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FACT CHECK: बंदूक के सामने 1 हाथ में लाठी तो दूजे में ईंट उठाए खड़ा रहा किसान? जानें वायरल फोटो का सच
फैक्ट चेक डेस्क. विपक्ष के जोरदार हंगामे के बीच राज्यसभा में कृषि से जुड़े दो बिल ध्वनि मत से पास हो गए। केंद्र सरकार की ओर से लाए गए कृषि विधेयकों का पंजाब और हरियाणा समेत कई राज्यों के किसान विरोध कर रहे हैं। सरकार का कहना है कि इन कानूनों से किसानों का फायदा होगा, वहीं किसान संगठनों को डर है कि नए कानून से पूंजीपति कृषि क्षेत्र पर हावी हो जाएंगे। किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की व्यवस्था खत्म हो जाने की चिंता भी सता रही है। कुछ दिन पहले इन विधेयकों के विरोध के चलते हरियाणा में किसानों पर लाठी चार्ज भी हुआ था। इसी के मद्देनजर सोशल मीडिया पर एक तस्वीर खूब वायरल होने लगी है. तस्वीर को अभी चल रहे किसान आंदोलन से जोड़ा जा रहा है। तस्वीर में एक बुजुर्ग व्यक्ति सुरक्षा बल के एक जवान को ईंट दिखाता हुआ नजर आ रहा है, वहीं जवान के हाथ में बंदूक है। दोनों के हाथों में लाठी भी देखी जा सकती है।
फैक्ट चेक में आइए जानते हैं कि इस तस्वीर का सच क्या है?
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ये तस्वीर किसान आंदोलन से जोड़कर जमकर शेयर की जा रही है। हालांकि फैक्ट चेक में तस्वीर से जुड़ा मामला कुछ और ही निकला।
वायरल पोस्ट क्या है?
तस्वीर को पोस्ट करते हुए लोग लिख रहे हैं, "मत मारो गोलियों से मुझे मैं पहले से एक दुखी इंसान हूं, मेरी मौत की वजह यही है कि मैं पेशे से एक किसान हूं। #kishanVirodhiNarendraModi"
दिल्ली और मुंबई यूथ कांग्रेस के ट्विटर अकाउंट से भी इस तस्वीर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आलोचना करते हुए शेयर किया गया है।
फैक्ट चेक
जांच में हमने पाया कि वायरल पोस्ट में दिखाई जा रही तस्वीर सात साल पुरानी है। इस तस्वीर का अभी चल रहे किसान विरोध से कोई लेना देना नहीं है। तस्वीर को गूगल पर रिवर्स सर्च करने पर हमें इससे जुड़ी कुछ न्यूज रिपोर्ट्स मिलीं। ये तस्वीर सितंबर, 2013 में यूपी के मेरठ के खेरा गांव में ली गई थी। उस समय विधायक संगीत सोम को मुजफ्फरनगर दंगों के संबंध में गिरफ्तार कर लिया गया था।
संगीत सोम पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) भी लगा दिया गया था। गिरफ्तारी का विरोध करते हुए खेरा गांव में बड़ी संख्या में लोग इकट्ठा हो गए थे और उनकी पुलिस से झड़प हो गई थी। झड़प में पुलिस पर पत्थर फेंकने की बात भी सामने आई थी। हिंसा में पुलिसकर्मियों सहित कई लोग घायल हुए थे। वायरल तस्वीर भी इसी दौरान की है।
‘द इंडियन एक्सप्रेस’ और ‘द पायनियर’ ने तस्वीर का इस्तेमाल करते हुए इस मामले पर खबरें छापी थीं। बता दें कि 2013 में उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी की और केंद्र में यूपीए की सरकार थी।
ये निकला नतीजा
यहां ये स्पष्ट हो जाता है कि वायरल तस्वीर अभी की नहीं बल्कि सात साल पुरानी है। तस्वीर किसान आंदोलन से भी नहीं जुड़ी है। हालांकि 10 सितंबर को हरियाणा के कुरुक्षेत्र में कृषि विधेयकों का विरोध कर रहे किसानों पर पुलिस ने लाठी चार्ज जरूर किया था। इसमें कई किसानों के घायल होने की खबर भी आई थी।