- Home
- Astrology
- Horoscope
- इन 5 ग्रहों की चाल में हो रहा है बदलाव, आ सकती है प्राकृतिक आपदाएं, शेयर मार्केट में हो सकता है उतार-चढ़ाव
इन 5 ग्रहों की चाल में हो रहा है बदलाव, आ सकती है प्राकृतिक आपदाएं, शेयर मार्केट में हो सकता है उतार-चढ़ाव
- FB
- TW
- Linkdin
बुध की सीधी चाल
- 23 जून, बुधवार से बुध ग्रह वृष राशि में सीधी चाल से चलने लगा है। लेन-देन, निवेश और कारोबार को प्रभावित करने वाले इस ग्रह की चाल में बदलाव होने से लोग खरीदारी ज्यादा करेंगे।
- अर्थव्यवस्था में भी सुधार के योग रहेंगे। नौकरियां भी बढ़ेंगीं। देश में आर्थिक गतिविधियों में तेजी आएगी। शेयर मार्केट में बड़े उतार-चढ़ाव दिखेंगे। कुछ लोगों के लिए निवेश करने के लिए अच्छा समय रहेगा।
गुरु की टेढ़ी चाल
- गुरु की चाल बदलने से आंधी और देश के कुछ हिस्से में खूब बारिश होगी। बाढ़ की स्थिति भी बनेगी। उत्तरी राज्यों में प्राकृतिक प्रकोप से जन-धन हानि की आशंका है।
- भूकंप, अग्निकांड या तूफान से भी लोगों की परेशानियां बढ़ सकती हैं। इसके अलावा देश की राजनीति में भी बड़े बदलाव हो सकते हैं। बृहस्पति और शनि का योग फिर से बनने के कारण देश में संक्रमण बढ़ने की आशंका भी रहेगी।
मंगल-शुक्र की युति
- शुक्र 22 जून से कर्क राशि में आ चुका है। इस राशि में मंगल पहले से ही मौजूद है। शुक्र और मंगल के साथ रहने से महंगाई और लोगों के खर्चे बढ़ सकते हैं।
- कई लोग गलत जगह निवेश कर सकते हैं। जिससे नुकसान की स्थिति बनेगी। इन दो ग्रहों की युति की वजह से कुछ लोगों की शारीरिक परेशानियां बढ़ सकती हैं।
शुक्र का राशि परिवर्तन
- शुक्र के मिथुन से कर्क राशि में आने पर बेरोजगारों को रोजगार मिलेगा। नौकरी और बिजनेस के काम गति पकड़ेंगे। लोगों को रुका हुआ पैसा मिलेगा।
- शेयर मार्केट से जुड़े लोगों को धन लाभ होने के योग हैं। कलाकारों को काम और अच्छे मौके मिलेंगे। इलेक्ट्रॉनिक्स व सौंदर्य प्रसाधनों की बिक्री में इजाफा होगा।
- महिलाओं की सक्रियता बढ़ेगी। मीडिया, साहित्य और कला जगत के लोगों के आर्थिक नुकसान में भरपाई होगी।
सूर्य का नक्षत्र परिवर्तन
- 22 जून से 7 जुलाई तक सूर्य आर्द्रा नक्षत्र में रहेगा। जिससे लगातार बारिश के योग बनेंगे। लेकिन सूर्य और शनि के षडाष्टक योग की वजह से देश में असंतोष का माहौल बनेगा।
- मौसमी बदलाव भी होने के योग बन रहे हैं। बारिश के साथ तेज हवा भी रहेगी। इस अशुभ योग के कारण देश के पूर्वी और दक्षिणी हिस्सों में प्राकृतिक आपदाएं भी आ सकती हैं।