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कोरोना से जंग में पीएम की नजर में आए ये वॉरियर्स, ग्राम प्रधान से लेकर पुलिस वाले तक यूं बने नायक
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प्रधानमंत्री ने की पहल की प्रशंसा
सीतामढ़ी के सोनबरसा प्रखंड की सिंहवाहिनी पंचायत की मुखिया रितू जायसवाल ने कोरोना के प्रति जागरूकता की जो अनूठी पहल की है, उस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक की नजर गई है। पीएमओ ने उनकी प्रशंसा की है। कोरोना से निपटने के लिए चल रही पहल में पीएमओ ने देश की जिन चार पंचायतों का जिक्र किया है, उनमें यह पंचायत भी शामिल है।
यत्र तत्र न थूके के नारों संग लड़ रहे जंग
पंचायत की दीवारों पर कोरोना से लड़ने के लिए नारे लिखे गए हैं। उन्हें ग्रामीणों ने खुद तैयार किया है। सोशल मीडिया से भी नारे लिए गए हैं। कोरोना के प्रति जागरूकता के लिए 'खुले में शौच न जाएं', 'यत्र-तत्र न थूकें', आदि को लेकर अपील की जा रही है। शराब बंदी के स्लोगन भी बिजली के खंभों पर लिखे गए हैं। सैनिटाइजेशन हो रहा है, मास्क भी बनवाए और खरीदे जा रहे हैं।
थाना प्रभारी का गब्बर सिंह अंदाज
लॉकडाउन के लिए पुलिस-प्रशासन की सख्ती के बीच एक पुलिस अधिकारी का फिल्मी अंदाज लोगों को खूब भा रहा है। फिल्मी डायलॉग व गानों के माध्यम से जीवन का संदेश देने वाले ये पुलिस अधिकारी हैं समस्तीपुर के मुसरीघरारी थाना प्रभारी विशाल कुमार सिंह।
वे हर सुबह अपने विशेष अंदाज में शुरू हो जाते हैं। फिल्म 'शोले' का उनका डायलॉग खूब चर्चा में है। सहयोगी से पूछते हैं, ''अरे ओ सांभा... लॉकडाउन का पालन नहीं करनेवाले के ऊपर सरकार ने कितना जुर्माना रखा है रे?'' फिर सांभा बना कांस्टेबल कहता है, ''सरदार... जेल और हजारों का जुर्माना।'' वे चौक-चौराहों पर खड़े होकर लोगों को कोरोना वायरस और उसके संक्रमण की जानकारी देते हैं।
लॉकडाउन में बेसहारा जानवरों को करा रहीं भोजन
लॉकडाउन में आदमी तो किसी तरह भोजन का इंतजाम कर ले रहा है, लेकिन बेसहारा जानवर भूख से बेहाल हैं। मोतिहारी की अधिवक्ता ममता रानी उनकी सहायता को आगे आईं। उन्होंने जानवरों को रोटी देने की पहल की। फिर तो देखते-देखते विभिन्न मोहल्लों की चार दर्जन से अधिक महिलाएं बेसहारा जानवरों की सहायता को आगे आ गईं।
बच्चों ने दान की पॉकेटमनी
कोरोना से जंग को ले सहयोग की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अपील पर भागलपुर के बच्चे भी आगे आए हैं। वे अपनी पॉकेटमनी प्रधानमंत्री केयर फंड में भेज रहे हैं। भागलपुर के एक स्कूल में पढ़ने वाले छठी के छात्र प्रीतम कुमार ने प्रधानमंत्री केयर फंड में पांच रुपये का दान दिया। सृष्टि, निधि, अनुष्का, स्नेहा सुमन, अश्विनी कुमार, प्रीति सागर, राधिका त्रिपाठी, श्वेतांक व सिद्धार्थ सिंह आदि ने पांच रुपये से लेकर 500 रुपये तक दान दिए हैं। ये रकम भले ही छोटी हो, पर इसके पीछे का भाव बड़ा है।
शव जलाने वाला समुदाय दे रहा जिंदगी का बड़ा संदेश
कोरोना से जंग में समाज के निचले पायदान का वह समुदाय भी शामिल है। इस समुदाय का नाता श्मशान से है। भागलपुर में शव जलाने के धंधे में लगे लालजी हरि कहते हैं, ''पता नहीं कोरोना क्या है। सर्दी-खांसी होती है और लोग मर जाते हैं। बचाव के लिए एक-दूसरे से दूरी रखनी है, बाहर नहीं निकलना है, लेकिन लोग यह भी नहीं कर रहे।'' लालजी और उनके समुदाय के लोग श्मशान घाट पर शवों के साथ आने वाले लागों को फिजिकल डिस्टेंसिंग को लेकर जागरूक कर रहे हैं। शव जलाने वाला यह समुदाय जिंदगी बचाने का संदेश दे रहा है।
देखते बन रहा महिलाओं का भी हौसला
भागलपुर के बरारी में जैसे-तैसे रह रहे इस समुदाय की महिलाओं का हौसला भी देखते बनता है। समुदाय की उमा देवी कहती हैं कि अब नए-नए रोग आने लगे हैं। इस समय कोरोना का हल्ला है। इससे भी लड़ लेंगे। हरि मल्लिक व कारी मल्लिक बताते हैं कि फिलहाल उनके इलाके में सुविधा के नाम पर केवल ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव ही है। हां, वे अपने घरों के आसपास सफाई का पूरा ध्यान रख रहे हैं।
किन्नर समाज का भी हम योगदान
कोरोना के खिलाफ जारी जंग में किन्नर समाज भी अहम भूमिका अदा कर रहा है। बिहार के सीतामढ़ी शहर के भावदेपुर वार्ड 21 में रहने वाले दो दर्जन किन्नरों ने लॉकडाउन में गरीबों की समस्याओं देखते हुए कुछ करने का निर्णय लिया। उन्होंने एक टीम बना 'मिलकर कोरोना को हराना है' जागरूकता व सहायता अभियान की शुरुआत की। अभी तक वे सैकड़ों लोगों की मदद कर चुके हैं। वे मास्क, सैनिटाइजर, साबुन और खाने-पीने के सामान बांटते हैं। साथ ही लोगों से लॉकडाउन व फिजिकल डिस्टेंसिंग का पालन करने और बार-बार हाथ धोने के प्रति जागरूक करते हैं।