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जो शहीद हुए हैं उनकी जरा याद करो कुर्बानी: जलियांवाला बाग अब नए रंग-रूप में दिखेगा, PM कल करेंगे उद्घाटन
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जलियांवाला बाग हत्याकांड स्वतंत्रता संग्राम का एक ऐसा अध्याय है, जिसने अंग्रेजों के खिलाफ देशभर में आक्रोश पैदा कर दिया था। यह स्मारक जर्जर हालत में पहुंचता जा रहा था। अब इसे संवारा गया है।
जलियांवाला बाग में लंबे समय से बेकार पड़ी और कम उपयोग वाली इमारतों को रिनोवेट करके चार संग्रहालय दीर्घाएं(museum galleries) तैयार की गई हैं। ये दीर्घाएं उस अवधि के दौरान पंजाब में घटित विभिन्न घटनाओं के विशेष ऐतिहासिक महत्व को दर्शाती हैं। इन घटनाओं को दिखाने के लिए audio-visual technology के माध्यम से प्रस्तुति दी जाएगी इसमें। मैपिंग और 3डी चित्रण के साथ-साथ कला एवं मूर्तिकला भी स्थापित होगी।
13 अप्रैल, 1919 को घटित विभिन्न घटनाओं को दर्शाने के लिए एक साउंड एंड लाइट शो की व्यवस्था की गई है। इस परिसर में विकास से जुड़ी कई पहल की गई हैं। पंजाब की स्थानीय स्थापत्य शैली के अनुरूप धरोहर संबंधी विस्तृत पुनर्निर्माण कार्य किए गए हैं। शहीदी कुएं की मरम्मत की गई है और नवविकसित उत्तम संरचना के साथ इसका पुनर्निर्माण किया गया है।
इस बाग का केंद्रीय स्थल माने जाने वाले ‘ज्वाला स्मारक’की मरम्मत करने के साथ-साथ इसका पुनर्निर्माण किया गया है, यहां स्थित तालाब को एक ‘लिली तालाब’ के रूप में फिर से विकसित किया गया है, और लोगों को आने-जाने में सुविधा के लिए यहां स्थित मार्गों को चौड़ा किया गया है।
इसमें अनेक नई और आधुनिक सुविधाओं को जोड़ा गया है, जिनमें लोगों की आवाजाही के लिए उपयुक्त संकेतकों से युक्त नव विकसित मार्ग; महत्वपूर्ण स्थानों को रोशन करना; देशी वृक्षारोपण के साथ बेहतर भूदृश्य एवं चट्टानों युक्त निर्माण कार्य, इत्यादि; पूरे बगीचे में ऑडियो नोड्स लगाना शामिल हैं। इसके अलावा मोक्ष स्थल, अमर ज्योत और ध्वज मस्तूल को समाहित करने के लिए अनेक नए क्षेत्रों का विकास किया गया है।
जलियांवाला बाग को रिनोवेट करने की मांग लंबे समय से हो रही थी। अब यह स्मारक एक नए रंग-रूप में नजर आएगा। मकसद लोग; खासकर नई पीढ़ी देश के लिए कुर्बानी देने वालों को कभी न भूलें।