- Home
- Fact Check News
- कोरोना से मरे शख्स को छूने से नहीं होगा इन्फेक्शन, पर इन 3 खतरनाक बीमारियों का हो सकते हैं शिकार
कोरोना से मरे शख्स को छूने से नहीं होगा इन्फेक्शन, पर इन 3 खतरनाक बीमारियों का हो सकते हैं शिकार
| Published : Apr 07 2020, 07:28 PM IST / Updated: Apr 07 2020, 07:34 PM IST
कोरोना से मरे शख्स को छूने से नहीं होगा इन्फेक्शन, पर इन 3 खतरनाक बीमारियों का हो सकते हैं शिकार
Share this Photo Gallery
- FB
- TW
- Linkdin
110
सबसे पहला सवाल उठा कि क्या कोरोना के मरीज की डेड बॉडी (शव) से भी COVID-19 प्रसारित हो सकता है। शव के संपर्क में आने वाले लोग कोरोना पॉजिटिव हो सकते हैं। इसका जवाब आया है- नहीं, शव से संक्रमण प्रसारित नहीं होता।
210
WHO के मुताबिक कोरोना से मारे गए व्यक्ति की डेड बॉडी से कोरोना वायरस नहीं फैलता। ये मिथ है। ऐसा कोई केस सामने नहीं आया कि कोरोना के मरीज की लाश छूने वाला संक्रमिता हुआ हो, क्योंकि वायरस परजीवी है। मरीज के मरने पर खत्म हो जाता है।
310
डब्ल्यूएचओ के अनुसार, बुखार (जैसे इबोला, मारबर्ग) और हैजा के मामलों को छोड़कर, आमतौर पर मृत शरीर संक्रामक नहीं होते हैं। केवल महामारी इन्फ्लूएंजा वाले रोगियों के फेफड़े, यदि शव परीक्षा के दौरान अनुचित तरीके से रखा जाता है, तो संक्रामक हो सकता है। अन्यथा शव ऐसे रोग संचारित नहीं करते हैं।
410
यह एक आम मिथक है कि जिन व्यक्तियों की संक्रामक बीमारी से मृत्यु हो गई है, उनको जलाकर अंतिम संस्कार किया जाना चाहिए लेकिन ये सच नहीं है। 24 मार्च तक COVID -19 से मारे व्यक्तियों के शवों के संपर्क में आने से संक्रमित होने का कोई केस या सबूत सामने नहीं आया है।
510
लेकिन डब्ल्यूएचओ ने कोरोना संक्रमित और शव के संपर्क में आने वाले डॉक्टर, नर्सों, हेल्थ वर्कर्स अन्य गंभीर बीमारी जकड़ सकती हैं। ये बीमारी इन लोगों की जान भी ले सकती हैं। इसमें यौन रोग एड्स भी शामिल है।
610
डब्ल्यूएचओ के मुताबिक, जो लोग लगातार COVID -19 से मरने वाले लोगों की लाशों के संपर्क में रहे हैं, वे तपेदिक, रक्तवाहक वायरस (जैसे हेपेटाइटिस बी और सी और एचआईवी (एड्स) और पाचन संबंधी संक्रमण का शिकार हो सकते हैं।
710
कार्यकर्ता जो नियमित रूप से लाशों को संभालते हैं उन्हें क्षय रोग, रक्तवाहक विषाणु (जैसे हेपेटाइटिस बी और सी और एचआईवी) और जठरांत्र संबंधी संक्रमण (जैसे हैजा, हेपेटाइटिस, रोटावायरस दस्त, साल्मोनेलोसिस, टाइग्लोसिस और टाइफाइड / पैराफॉइड / पैराफॉइड) जैसी जान जोखिम में डालने वाली बीमारियां लग सकती हैं।
810
इसलिए कोरोना मरीजों के संपर्क में आए डॉक्टर्स की मौत ज्यादा तादाद में हुई है। चीन में जिस डॉक्टर ने कोरोना के संक्रमण की जानकारी दी थी उनकी भी कुछ समय के अंदर ही मौत हो गई थी। चीन में कई डॉक्टर कोरोना मरीजों का इलाज करते-करते दम तोड़ गए। दूसरे देशों में भी ये हुआ है।
910
भारत में कई सौ डॉक्टर कोरोना से संक्रमित हो गए हैं। पाकिस्तान के एक युवा डॉक्टर की भी मौत हो चुकी है क्योंकि उसने कोरोना संक्रमित लोगों की जांच की थी। भारत में कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या 4,900 के पार जा पहुंची है। इसकी वजह से सरकार ने बुनियादी ज़रुरतों से जुड़ी चीज़ों को छोड़कर बाकी सभी चीज़ों पर पाबंदी लगा दी है।
1010
दुनिया भर में 13 लाख से ज़्यादा कन्फ़र्म केस सामने आये हैं और 74 हज़ार से ज़्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। इस बीमारी ने लाखों को संक्रमित किया है। चीन, अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, भारत, पाकिस्तान, इटली, ईरान आदि देशों में कोरोना ने तबाही मचाई हुई है।