- Home
- States
- Punjab
- पंजाब में कैप्टन के सियासी मायने: क्या है फ्यूचर प्लान, शाह से मिलकर क्या चलेंगे नया दांव..नई पार्टी या BJP
पंजाब में कैप्टन के सियासी मायने: क्या है फ्यूचर प्लान, शाह से मिलकर क्या चलेंगे नया दांव..नई पार्टी या BJP
- FB
- TW
- Linkdin
खुद की राजनीतिक पार्टी बना सकते हैं कैप्टन
दरअसल, जब कैप्टन से अमित शाह से मिलने का कारण पूछा तो उन्होंने कहा कि वह किसानों के मुद्दों को लेकर गृह मंत्री से मिले हैं। हालांकि अभी तक मुख्यमंत्री पद से हटने के बाद सिंह ने अपने पत्ते नहीं खोले हैं। लेकिन चर्चा होने लगी है कि कैप्टन कांग्रेस से अलग होकर अपनी पार्टी बना सकते हैं। क्योंकि पंजाब में कैप्टन अपने आप में एक बड़ा नाम है। इसिलए वह खुद की राजनीतिक पार्टी बनाकर स्थापित करना चाहते हैं। हो सकता है कि वह बीजेपी से समर्थन लें। दावा किया जा रहा है कि वह जल्द ही आंदोलनकारी किसानों से मिल सकते हैं। इसके लिए वह किसानों आड़ ले सकते हैं, क्योंकि कैप्टन शुरू से ही किसानों के पक्षधर रहे हैं।
कैप्टन की सियासत में सेंटर होंगे किसान
कैप्टन अमरिंदर सिंह अच्छी तरह से जानतें है कि साल 2022 में जो विधानसभा चुनाव होने हैं उसमें तीनों कृषि कानूनों का मुद्दा छाया रहेगा। इसलिए वह पंजाब की राजनीति में किसान आंदोलन के सबसे बड़े मुद्दे को भुना सकते हैं। खैर जो भी हो लेकिन कैप्टन का अगला कदम बहुत कुछ किसानों के समर्थन पर केंद्रित होगा। क्योंकि उन्होंने अमित शाह से मुलाकात के बाद भी यही कहा कि लंबे समय से चल रहे किसान आंदोलन पर चर्चा की और उनसे फसल विविधीकरण में पंजाब का समर्थन करने के अलावा, कानूनों को निरस्त करने और एमएसपी की गारंटी के साथ संकट को तत्काल हल करने का आग्रह किया है।
किसानों में अच्छी पकड़..निभा सकते हैं मध्यस्थ की भूमिका
कैप्टन के बारे में यह भी चर्चा है कि वह सीधे तौर पर तो बीजेपी में शामिल होने वाले नहीं हैं। क्योंकि इससे उनकी साख पर असर पड़ सकता है। पंजाब के लिहाज से कैप्टन बड़े सियासी दिग्गज हैं। कैप्टन ने पंजाब की राजनीति को 52 साल दिए हैं। इनमें साढ़े 9 साल वो मुख्यमंत्री रहे। ग्रामीण क्षेत्र में कैप्टन की अच्छी लोकप्रियता है। इसलिए कहा जा रहा है कि वह मोदी सरकार और किसानों के बीच मध्यस्थ की भूमिका निभा सकते हैं। क्योंकि उनकी किसानों में अच्छी खासी पकड़ है। अगर उनको इसमें सफलता मिलती है तो बीजेपी के लिए एक बड़ी सफलता होगी। इसके बदले बीजेपी कैप्टन को राज्सभा के जरिए कृषि मंत्री भी बना सकती है।
बीजेपी के लिए पंजाब में कैप्टन सबसे बड़ा चेहरा
वहीं दूसरी तरफ यह भी चर्चा है कि कैप्टन अमरिंदर सिंह बीजेपी में शामिल हो सकते हैं। क्योंकि वह राष्ट्रवाद के मुद्दे पर खुलकर बोलते हैं। वह एक राष्ट्रवादी हैं, रिटायर फौजी हैं इतना ही नहीं हरियाणा के गृहमंत्री अनिल विज तो खुले तौर पर उन्हें बीजेपी में आऩे के न्यौता तक दे चुके हैं। वहीं पंजाब में अकाली दल के अलग होने के बाद बीजेपी के पास कोई बड़ा साथी भी नहीं है। इस लिहाज से भी कैप्टन बीजेपी में फिट बैठेंगे। आने वाले चुनाव में इससे बीजेपी को बड़ा माइलेज भी मिल सकता है। खैर जो भी हो लेकिन आने वाले समय में पंजाब की राजनीति में नया मोड़ देखने को मिलेगा।
कांग्रेस छोड़ नए सियासी ठिकाने की तलाश
कैप्टन के बारे में इतना तो तय है कि वह कांग्रेस में रहकर अपनी राजनीतिक पारी करने वाले नहीं हैं। क्योंकि वह खुले तौर पर इसके बारे में कह चुके हैं। इतना ही नहीं उन्होंने कुछ ही दिनों पहले ही कांग्रेस नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी को अनुभवहीन तक बता दिया था। इस लिहाज से कैप्टन पंजाब मे नया सियासी ठिकाने की तलाश में लगे हुए हैं।
सिद्धू का सियासी ड्रामा पंजाब कांग्रेस के लिए नुकसानदायक, जानिए क्यों नाराज हुए शेरी