दिल्ली हिंसा; बच्चों के लिए दूध लेने गया था पिता, तीन दिन बाद लाश बनकर लौटा
| Published : Mar 01 2020, 03:32 PM IST
दिल्ली हिंसा; बच्चों के लिए दूध लेने गया था पिता, तीन दिन बाद लाश बनकर लौटा
Share this Photo Gallery
- FB
- TW
- Linkdin
119
इरफान अपने बच्चों के लिए दूध लेने निकले थे। लेकिन तीन दिन बाद उनकी लाश जाफराबाद में उनके घर पहुंची। इरफान के एक रिश्तेदार ने बीबीसी से बातचीत में बताया कि इरफान अपने बच्चों के लिए 26 फरवरी को दूध लेने निकले थे।
219
इरफान की उम्र 27 साल थी। वे स्कूल बैग बनाने वाले कपड़ों को काटने का काम करते हैं। उनके दो बच्चे हैं। वे उस्मानपुर में किराए के कमरे में अपने परिवार के साथ रहते थे।
319
इरफान का शरीर बुधवार को घर से सिर्फ 300 मीटर की दूरी पर मिला। शरीर को बुरी तरह से कुचला गया था। यहां उन्हें जग परवेश हॉस्पिटल फिर जीटीबी अस्पताल लाया गया, जहां उनकी मौत हो गई।
419
यह दो सिर्फ एक इरफान की कहानी है, दिल्ली हिंसा में ना जाने कितने परिवारों ने अपने चिरागों को खोया है। दिल्ली के उत्तर पूर्वी इलाके में 23 फरवरी को दंगों की शुरुआत हुई थी।
519
दिल्ली के उत्तर पूर्वी इलाके में 23, 24 और 25 फरवरी को हिंसा हुई थी। इसमें अब तक 42 लोगों की मौत हो चुकी है। 300 से ज्यादा जख्मी हैं। यह हिंसा नागरिकता कानून के समर्थन और विरोध करने वाले गुटों के आमने सामने आने के बाद शुरू हुई।
619
हिंसा को लेकर दिल्ली पुलिस द्वारा कुल 167 केस दर्ज किया गया है। इसके साथ ही पुलिस ने कार्रवाई करते हुए 800 से ज्यादा लोगों को हिरासत में लिया गया है।
719
हिंसा में मुख्य रूप से जाफराबाद, मौजपुर, चांदबाग, खुरेजी खास, गोकुलपुरी और भजनपुरा सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं।
819
दिल्ली में हुए हिंसा की पुलिस जांच कर रही है। इसके साथ ही दोषियों को भी चिन्हित कर रही है। दिल्ली पुलिस के प्रवक्ता मनदीप सिंह रंधावा ने कहा कि फारेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला दलों को बुलाया गया है और अपराध के दृश्यों का फिर से मुआयना किया जा रहा है।
919
दिल्ली हिंसा में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि देने के लिए लोगों ने कैंडल मार्च निकाला।
1019
दिल्ली हिंसा में गोकुलपुरी में रहने वाले नितिन कुमार ने भी अपनी जान गंवा दी। वे 15 साल के थे।
1119
नितिन कुमार के अंतिम संस्कार के वक्त रोते उनके रिश्तेदार।
1219
अपने परिजनों के बारे में जानकारी लेता एक शख्स।
1319
इन हिंसा में इस महिला ने अपनी दुकान भी खो दी। शाहदरा में स्थित जली हुई दुकान को देखती महिला।
1419
दिल्ली नगर निगम मलबे और जली हुई गाड़ियों को हटाती हुई।
1519
दंगाइयोंं ने उत्तर पूर्वी दिल्ली में हजारों वाहनों को भी आग के हवाले कर दिया।
1619
छात्रा अपने जले हुए स्कूल को देखते हुए भावुक हो गई।
1719
पुलिस लगातार उत्तर पूर्वी इलाकों में मार्च निकाल रही है।
1819
हिंसा के वक्त जले हुए वाहन।
1919
मौजपुर में दंगाइयों ने इस पेट्रोल पंप को भी आग के हवाले कर दिया था।