- Home
- States
- Uttar Pradesh
- फिल्म से कम नहीं मेरठ जिला पंचायत अध्यक्ष की कहानी, 15 साल जर्मनी में रहे..बिजनेसमैन बने और लौट गांव
फिल्म से कम नहीं मेरठ जिला पंचायत अध्यक्ष की कहानी, 15 साल जर्मनी में रहे..बिजनेसमैन बने और लौट गांव
मेरठ (उत्तर प्रदेश). अक्सर फिल्मों की कहानियों में देखा गया है कि कोई विदेश में पढ़-लिखकर बड़ा बिजनेसमैन बन जाता और वहीं पर रहने लगता है। लेकिन एक दिन उसे अपने देश की मिट्टी की याद आती है और वह सबकुछ छोड़ वतन लौट आता है। कुछ ऐसी ही दिलचस्प कहानी है उत्तर प्रदेश में मेरठ जिले के निर्विरोध निर्वाचित हुए जिला पंचायत अध्यक्ष गौरव चौधरी की। जिन्हें भी अपने गांव की मिट्टी अपनी और खींच लाई और वह जर्मनी में सब छोड़कर वापस लौट आए।
| Published : Jun 30 2021, 07:10 PM IST / Updated: Jun 30 2021, 07:15 PM IST
- FB
- TW
- Linkdin
दरअसल, गौरव चौधरी इंटरमीडिएट तक की पढ़ाई मेरठ शहर से करने बाद अपनी कॉलेज की डिग्री लेने के लिए जर्मनी चले गए। जहां उन्होंने अपनी सारी पढ़ाई की, लेकिन उन्हें जर्मनी देश इतना भाया कि वहीं पर बसने का मन बना लिया। इसके बाद वहीं पर इंपोर्ट, एक्सपोर्ट और कंस्ट्रक्शन का बिजनेस शुरू किया। उनका कारोबार पूरी तरह से यहीं पर सेट हो गया और पत्नी और बच्चे के साथ रहने लगे।
गौरव चौधरी ने बताया कि उन्होंने विदेश में रहते हुए भी अपने गांव आना कभी नहीं छोड़ा, साल में कम से कम दो बार तो आ ही जाते थे। इसके बाद उन्होंने जर्मनी में रहते हुए अपने गांव समाज के लिए कुछ करने का ख्याल मन में आया। इसके लिए उन्होंने अपने दादा चौधरी भीम सिंह के नाम से एक मेमोरियल ट्रस्ट सामाजिक संस्था की शुरूआत की। जिसके जरिए वह जरूरतमंद बच्चों और गरीबों की मदद करने लगे। लेकिन वह चाहते थे कि अब युवाओं की मदद कैसी की जाए।
गौरव चौधरी बताते हैं कि उनको प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का काम करने का तरीका और उनकी जीवन शैली पसंद आया और वह पीएम मोदी से प्रेरणा लेकर अपने वतन लौट आए। योगेंद्र पीएम मोदी को ही अपना आदर्श मानते हैं। उनका कहन है कि प्रधानमंत्री ने भारत की छवि को समूचे विश्व में बदलकर रख दिया है। आज पूरी दुनिया में भारत का बहुत सम्मान है। विदेशों में भारतीयों का सिर गर्व से ऊंचा है। उनसे ही प्रभावित होकर में अपने गांव लौटा हूं।
जब गौरव अपने गांव लौटे तो उनके चाचा योगेंद्र कहने लगे कि तुम पढ़े-लिखे हो और विदेश में रहकर आए चुनाव क्यों नहीं लड़ते हो। क्योकि गौरव के चाचा भी जिला पंचायत सदस्य रह चुके हैं। फिर क्या था गौरव ने भी राजनीति में आने का मन बना लिया और जिले के वार्ड-18 कुसैडी से बीजेपी के प्रत्याशी बन चुनाव लड़ा और रिकॉर्ड वोटों से जीत भी लिया।
बता दें कि मंगलवार को 32 साल के गौरव चौधरी को मेरठ जिला पंचायत अध्यक्ष निर्विरोध चुन लिया गया है। क्योकि मेरठ में उनके मुकाबले पर कोई प्रत्याशी नहीं था जो उनको टक्कर दे पाता। मेरठ के जिलाधिकारी ने गौरव चौधरी को जीत का सर्टिफिकेट दिया। इस दौरान उन्होंने कहा कि यह उनकी नहीं बल्कि उनकी पार्टी और क्षेत्र की जनता की जीत है।
जीत का सर्टिफिकेट लेने के दौरान गौरव ने जनता से वादा किया है कि वह अपने क्षेत्र का विकास जर्मनी की तरह ही करेंगे। गौरव का बैकग्राउंड हाई प्रोफाइल होने की वजह से उनके चुनाव लड़ने की खबर इलाके में चर्चा में बनी रहीं। सोशल मीडिया से लेकर लोगों की दीवारों पर उनके फोटो चिपके रहे। पहली बार वह राजनीति में आए और अपने क्षेत्र के लोगों का दिल जीत लिया।
अभी गौरव चौधरी की पत्नी मोनिका अपनी बेटी के साथ जर्मनी में रहते हैं।