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उत्तराखंड में बाढ़ का खतरा, यूपी-बिहार में भी हाई अलर्ट,एक-दूसरे के संपर्क में हैं तीनों राज्यों के CM,
देहरादून/लखनऊ/पटना। उत्तराखंड के चमोली में हिमखंड टूटने के बाद ऋषिगंगा और फिर धौलीगंगा पर बने हाइड्रो प्रोजेक्ट का बांध टूट गया है। इससे से गंगा और उसकी सहायक नदियों में बाढ़ का खतरा पैदा हो गया है। राज्य में चमोली से लेकर हरिद्वार और यूपी और बिहार में गंगा किनारे बसे इलाकों में हाई अलर्ट घोषित कर दिया गया है। बताते चले कि इस हादसे में करीब 150 लोगों के लापता होने की आशंका जताई जा रही है।
| Published : Feb 07 2021, 02:13 PM IST / Updated: Feb 07 2021, 03:31 PM IST
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चमोली के इस हादसे के बाद से उत्तराखंड और यूपी के सीएम लगातार संपर्क में हैं। उत्तराखंड के सीएम त्रिवेन्द्र सिंह रावत के साथ ही उत्तर प्रदेश के सीएम ने आपदा प्रबंधन की तैयारी करने के साथ ही इस हादसे की जानकारी आपस में साझा की है।
यूपी में गंगा नदी के किनारे वाले जिलों बिजनौर, बदायूं के साथ ही हापुड़, फर्रुखाबाद, कानपुर, प्रयागराज व वाराणसी के जिलाधिकारियों से राहत आयुक्त ने सम्पर्क करने के साथ ही मुस्तैद रहने का दिशा-निर्देश जारी कर दिया है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गंगा नदी के किनारे पडने वाले सभी जिलों के डीएम तथा एसपी को सतर्क रहने के भी निर्देश दिए हैं। एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और पीएसी फ्लड कंपनी को उच्चतम अलर्ट पर रहने के निर्देश दिया गया है।
बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने भी हाई लेवल मीटिंग बुलाई है। इसके पहले उन्होंने इस घटना को लेकर ट्वीट भी किया। लिखा है उत्तराखंड आपदा में फंसे लोगों और राहत व बचाव कार्यों में लगे लोगों के लिए प्रार्थना। इस आपदा में पूरा बिहार उत्तराखंड के लोगों के साथ है। हमारे अधिकारी उत्तराखंड मुख्यमंत्री कार्यालय के सम्पर्क में हैं।
बताते चले कि उत्तराखंड में ग्लेशियर टूटने की घटना के बाद अलकनंदा उफान पर है। उत्तराखंड में जिला प्रशासन ने नदी किनारे सभी लोगों को अलर्ट कर दिया है और उन्हें सुरक्षित स्थानों पर भेज दिया है। मौके पर एनडीआरएफ और एसडीआरएफ भी तैनात कर दी गई है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक टिहरी में भी प्रशासन ने कीर्तिनगर, देवप्रयाग में नदी किनारे अलर्ट जारी किया है। देवप्रयाग संगम पर भी लोगों की आवाजाही बंद कर दी गई है। वहीं, नदी किनारे जितनी भी बस्तियां हैं सभी में लोगों को ऊंचाई वाले इलाकों में जाने के लिए कहा गया है। खनन पट्टों पर कार्य कर रहे लोगों को भी हटाया जा रहा है।