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FACT CHECK: 12 साल बाद भी कब्र से ताजातरीन निकला सद्दाम हुसैन का शव? जानें इस वायरल VIDEO का सच
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बता दें कि 2003 में इराक़ पर अमेरिका के नेतृत्व में हमला हुआ था जहां इसी साल के आख़िरी महीने में सद्दाम हुसैन को अमरीकी सेना ने पकड़ लिया था। इसके बाद 30 दिसम्बर 2006 को सद्दाम हुसैन को दुजैल गांव में हुए नरसंहार मामले में फांसी दी गई थी।
वायरल पोस्ट क्या है?
30 अगस्त 2020 को एक फ़ेसबुक पेज ने एक वीडियो पोस्ट करते हुए लिखा, “इराकी सदर ने 12 साल बाद सद्दाम हुसैन की कब्र मुनतकिल करने के लिए खोदी तो चेहरा उसी तरह तरोताजा ही है” आर्टिकल लिखे जाने तक इस वीडियो को 1,800 बार देखा गया है।
कई फ़ेसबुक यूज़र ने ये वीडियो इसी दावे के साथ पोस्ट किया है।
फैक्ट-चेक
सबसे पहली बात जो इस दावे की सच्चाई पर शक करने को मजबूर करती है, वो है 12 साल बाद शव निकाले जाने का दावा। सद्दाम को दफ़न किये 14 साल बीत चुके हैं। इस हिसाब से ये दावा गणित के मानकों पर खरा नहीं उतरता है।
की-वर्ड्स सर्च करने पर हमें शेयर किये जा रहे वीडियो का लंबा वर्ज़न यूट्यूब पर मिला जिसे 2007 में अपलोड किया गया था। ये वीडियो सद्दाम हुसैन को फांसी दिए जाने के 7 दिन बाद यानी 6 जनवरी 2007 को अपलोड किया गया था। ये वीडियो सद्दाम हुसैन की अंतिम यात्रा का है जिसमें सद्दाम के शव को दफ़न होते हुए भी देखा जा सकता है। 9 मिनट लंबे इस वीडियो में आपको वायरल वीडियो के दृश्य 6 मिनट 27 सेकंड पर देखने को मिलेंगे।
वायरल वीडियो और 2007 के वीडियो के फ़्रेम्स का मिलान करने पर दोनों के एक होने की बात साफ़ हो गई।
सद्दाम हुसैन के अंतिम संस्कार के बारे में सर्च करते हुए 23 जुलाई 2015 को एपी आर्काइव (AP Archive) पर अपलोड किया हुआ एक वीडियो मिला। इस वीडियो में लोगों को सद्दाम हुसैन को दफ़न करते हुए देखा जा सकता है।
बता दें कि सद्दाम हुसैन को इराक के तिकरित शहर के अल-औजा में दफ़न किया गया था। सद्दाम हुसैन सुन्नी पक्ष के थे और उनके करीबियों को इस बात की चिंता थी कि शिया पक्ष के हाथ अगर उनका शरीर लग गया तो उसे नुकसान पहुंचाया जा सकता है।
बता दें कि सद्दाम हुसैन को इराक के तिकरित शहर के अल-औजा में दफ़न किया गया था। सद्दाम हुसैन सुन्नी पक्ष के थे और उनके करीबियों को इस बात की चिंता थी कि शिया पक्ष के हाथ अगर उनका शरीर लग गया तो उसे नुकसान पहुंचाया जा सकता है।
इस आशंका के चलते 2014 में सद्दाम के करीबियों ने सद्दाम का शव कब्र से निकाल कर किसी सुरक्षित जगह रख दिया था। असल में सद्दाम ने दुजैल में जिन 148 लोगों को मरवाया था, वो सभी शिया थे। सद्दाम का पार्थिव शरीर कहां रखा गया है इस बात की कोई जानकारी नहीं है।
ये निकला नतीजा
इस तरह, सोशल मीडिया का ये दावा ग़लत है कि मौत के 12 वर्षों के बाद भी सद्दाम हुसैन का शव पहले जैसा ही है। सद्दाम हुसैन के अंतिम संस्कार का कम से कम 12 साल पुराना वीडियो अब शेयर कर झूठा दावा चलाया जा रहा है।