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Kinnaur landslide PHOTOS: पहाड़ गिरने से यूं पिचक कर रह गईं गाड़ियां, मिट्टी से निकल रहीं लाशें
किन्नौर. हिमाचल प्रदेश के किन्नौर जिले में बुधवार को हुए भूस्खलन(landslide) के बाद से इंडो-तिब्बतन बॉर्डर पुलिस (ITBP) लगातार रेस्क्यू चला रही है। इस भयंकर प्राकृतिक आपदा का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि पहाड़ी के नीचे दबकर गाड़ियां पूरी तरह पिचक गईं। ITB के अनुसार, उसकी 17, 18 और 43 बटालियंस(Battalions) को गुरुवार सुबह करीब 5.25 बजे रोड से करीब 500 मीटर नीचे और सतलुज नदी से 200 मीटर ऊपर एक और शव मिला। हादसे में 13 लोगों की मौत की खबर है। इस बीच प्रधानमंत्री कार्यालय ने ट्वीट करके बताया कि पीएम ने मृतकों के परिजन को दो लाख रुपए और घायलों को 50-50 हजार रुपए देने की घोषणा की।
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मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने बताया कि जब लैंडस्लाइड हुई, तब बारिश नहीं हो रही थी। रेस्क्यू के लिए ITBP के अलावा NDRF के जवान भी बुलाए गए हैं। लगातार रेस्क्यू चल रहा है। बता दें कि हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश ने जबर्दस्त तबाही मचाई है। 4 अगस्त को विधानसभा में दी गई जानकारी के अनुसार, हिमाचल प्रदेश में 218 लोगों की मौत हो चुकी है। हालांकि इस हादसे के बाद संख्या बढ़ गई है।
राज्य आपदा प्रबंधन निदेशक सुदेश कुमार मोख्ता के मुताबिक मृतकों में 8 लोग एक टाटा सूमो टैक्सी में फंस गए थे। जब उनके ऊपर पहाड़ टूटा, तो वे बाहर नहीं निकल सके। जबकि हिमाचल सड़क परिवहन निगम(HRTC) की बस रिकांग पियो से शिमला होते हुए हरिद्वार जा रही थी।
रेस्क्यू टीम को पत्थर की चपेट में आकर नदी में लुढ़के ट्रक के ड्राइवर का शव मिल चुका है। लेकिन जो ऑल्टो डैमेज हुई, उसमें कोई नहीं मिला। इस घटना पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी दु:ख जताते हुए हर संभव मदद की बात कही है।
राज्य आपदा प्रबंधन निदेशक सुदेश कुमार मोख्ता ने बताया कि किन्नौर जिले में निचार तहसील अंतर्गत निगुलसारी क्षेत्र में राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या पांच पर चौरा गांव में भूस्खलन और पहाड़ से पत्थर गिरने से यह घटना हुई। हादसा दोपहर 12 बजकर 45 मिनट के आसपास का है। सूचना मिलते ही प्रशासन सक्रिय हो उठा था।
हिमाचल प्रदेश में अगले कुछ दिनों तक भारी बारिश को लेकर चेतावनी जारी की गई है। मौसम विभाग के अनुसार 12, 13 और 14 अगस्त तक मैदानी व मध्य पर्वतीय भागों में भारी बारिश की आशंका है। जबकि मध्य पर्वतीय भाग में 16 अगस्त तक खराब मौसम रहेगा। भारी बारिश की वजह से लैंडस्लाइड भी हो सकते हैं। मौसम विभाग ने नदी, नालों से दूर रहने की सलाह दी है।
हादसे की जानकारी मलबे में दबे बस के ड्राइवर के फोन के जरिये पता चली। इस फोन से बस के कंडक्टर और अन्य यात्रियों ने फोन किया। जिला प्रशासन ने तत्परता दिखाते हुए फौरन रेस्क्यू टीम मौके भेज दी थी। इस हादसे में मरने वालों का आंकड़ा और बढ़ सकता है।