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क्या PM ने कहा कि परीक्षा में कठिन प्रश्नों को पहले हल करें? नहीं, इस वायरल मैसेज में बोला जा रहा है बड़ा झूठ
पीएम मोदी ने 7 अप्रैल को देश भर के छात्रों, अभिभावकों और शिक्षकों के साथ "Pariksha Pe Charcha 2021" में बातचीत की। नब्बे मिनट तक चली बातचीत में पीएम ने छात्र-छात्राओं की बात सुनी और अपने अनुभव भी साझा किए। कार्यक्रम खत्म होने के बाद पीएम मोदी को लेकर एक बयान सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।
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पीएम मोदी से जुड़ी वायरल पोस्ट में क्या है?
कार्यक्रम के बाद सोशल मीडिया पर एक मैसेज वायरल हुआ, जिसमें दावा किया गया कि पीएम मोदी ने बातचीत में कहा कि छात्रों से परीक्षा के दौरान पहले कठिन प्रश्नों को हल करने का प्रयास करना चाहिए।
कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने भी ट्वीट कर कहा, बच्चों, ऐसी गलत सलाह पर ध्यान देकर अपना नुकसान ना कर बैठना। कठिन प्रश्न पहले करने में यदि फंस गए तो समय बर्बाद होगा वो हाथ पांव फूलने लगेंगे कि आसान प्रश्नों को हल करने का समय कहीं चला ही जाए। आसान प्रश्न करके बचे हुए समय में कॉन्फिंडेंस से कठिन प्रश्नों को हैंडल किया जाता है। हालांकि बाद में कांग्रेस नेता पवन खेरा ने ट्वीट को डिलीट कर दिया।
आजतक के ट्विटर हैंडल पर भी शेयर किया गया, पीएम मोदी का परीक्षार्थियों को कठिन प्रश्नों को पहले पहल करने की सलाह।
रिटायर्ड IAS सूर्य प्रताप सिंह ने भी ट्वीट कर कहा, प्रधानमंत्री जी, आपको देश में करोड़ों लोग देखते और सुनते हैं। आज परीक्षा पर चर्चा कार्यक्रम में आपने कहा कठिन सवाल पहले हाल करें, जो किसी भी प्रतियोगी छात्र के लिए आत्मघाती सलाह है। मैंने देश की तीनों सर्वोच्च परीक्षाएx IAS, IPS और IFS क्वालिफाई की हैं, अनुभव से कह रहा हूं।
पीएम मोदी से जुड़ी वायरल पोस्ट की सच्चाई?
कठिन चैप्टर और विषयों के बारे में बात करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि छात्रों को प्रत्येक विषय पर समान दृष्टिकोण और ऊर्जा के साथ पढ़ना चाहिए। हालांकि पढ़ाई में पहले आसान चैंप्टर को पढ़ना और परीक्षा में आसान सवालों को हल करना सिखाया जाता है, लेकिन पढ़ाई के दौरान चैप्टर की पढ़ाई पर उनके विचार अलग हैं। उन्होंने कहा कि सबसे कठिन चैप्टर्स को पहले 'ताजा दिमाग' से पढ़ा जाना चाहिए। उन्होंने गुजरात के मुख्यमंत्री और भारत के प्रधानमंत्री के पद पर रहते हुए अपना अनुभव साझा किया। उन्होंने कहा कि वह सुबह के समय नए सिरे से मुश्किल मुद्दों से निपटना पसंद करते थे। उन्होंने छात्रों को सलाह दी कि वे कठिन चैप्टर्स से दूर न भागें।
निष्कर्ष
पीएम मोदी ने कठिन चैप्टर्स को पहले पढ़ने की बात कही, न कि परीक्षा के दौरान कठिन प्रश्नों को पहले हल करने की बात कही थी। विपक्षी दलों के नेताओं, IAS अधिकारियों और कई अन्य लोगों को भ्रमित करने वाले दावे गलत साबित हुए।