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12 किमी साइकिल से स्कूल जाने वाली भिंड की बेटी ने रचा इतिहास, पूरा गांव मना रहा जश्न..रो पड़े पिता
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दरअसल, रोशनी ने इस सफलता को प्राप्त करने के लिए काफी कड़ी मेहनत की है। वह अपने घर से कच्ची सड़क से करीब 12 किलोमीटर दूर साइकल चलाकर रोज स्कूल जाती थी। कितनी भी गर्मी-सर्दी या फिर बारिश हो वह एक दिन भी अपना स्कूल मिस नहीं करती थी। जिसका परिणाम है कि आज उसने इतिहास रच डाला, जिसकी बदौलत रोशनी टॉपर्स में जगह बनाने में कामयाब रही।
बता दें कि रोशनी के पिता पुरुषोत्तम भदौरिया एक किसान हैं, वह भिंड जिले के अजनोल गांव में रहते हैं। जब बेटी की सफलता पर मीडिया ने उन्होंने बात की तो वह भावुक हो गए। उन्होंने कहा-आज उनकी बेटी ने परिवार के साथ-साथ जिले का भी नाम रोशन किया है। हमारा इलाका इतना पिछड़ा है कि यहां कोई सुविधा भी नहीं है, इसके बावजूद भी उसने मेहनत करना नहीं छोड़ा। मैं उसकी इस मेहनत को सलाम करता हूं।
वहीं रोशनी ने बताया कि कई बार तो ऐसे हालात बन जाते थे कि गांव की सड़कों पर पानी भर जाता था। ऐसे में वो घर नहीं आ पाती थीं और अपने रिश्तेदार के घर पर रुकना पड़ता था। लेकिन मैं स्कूल जाना नहीं छोड़ती थी।
रोशनी का सपना है बड़ा होकर देश की सेवा करना है, इसके लिए वह आईएएस अफसर बनना चाहती है। ताकि समाज में बदलाव ला सके। बता दें कि रोशनी को मैथ्स और ससाइंस में 100 में से 100 अंक प्राप्त हुए हैं।
रोशनी के पिता ने कहा मेरे सभी बच्चे पढ़ने में होशियार हैं। लेकिन मेरी स्थिति इतनी अच्छा नहीं कि वह महंगी पढ़ाई उनको करा सकें। इसलिए राज्य सरकार से निवेदन है कि ऐसे पढ़ने वाले बच्चों की पढ़ाई में मदद करे। रोशनी को बधाई देने वालों का तांता लग रहा है। पूरे गांव के लोगों ने उसको लड्डू खिलाकर शुभकानाएं दीं।
इस बार परीक्षार्थी प्रथम श्रेणी में, 215162 परीक्षार्थी, द्वितीय श्रेणी में एवं 2922 परीक्षार्थी, तृतीय श्रेणी में उत्तीर्ण हुए। इस प्रकार कुल 560474 परीक्षार्थी परीक्षा में सफल हुए हैं जिनका परीक्षाफल 62.84% रहा है। 108448 परीक्षार्थियों ने पूरक की पात्रता प्राप्त की है। जिन 15 छात्रों ने पहला स्थान हासिल किया है। इसमें सबसे ज्यादा 5 छात्र गुना के हैं।