- Home
- National News
- Kashi: PM Modi का ललिता घाट से रविदास घाट तक अलकनंदा क्रूज से सफर, साधु-संतों के सामने कही मन की बात...Photos
Kashi: PM Modi का ललिता घाट से रविदास घाट तक अलकनंदा क्रूज से सफर, साधु-संतों के सामने कही मन की बात...Photos
- FB
- TW
- Linkdin
अलकनंदा क्रूज पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी सवारी की। इस क्रूज में भाजपा के अन्य बड़े नेता भी नीचे बैठे थे।
प्रधानमंत्री ने करीब 339 करोड़ रुपए की लागत से बने काशी विश्वनाथ धाम के पहले चरण का उद्घाटन किया। PM मोदी ने देशभर से आए हुए 400 संतों-महंतों, धर्माचार्यों, आध्यात्मिक गुरुओं और विशिष्ट लोगों को संबोधित किया। शाम करीब 6 बजे मोदी गंगा आरती में भी शामिल होंगे।
पीएम मोदी ने काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के उद्घाटन के बाद अपने संबोधन की शुरुआत 'हर हर महादेव' के नारे से की। पीएम नरेंद्र मोदी ने सीएम योगी आदित्यनाथ के साथ काशी विश्वनाथ धाम कॉरिडोर के निर्माण कार्य में लगे मजदूरों के साथ लंच किया।
मोदी ने कहा- मैं आपसे तीन संकल्प चाहता हूं, अपने लिए नहीं, बल्कि अपने देश के लिए ये संकल्प लेना चाहिए। हम सभी को स्वच्छता, सृजन और नवाचार-आत्मनिर्भर भारत बनाने के लिए निरंतर प्रयास करना होगा। मोदी ने संत रविदान को भी नमन किया।
मोदी ने कहा- नए भारत को अपनी संस्कृति पर गर्व है और अपनी क्षमता पर भी भरोसा है। नए भारत में 'विरासत' और 'विकास' है। आज मैं इस भव्य परिसर के निर्माण के लिए काम करने वाले हर मजदूर के प्रति भी आभार व्यक्त करना चाहता हूं।
मोदी ने कहा- यहां अगर औरंगजेब आता है तो शिवाजी भी उठ खड़े होते हैं। अगर कोई सालार मसूद इधर बढ़ता है तो राजा सुहेलदेव जैसे वीर योद्धा उसे हमारी एकता की ताकत का अहसास करा देते हैं।
आतातायियों ने इस नगरी पर आक्रमण किए, इसे ध्वस्त करने के प्रयास किए। औरंगजेब के अत्याचार, उसके आतंक का इतिहास साक्षी है। जिसने सभ्यता को तलवार के बल पर बदलने की कोशिश की, जिसने संस्कृति को कट्टरता से कुचलने की कोशिश की। लेकिन इस देश की मिट्टी बाकी दुनिया से कुछ अलग है।
मोदी ने कहा कि हमारे कारीगर, हमारे सिविल इंजीनयरिंग से जुड़े लोग, प्रशासन, वो परिवार जिनके यहां घर थे सभी का मैं अभिनंदन करता हूं। इन सबके साथ यूपी सरकार, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का भी अभिनंदन करता हूं जिन्होंने काशी विश्वनाथ धाम परियोजना को पूरा करने के लिए दिन-रात एक कर दिया।
मैं आज हर उस श्रमिक भाई-बहनों का भी आभार व्यक्त करना चाहता हूं जिनका पसीना इस इस भव्य परिसर के निर्माण में बहा है। कोरोना के इस विपरित काल में भी उन्होंने यहां पर काम रुकने नहीं दिया।
मैं आज हर उस श्रमिक भाई-बहनों का भी आभार व्यक्त करना चाहता हूं जिनका पसीना इस इस भव्य परिसर के निर्माण में बहा है। कोरोना के इस विपरित काल में भी उन्होंने यहां पर काम रुकने नहीं दिया।
पहले यहां जो मंदिर क्षेत्र केवल तीन हजार वर्ग फीट में था, वो अब करीब 5 लाख वर्ग फीट का हो गया है। अब मंदिर और मंदिर परिसर में 50 से 75 हजार श्रद्धालु आ सकते हैं यानि पहले मां गंगा का दर्शन-स्नान और वहां से सीधे विश्वनाथ धाम में दर्शन कर सकेंगे।
विश्वनाथ धाम का ये पूरा नया परिसर एक भव्य भवन भर नहीं है, ये प्रतीक है, हमारे भारत की सनातन संस्कृति का, ये प्रतीक है हमारी आध्यात्मिक आत्मा का, ये प्रतीक है भारत की प्राचीनता का, परम्पराओं का, भारत की ऊर्जा का, गतिशीलता का।
सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जब 100 साल पहले वाराणसी आए थे, तो उन्होंने संकरी गलियों और गंदगी को देखकर दर्द व्यक्त किया था। गांधीजी के नाम पर कई लोग सत्ता में आए, लेकिन पहली बार उनका शानदार काशी का सपना साकार हुआ है।
इससे पहले मोदी पैदल ही खिड़किया घाट तक गए। रास्ते में मोदी का जगह-जगह स्वागत किया। रास्ते में गुलाबों के फूलों की पंखुड़ियों की बौछार की गई और 'मोदी, मोदी' और 'हर हर महादेव' के नारे लगाए गए। श्रीकाशी विश्वानाथ कॉरिडोर के उद्घाटन से पहले मोदी ने गंगा में डुबकी लगाई।
मोदी ने कहा कि काशी में कुछ भी खास हो, कुछ भी नया हो काशी के कोतवाल काल भैरव से पूछना जरूरी है। उन्होंने काशी विश्वनाथ धाम में बाबा विश्वनाथ का पूजन किया।
मोदी का कहना था कि हमारे पुराणों में कहा गया है कि जैसे ही कोई काशी में प्रवेश करता है सारे बंधनों से मुक्त हो जाता है। अभी मैं बाबा के साथ साथ नगर कोतवाल कालभैरव जी के दर्शन करके भी आ रहा हूँ, देशवासियों के लिए उनका आशीर्वाद लेकर आ रहा हूँ।