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यूपी लौट चुके हैं 26 लाख से अधिक प्रवासी कामगर, ऐसा करने पर बैंक अकाउंट में पा सकते हैं 6000 रुपए
लखनऊ (Uttar Pradesh) । लॉकडाउन में काम-धंधे के अभाव में दूसरे राज्यों से लौटने वाले कामगारों का आंकड़ा 26 लाख पार पहुंच गया है। योगी सरकार इन्हें होम क्वारंटाइन टाइम पूरा होते ही 1000 का भरण पोषण भत्ता व राशन कार्ड दे रही है। साथ ही प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि स्कीम का लाभ भी ये प्रवासी मजदूर उठा सकते हैं। इसके तहत हर साल 6000 रुपये मिल रहे हैं। देश के करीब 10 करोड़ किसानों को राहत देने वाली प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि स्कीम का लाभ प्रवासी मजदूर भी उठा सकते हैं। इसके लिए उन्हें कु्छ अहम शर्तों को पूरा करना होगा। जिसके बारे में हम आपको बता रहे हैं।
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पहला उनका नाम रेवेन्यू रिकॉर्ड में दर्ज होना चाहिए। दूसरा वह बालिग होने चाहिए, मतलब अगर मुंबई से लौटे किसी प्रवासी मजदूर को नाम उसकी खेती के कागजात में है, तो वह किसान सम्मान निधि का हकदार होगा।
पिछले दिनों केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने कहा था कि शर्तें पूरी करने वाला मजदूर रजिस्ट्रेशन करवाए, सरकार पैसा देने का तैयार है।
मजदूर के नाम पर खेत होना चाहिए। अब रजिस्ट्रेशन के लिए कहीं जाने की जरूरत नहीं है। खुद ही स्कीम की वेबसाइट पर जाकर इसके फार्मर कॉर्नर के जरिए आवेदन किया जा सकता है।
संयुक्त परिवार का हिस्सा ही क्यों न हो, क्योंकि किसानों को सीधे मदद देने वाली इस स्कीम में परिवार का मतलब है कि पति-पत्नी और 18 साल से कम उम्र के बच्चे। उसके अलावा अगर किसी का नाम खेती के कागजात में है तो उसके आधार पर वो अलग से लाभ ले सकता है।
व्यक्ति के पास खेती की जमीन के कागजात के अलावा पीएम किसान स्कीम का लाभ लेने के लिए बैंक अकाउंट नंबर और आधार नंबर होना जरूरी है। इस डेटा को राज्य सरकार वेरीफाई करती है, तब केंद्र सरकार पैसा भेजती है।