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तारीफ के काबिल है CM योगी की ऐसी तैयारी, अपने गांवों में कुछ ऐसे रह रहे हैं दिल्ली-मुंबई से लौटे मजदूर
लखनऊ(Uttar Pradesh ) . कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को रोकने के लिए किए गए लॉकडाउन की वजह से प्रवासियों की काफी भीड़ दिल्ली, महाराष्ट्र हरियाणा और पंजाब जैसे प्रदेशों से वापस उत्तर प्रदेश में वापस आई है। इन लोगों में संक्रमण की आशंका के मद्देनजर इन्हे गांव में ही क्वारंटाइन करने का फैसला योगी सरकार द्वारा लिया गया था। योगी सरकार द्वारा लिए गए इस शानदार निर्णय के बाद ग्रामप्रधानो ने कोरोना को तीसरे स्टेज में जाने से रोकने के लिए पूरी ताकत झोंक दी है। इसके लिए सभी ग्राम प्रधानों को आवश्यक दिशानिर्देश सरकार की ओर से दिए गए थे।
| Published : Apr 02 2020, 02:41 PM IST / Updated: Apr 02 2020, 02:52 PM IST
तारीफ के काबिल है CM योगी की ऐसी तैयारी, अपने गांवों में कुछ ऐसे रह रहे हैं दिल्ली-मुंबई से लौटे मजदूर
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सरकार के इस फैसले के बाद तकरीबन हर जिले में बाहर से आने वाले लोग प्राथमिक स्कूलों में रोके गए हैं। उनके भोजन से लेकर सारी व्यवस्था ग्राम प्रधानों को सौंपी गई है। उन्हें 14 दिन तक क्वारंटाइन करने के निर्देश दिए गए हैं।
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यूपी के प्रतापगढ़ जिले में शहाबपुर गांव में कुल नौ लोग क्वारंटाइन किए गए हैं। इनमे ज्यादातर लोग दिल्ली व महाराष्ट्र से आए हैं। गांव के लोगों को गांव में एक किनारे बने प्राथमिक स्कूल में रोका गया है। 14 दिन तक उन्हें अपने परिवार से भी मिलने की इजाजत नहीं दी गई है।
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शहाबपुर के ग्राम प्रधान राजेश प्रभाकर सिंह ने बताया कि 9 लोग जो गैर प्रांत से घर लौटे थे सभी को यहां प्राथमिक विद्यालय में क्वारंटाइन किया गया है। उनको बिस्तर, पानी पीने के लिए ग्लास, बाल्टी,या जरूरत की सभी चीजें अलग से दी गई हैं। किसी को भी एक दूसरे या फिर घर वालों से मिलने के लिए मना किया गया है। इन लोगों की निगरानी के लिए मै खुद भी 14 दिन के लिए प्राथमिक स्कूल के एक कमरे में रुका हूं। किसी प्रकार की चूक न हो इसका ध्यान मैं खुद रख रहा हूं।
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इसी तरह प्रयागराज में भी बाहर से आए लोगों को क्वारंटाइन किया गया है। यहां सोरांव तहसील इलाके के एक दर्जन से अधिक प्राथमिक स्कूलों में लोगों को क्वारंटाइन किया गया है। इसमें ज्यादातर दिल्ली या महाराष्ट्र में रह कर ट्रक चलाने वाले चालक हैं।
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गोरखपुर में भी दो दर्जन से अधिक स्कूलों में कई लोगों को क्वारंटाइन किया गया है। इन स्कूलों में रुकने वाले लोगों के लिए ग्राम प्रधान व जिला प्रशासन की ओर से सभी जरूरी आवश्यक वस्तुएं उपलब्ध कराई गई हैं। 14 दिन के क्वारंटाइन पीडिएड में ये किसी से न मिलें इसका ध्यान रखा जा रहा है।
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इसी तरह जौनपुर में भी काफी प्राथमिक स्कूलों में लोगों को क्वारंटाइन किया गया है। जिले की मछलीशहर तहसील के कई प्राथमिक विद्यालयों में लोगों को रोका गया है। एक कमरे में दो लोगों के रुकने की व्यस्व्था की गई है। उनके बिस्तर से लेकर बर्तन व साबुन तक अलग किए गए हैं। सभी को एक दूसरे के पास बैठने की सख्त मनाही है।
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पीएम मोदी के संसदीय शहर वाराणसी में भी सैकड़ों लोगों को क्वारंटाइन किया गया है। यहां तीन दर्जन से अधिक प्राथमिक विद्यालयों में प्रदेश के बाहर से आए लोगों को क्वारंटाइन किया गया है। वाराणसी के चोलापुर इलाके में नागपुर व गुजरात में ईंट भट्ठों पर काम करने गए तीन दर्जन से अधिक मजदूरों को क्वारंटाइन किया गया है। हांलाकि इनमे अभी तक कोरोना जैसी किसी तरह की कोई संदिग्ध बात नहीं पाई गयी है।
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कौशाम्बी में भी सैकड़ों लोग क्वारंटाइन किए गए हैं। जिले के मंझनपुर इलाके में काफी लोग क्वारंटाइन में है। यहां रोके गए ज्यादातर लोग ट्रक चालक या क्लीनर का काम करने वाले लोग हैं। जो प्रदेश से बाहर रहकर ट्रक चलाने का काम करते थे। अब लॉक डाउन होने के बाद वह अपने घर वापस आ गए थे। इन सभी के बारे में लगातार स्वास्थ विभाग को अपडेट दिया जा रहा है।