेयरमैन जे वॉकर बताते हैं, “आरएफआईडी चिप वैक्सीन के बाहर लगाई जाती है।
इस चिप में वैक्सीन की हर खुराक का एक अलग सीरियल नंबर रिकॉर्ड होता है। इस चिप के जरिये मरीज की कोई भी व्यक्तिगत जानकारी नहीं ली जाती। ये एक बारकोड की तरह काम करता है। महामारी के मामले में ये तकनीक स्वास्थ्य कर्मियों के लिए बेहद फायदेमंद साबित होती है क्योंकि इससे वे आसानी से आकलन कर सकते हैं कि उन्होंने किसी इलाके में कितने लोगों को वैक्सीन लगा दी है।”
Apiject वो कंपनी है जिसे हाल ही में अमेरिकी सरकार ने कोविड-19 वैक्सीन के इंजेक्शन बनाने के लिए लोन दिया है। इस कंपनी के प्रवक्ता स्टीव हॉफमन ने ‘रॉयटर्स’ से बात करते हुए बताया, “माइक्रोचिप को वैक्सीन लगवाने वालों के शरीर में प्लांट नहीं किया जाएगा। वैसे अमेरिकी सरकार ने अब तक इस चिप को वैक्सीन में लगवाने की कोई मांग नहीं रखी है।”
मौलाना वाले वीडियो का सच
हमने पाया कि वायरल वीडियो पाकिस्तान के इस्लामिक विशेषज्ञ मौलाना कौकब नूरानी ओकारवी का है। तकरीबन सात महीने पहले मौलाना कौकब का ये वीडियो वायरल हुआ था। मीडिया में भी इस पर काफी चर्चा हुई थी। ‘इस्लामिक लेक्चर्स ऑफिशियल’नाम के यूट्यूब चैनल पर हमें वायरल वीडियो का एक लंबा वर्जन मिला।
वीडियो में मौलाना कौकब ने कोरोना वैक्सीन के जरिये लोगों के शरीर में माइक्रोचिप डालने की जो बात कही है, लेकिन ये बात आधारहीन है। उन्होंने करंसी को लेकर भी एक दावा किया है, जिसके बारे में हम कुछ नहीं कह सकते।
ये निकला नतीजा
ये बात स्पष्ट है कि कोरोना वायरस की वैक्सीन को जो लोग माइक्रोचिप प्लांट करने का षड़यंत्र बता रहे हैं, वे सिर्फ डर और भ्रम फैलाने की कोशिश कर रहे हैं।