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Mahakal Lok: 12 तस्वीरों में देखिए पीएम मोदी ने किस तरह की महाकाल की पूजा और लिया आशीर्वाद
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'महाकाल लोक' का लोकार्पण करने पहुंचे पीएम मोदी ने सबसे पहले गर्भगृह में नंदी को प्रणाम कर महाकाल के दर्शन किए। इसके बाद उन्होंने वहीं बैठकर रुद्राक्ष की माला से जप किया।
महाकाल को चंदन, मोगरे और गुलाब की माला अर्पित कर जनेऊ चढ़ाया। ड्राइफ्रूट और फल का भोग लगाया। दक्षिणा अर्पित की। वे संध्या आरती में भी शामिल हुए।
पीएम मोदी ने गर्भगृह में महाकाल की पूजा-अर्चना के बाद भगवान की आरती उतारी। इसके बाद उन्होंने शिवजी का आशीर्वाद लिया।
बता दें कि महाकाल लोक में हर एक प्रतिमा के सामने एक बारकोड लगाया है। इस बारकोड को स्कैन करते ही भगवान शिव की कहानी बता रही प्रतिमा की संपूर्ण जानकारी आपके मोबाइल स्क्रीन पर आ जाएगी।
बता दें कि महाकाल लोक में भक्त 946 मीटर (करीब 1 किलोमीटर) लंबे गलियारे में चलते हुए महाकाल मंदिर के गर्भगृह तक पहुंचेंगे। महाकाल लोक कॉरिडोर के दोनों ओर भगवान शिव-पार्वती की महिमा के साथ ही मूर्तियों के रूप में उनकी कथाएं देखने को मिलेंगी।
महाकाल लोक में आने वाले भक्तों को नीलकंठ महादेव, सती के शव के साथ शिव, कैलाश पर शिव, यम संवार, गजासुर संहार, आदि योगी शिव, योगेश्वर अवतार, त्रिवेणी प्लाजा पर शिव, शक्ति और श्रीकृष्ण की प्रतिमाएं, कैलाश पर रावण की प्रतिमाएं शिव की महिमा का गुणगान करती दिखेंगी।
इसके अलावा महाकाल लोक में नटराज, गणेश, कार्तिकेय, दत्तात्रेय अवतार, पंचमुखी हनुमान, चंद्रशेखर महादेव की कहानी, शिव और सती, समुद्र मंथन का भी दृश्य देखने को मिलेगा।
महाकाल लोक में 11 रुद्र अवतारों के साथ ही शिव परिवार, शिव बरात, मणिभद्र, गणेश व कार्तिकेय के साथ पार्वती, सूर्य, कपालमोचक शिव, महेश्वर अवतार, अघोर अवतार, काल भैरव, शरभ अवतार, खंडोबा अवतार, अर्धनारीश्वर, अष्ट भैरव, ऋषि भारद्वाज, वशिष्ठ, विश्वामित्र, गौतम, कश्यप और जमदग्नि की प्रतिमाएं भी मिलेंगी।
महाकाल लोक में चार मुख्य द्वारा होंगे। इनके नाम पिनाकी, शंख, नंदी और नीलकंठ हैं। दूसरे फेज में दो मुख्य द्वार और बनाए जाएंगे। पूरा बनने के बाद इन चारों गेट से श्रद्धालु महाकाल लोक कॉरिडोर में प्रवेश कर सकेंगे।
महाकाल लोक का मुख्य द्वार नंदी है। नंदी द्वार में प्रवेश करते ही ठीक सामने 108 स्तंभ हैं। इन स्तंभों पर भगवान शिव के नटराज स्वरूप की अलग-अलग मुद्राओं को उकेरा गया है। सीधे हाथ पर 25 फीट ऊंची दीवार पर शिव गाथा उकेरी गई है। उल्टे हाथ पर कमल सरोवर है।
महाकाल लोक के बनाते समय पर्यावरण का खास ध्यान रखा गया है। यहां हैदराबाद से लाए हुए औषधीय पौधे लगाए गए हैं। यहां भगवान शिव को प्रिय शमी और बेलपत्र के अलावा नीम, पीपल, रुद्राक्ष, बकुल, कदम, सप्तपर्णी और वटवृक्ष भी लगाए गए हैं।
12 अक्टूबर से महाकाल मंदिर दर्शन व्यवस्था में देश का सबसे सुव्यवस्थित मंदिर हो जाएगा। यहां दर्शन व्यवस्था अगले 50 साल को ध्यान में रखकर बनाई गई है। उद्घाटन के बाद श्रद्धालुओं को सबसे बड़ी सुविधा बिना भीड़ के सुविधाजनक और कम समय में दर्शन की मिलेगी।
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