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- 5 दशक तक बिहार की राजनीति में सक्रिय रहे रघुवंश...एक प्रोफेसर से लालू के करीबी बनने तक यूं तय किया सफर
5 दशक तक बिहार की राजनीति में सक्रिय रहे रघुवंश...एक प्रोफेसर से लालू के करीबी बनने तक यूं तय किया सफर
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एक समय रघुवंश प्रसाद सिंह आरजेडी में लालू प्रसाद यादव के समानांतर नेता माने गए और पार्टी के अंदर स्वाभाविक रूप से नंबर दो हो गए थे। फिजिक्स के प्रोफेसर रहे रघुवंश प्रसाद सिंह राजनीति में सादगी से रहते हैं।
एक बार मंत्री के रूप में वो दिल्ली के कनॉट प्लेट में चले गए थे जहां दुकानदार उन्हें पहचान पाया था और एक सामान के लिए अधिक कीमत ले ली थी। 74 वर्षीय रघुवंश प्रसाद सिंह ने अपना राजनीतिक सफर जेपी आंदोलन में शुरू किया।
1977 में वो पहली बार विधायक बने और बाद में बिहार में कर्पूरी ठाकुर सरकार में मंत्री भी बने। वह बिहार के वैशाली लोकसभा क्षेत्र से पांच बार सांसद रह चुके हैं। इस बार वो इसी क्षेत्र से जेडीयू नेता से चुनाव हार गए थे।
गणित के प्रोफेसर रहे रघुवंश प्रसाद का लालू प्रसाद से संबंध जेपी मूवमेंट से रहा है और दोनों एक दूसरे के बेहद करीब भी रहे। जब 1990 में लालू प्रसाद सीएम बने तो रघुवंश प्रसाद सिंह को विधान पार्षद बनाया जबकि वह विधानसभा चुनाव हार चुके थे।
जब एच डी देवेगौड़ा पीएम बने तो लालू प्रसाद ने उन्हें बिहार कोटे से मंत्री बनवाया। लेकिन, रघुवंश प्रसाद सिंह की राष्ट्रीय राजनीति में पहचान अटल सरकार के दौरान बतौर आरजेडी नेता मिली।
तब लालू प्रसाद बिहार के मधेपुरा से लोकसभा चुनाव हार गए थे। रघुवंश प्रसाद सिंह लोकसभा में पार्टी के नेता बने। सरकार को घेरने वाले सबसे प्रखर आवाज बने थे।