FACT CHECK. कोरोना वायरस से नहीं हुई एक भी मुसलमान की मौत
नई दिल्ली. चीन के वुहान शहर से फैले कोरोना वायरस ने महामारी का रूप ले लिया है। कोरोना वायरस ने कई दूसरे देशों में भी पैर पसार लिए हैं। इस बीच वायरस को लेकर सोशल मीडिया पर कई तरह के दावे किए जा रहे हैं। सोशल मीडिया पर वायरल एक पोस्ट के जरिए यह दावा किया जा रहा है कि चीन में एक भी व्यक्ति मुसलमान नहीं है। फैक्ट चेकिंग में आइए जानते हैं कि आखिर इस दावे की सच्चाई क्या है?
| Published : Mar 22 2020, 12:58 PM IST / Updated: Mar 24 2020, 04:34 PM IST
FACT CHECK. कोरोना वायरस से नहीं हुई एक भी मुसलमान की मौत
Share this Photo Gallery
- FB
- TW
- Linkdin
18
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अब तक पूरी दुनिया में मरने वालों की संख्या 7 हजार से भी ऊपर जा चुकी है।
28
चीन के अलावा ईरान में 1200 से ज्यादा लोगों की मौत कोरोना वायरस से हो चुकी है। भारत में अब तक पांच मौत दर्ज हुई हैं और संक्रमित लोगी संख्या तीन सौ से पार है।
38
वायरल पोस्ट क्या है? वायरल फेसबुक पोस्ट में teesrijungnews नामक न्यूज वेबसाइट के एक आर्टिकल का लिंक शेयर किया गया है जिसका शीर्षक है- करोना से चीन में एक भी मुसलमान की मौत नहीं हुई है: चीन में अब लोगों के हुजूम नमाज पढ़ने आ रहे हैं: रिपोर्ट वीडियो।
48
क्या दावा किया जा रहा? इस आर्टिकल में सच बोलने और हमेशा ईमानदार रहने के बारे में बातें लिखी गई हैं, हालांकि इसमें आखिर में जाकर यह बात भी लिखी है कि चीन में कोरोना वायरस से एक भी मुसलमान की मौत नहीं हुई है।
58
वायरल तस्वीर का सच क्या है? पड़ताल में पाया कि वायरल हो रहा दावा भ्रामक है। चीन में कोरोना वायरस से मरने वालों की संख्या तीन हजार के पार पहुंच गई है, हालांकि चीन की तरफ से ऐसा कोई बयान नहीं आया है कि मरने वालों में एक भी मुसलमान नहीं है, न ही मरने वालों के नामों की सूची जारी की गई है।
68
आर्टिकल में कुछ लोगों के सड़क पर नमाज पढ़ते हुए लोगों का वीडियो भी लगाया गया है यह वीडियो चीन का ही है, लेकिन यह करीब चार साल पुराना वीडियो है। वहीं कोरोना वायरस से ईरान में भी मौतें हुई हैं और ईरान में मुसलमानों की आबादी ज्यादा है। ऐसे में कोरोना का मुस्लिमों पर असर न करने वाला दावा हास्यस्पद है।
78
ये निकला नतीजा यहां गौर करने वाली बात यह है कि आर्टिकल में न तो किसी रिपोर्टर का नाम दिया गया है और न ही इसमें इस दावे की पुष्टि करती किसी रिपोर्ट या स्टेटमेंट का जिक्र किया गया है।
88
वेबसाइट का फेसबुक पेज और ट्विटर हैंडल भी डिलीट किया जा चुका है। ऐसे में इस वेबसाइट पर छपी खबर की सत्यता पर यकीन करना मुश्किल है।