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खेल-खेल में चले तीर हुए दिलों के पार..अब 7 फेरे लेने जा रहे 2 अंतरराष्ट्रीय तीरंदाज.. एक प्यार ऐसा भी
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दीपिका और अतनु की सगाई दिसंबर, 2018 में दीपिका के पैतृक गांव रातू चट्टी में हुई थी। दीपिका के पिता शिवनारायण प्रजापति उर्फ छोटन और मां गीता ने बताया कि कोरोना संक्रमण के चलते शादी में कम लोग ही शामिल होंगे। अतनु मूलरूप से कोलकाता के रहने वाले हैं।
अतनु और दीपिका पहचान 12 साल पहले खेल के दौरान हुई थी। दोनों वर्ल्ड कप में शामिल होने गए थे। तभी एक-दूसरे को दिल दे बैठे। दीपिका के अनुसार अतनु बेहद मिलनसार हैं। यही वजह रही कि वो एक-दूसरे के करीब आ गए।
दीपिका को पूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने पद्मश्री दिया था। बताते हैं कि जब दीपिका ने खेलों में भाग लेने शुरू किया, तब उनके पास कहीं आने-जाने तक के लिए पैसे नहीं थे। पहली बार जब वे किसी कॉम्पिटीशन में शामिल होने जा रही थीं, तब पिता से 10 रुपए लिए थे।
दीपिका को अर्जुन अवार्ड भी मिल चुका है। वे 2011 से 13 तक लगातार 3 वर्ल्ड कप में रजत पदक जीत चुकी हैं। दीपिका शुरू में बांस के धनुष-तीरों से प्रैक्टिस किया करती थीं।
अतनु ने 2008 में अपने अंतरराष्ट्रीय करियर की शुरुआत की थी। इनकी मुलाकात कोलंबिया के मेडलिन में आयोजित वर्ल्ड कप के दौरान हुई थी। यहां दोनों ने ब्रॉन्ज मेडल जीता था। इसी मैच के बाद अतनु ने दीपिका का प्रपोज किया था। हालांकि तब दीपिका ने मना कर दिया था।
दीपिका के पिता शिवनारायण आज भी ऑटो चलाते हैं। भले उनकी बेटी ने खेलों में बेहतर प्रदर्शन करके खूब मेडल जीत लिए हों, नाम और पैसा अर्जित कर लिया हो।
अतनु ने 14 साल की उम्र में तीरंदाजी शुरू की थी। इनका जन्म 5 अप्रैल, 1992 को कोलकाता में हुआ था। दीपिका कहती हैं कि अक्टूबर, 2018 में उन्होंने शादी का फैसला किया था।
दीपिका ने 2010 राष्ट्रमंडल खेलों में एकल और टीम स्पर्धा में स्वर्ण पदक हासिल किया था। इसके बाद 2011, 2012 में एकल स्पर्धा में और विश्व कप के 2013 संस्करण में रजत पदक हासिल किया था।