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Agriculture News: 60 दिनों में तैयार होती है ये फसल, बाजार में हमेशा रहती हैं डिमांड, जानें कितनी होती है कमाई
ट्रेंडिंग डेस्क. चुकंदर की खेती (Beetroot Farming) करने वाले किसानों को काफी फायदा होता है। किसान अब पारंपरिक खेती के साथ-साथ ऐसी फैसलों की खेती भी करता है जिससे की उसे मुनाफा हो सके। इसी कड़ी में हम आपको चुकंदर (Beetroot ) की खेती के बारे में बता रहे हैं जिसे करने के बाद आप ज्यादा मुनाफा कमा सकते हैं। चुकंदर का उपयोग सलाद के रूप में किया जाता है। ये एक ऐसी फसल है जो हेल्थ के लिए भी बहुत फायदेमंद होती है। देश के अलग-अलग प्रांतों में इसकी खेती की जाती है। भारत के ज्यादातर राज्यों में इसकी खेती की जाती है। हेल्थ के लिए फायदेमंद होने के कारण इशकी बाजार में हमेशा डिमांड रहती है। ये औसतन 40 से 50 रुपए किलो हर सीजन में बिकता है। आइए जानते हैं इसकी खेती के बारे में ये खेती कैसे और किस तरह से की जाती है।
| Published : Mar 18 2022, 11:18 AM IST
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चुकंदर की खेती कब होती है (Beetroot cultivation time)
चुकंदर की खेती देश के अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग समय तक की जाती है। वैसे इसकी खेती मुख्य रूप से सितंबर के महीने में होती है। चुकदंर की खेती की बुवाई सितंबर के महीने में की जाती है। वहीं, साउथ इंडिया में इसकी खेती फरवरी और मार्च के महीने में शुरू होती है। शहरों में लोग अपने उपयोग के लिए गमलों में भी चुकंदर को लगा सकते हैं।
चुकंदर की कितने तरह की किस्में होती हैं (varieties of beetroot)
चुकंदर के अलग-अलग किस्में की होती हैं। चुकंदर की रोमनस्काया,डेट्राइट डार्क रेड, मिश्र की क्रासबी, क्रिमसन ग्लोब और अर्लीवंडर जैसे किस्में मानी जाती हैं। इस फसल की कई देसी किस्में भी हैं।
कितने दिन में तैयार होती है फसल
चुकंदर की खेती आमतौर पर बुवाई के बाद 50 से 60 दिनों में तैयार हो जाती है। इसकी कुछ हाइब्रिड फसलें भी होती हैं जो 70 से 80 दिनों में तैयार की जाती हैं। इसकी बुवाई के लिए समतल और दोमट के साथ बलुई मिट्टी जरूरी होती है लेकिन ये ऐसी फसल है जो किसी भी तरह की मिट्टी में आसानी से तैयार हो जाती है लेकिन उसके उत्पादन में फर्क पड़ता है। इसे लगाने के लिए छोटी-छोटी क्वारी बनाकर लगा सकते हैं।
सिंचाई के लिए कैसी होनी चाहिए व्यवस्था
बारिश का पानी इस फसल के लिए बेहद जरूरी होता है। लेकिन अगर समय पर बारिश नहीं होती है तो आप इस खेती के लिए 10 से 12 दिनों में पानी दे सकते हैं। इस फसल के साथ नमी बनी रहनी चाहिए। नमी होने से इसकी फसल अच्छी होती है। बाकि मिट्टी के हिसाब से पानी दे सकते हैं।
कितने तक की होती है कमाई
चुकंदर की फसल एक हेक्टेयर 150 क्विटंल से लेकर 200 क्विंटंल के करीब होता है। बाजार के भाव की बात करें तो बाजर में इसकी कीमत 50 रुपए से लेकर 100 रुपए किलो तक रहती है। ये फसल न्यूट्रीशियन से भरपूर होती है जिस कारण से बाजार में इसकी अच्छी डिमांड रहती है।