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कोरोना के बीच कोलकाता में मुहर्रम के जुलूस और रैली में लगे इस्लाम जिंदाबाद के नारे? जानें वायरल वीडियो का सच
फैक्ट चेक डेस्क. muslims chanting islam zindabad on muharram 2020: सोशल मीडिया पर एक रैली का वीडियो वायरल हो रहा है। जिसमें बड़ी संख्या में मुस्लिम समाज के लोग शामिल हैं। वीडियो के बैकग्राउंड में “इस्लाम जिंदाबाद” का नारा बजता सुनाई देता है। वीडियो के साथ दावा किया जा रहा है कि ये रैली पश्चिम बंगाल के कोलकाता में हुई। फैक्ट चेक में आइए जानते हैं कि क्या वाकई ये वीडियो कोलकाता है कि और हाल में गुजरे मौहर्रम के मौके पर सामने आया था?
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क्या है दावा
कई फेसबुक और ट्विटर यूजर्स ने ये वीडियो शेयर करते हुए लिखा है, “ये कराची, कश्मीर या केरल नहीं है। “इस्लाम जिंदाबाद” का ये नारा ममता बनर्जी के शासन वाले पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में लगाया जा रहा है!”
वायरल वीडियो के साथ बैकग्राउंड में एक बंगाली गाना बज रहा है, जिसमें “इस्लाम जिंदाबाद” का नारा बार बार दोहराता है। कई ट्विटर यूजर्स ने ये पोस्ट इसी गलत दावे के साथ पोस्ट की है।
क्या है सच
जांच-पड़ताल में हमने पाया कि, वायरल वीडियो कोलकाता का नहीं, बल्कि बांग्लादेश के ढाका का है। ये वीडियो 2017 का है, जब म्यांमार में रोहिंग्या मुसलमानों के खिलाफ सैन्य कार्रवाई के विरोध में बांग्लादेश में रैली निकाली गई थी। ये रैली 'इस्लामी आंदोलन बांग्लादेश' नाम की राजनीतिक पार्टी ने आयोजित की थी।
कुछ कीवर्ड्स सर्च की मदद से हमें 13 सितंबर, 2017 को 'The Financial Express' और बांग्लादेशी न्यूज पोर्टल 'बांग्ला न्यूज 24' पर छपे लेख मिले।
लेखक और स्तंभकार तारेक फतह ने भी ये वीडियो इसी तरह भ्रामक दावे के साथ ट्वीट किया था। हालांकि, लोगों के ये बताने के बाद कि ये वीडियो पश्चिम बंगाल का नहीं, बांग्लादेश का है, उन्होंने अपना ट्वीट डिलीट करते हुए माफी मांग ली।
फैक्ट चेक
वीडियो के फ्रेम्स को इनविड टूल के जरिये रिवर्स सर्च करने पर हमने पाया कि यही वायरल वीडियो 13 सितंबर, 2017 को कई यूट्यूब चैनलों पर अपलोड किया गया है। इन यूट्यूब चैनलों पर बांग्ला भाषा में वीडियो के साथ लिखा गया है कि ये वीडियो म्यांमार में मुसलमानों की हत्याओं के खिलाफ ढाका में आयोजित 'इस्लामी आंदोलन बांग्लादेश' की रैली का है।
हमने पाया कि वायरल वीडियो में दिख रहे प्रदर्शनकारी बांग्लादेश का झंडा लहरा रहे हैं। हमें बांग्लादेशी न्यूज चैनल 'चैनल i' द्वारा अपलोड की गई उसी रैली की एक न्यूज क्लिप भी मिली, जिसमें बैकग्राउंड में "इस्लाम जिंदाबाद" की जगह रैली की वास्तविक आवाजें सुनाई दे रही हैं।
ये निकला नतीजा
कुछ दिन पहले यही वायरल वीडियो अलग अलग भ्रामक दावे के साथ फेसबुक पर पोस्ट किया गया था। इसलिए निष्कर्ष निकाला जा सकता है कि भ्रामक दावों के साथ वायरल हो रहा ये वीडियो कोलकाता का नहीं, बल्कि 2017 में बांग्लादेश में आयोजित एक रैली का है। इस वीडियो का कोरोना के बीच हुए मोहर्रम से भी कोई लेना-देना नहीं है।
(Demo pic)