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कौन है जेई अंकल रामभवन, जिसने चाकलेट और गेम के बहाने 10 साल में 50 बच्चों का बनाया पोर्न वीडियो
लखनऊ (Uttar Pradesh) । सीबीआई के हत्थे चढ़े चित्रकूट में तैनात सिंचाई विभाग का जेई रामभवन (JE Rambhavan) की काली करतूतों से पर्दा उठने लगा है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक वो आर्थिक रूप से कमजोर परिवार के बच्चों को मोबाइल पर गेम खिलाने के बहाने अपने किराये के घर पर बुलाकर उनका यौन शोषण(Sexual Exploitation) करता था, फिर चाकलेट आदि गिफ्ट देकर उनका पोर्न वीडियो बनाता था, जिसे देश-विदेश में आसानी से बेच देता था। हालांकि मामला सामने आने पर उसे निलंबित कर दिया गया है। वहीं, अब सीबीआइ के सच उजागर करने पर उसके मोहल्ले के कुछ बच्चे भी दबी जुबां करतूत को बता रहे हैं। हालांकि, अभिभावक खुद चुप्पी साधने के साथ ही बच्चों का मुंह बंद कराने का भरसक प्रयास कर जेई को सीधा-साधा बता रहे हैं। आइये हम आपको बताते है कैसे 40 साल की उम्र में जेई ने 50 बच्चों को अपना शिकार बनाया।
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चित्रकूट, बांदा, महोबा और हमीरपुर के 50 से अधिक बच्चों के यौन शोषण का आरोपी निलंबित जेई रामभवन ने कर्वी नगर के शोभा सिंह का पुरवा (एसडीएम कालोनी) में किराए के मकान को अपना अड्डा बना रखा था। उसके पास से बरामद हुए आठ लाख नकदी, 12 मोबाइल फोन व अन्य सामग्री से यह सच सामने आया है। इस संगीन मामले में उसके खिलाफ कोई मुंह खोलने को तैयार नहीं है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अभिभावक बच्चों को डरा-धमका रहे हैं, लेकिन कुछ ने बताया कि जेई अंकल, मोबाइल में वीडियो गेम खिलाने के बहाने घर पर बुलाते थे। उनके पास तमाम मोबाइल हैं, जिनमें एक-एक बच्चे को अलग-अलग समय घर पर बुलाकर घंटों मोबाइल पर गेम खिलाने के साथ अश्लील वीडियो भी दिखाते थे। यूट्यूब पर ऑनलाइन वीडियो भी अपलोड करते थे।
सीबीआई रामभवन की इंटरनेट मीडिया पर रही गतिविधियों व संपर्क में रहे लोगों के बारे में भी छानबीन कर रही है। उसके दो अन्य भाई राजा भइया और रामप्रकाश ज्यादा पढ़ लिख नहीं सके। दोनों नरैनी में सीमेंट की जाली और बड़े बर्तन आदि बनाने का कारोबार हैं, जो घटना के बाद से गायब हैं।
रामभवन की प्राथमिक शिक्षा कक्षा आठ तक हनुमान क्रमोत्तर पाठशाला नरैनी से हुई। हाई स्कूल राजकुमार इंटर कॉलेज से किया तथा पॉलिटेक्निक बांदा से किया। नौकरी सन् 2009-10 में पाई।
बताया जाता है कि पढ़ाई के दौरान प्रतियोगी परीक्षा के लिए लखनऊ, दिल्ली, इलाहाबाद (प्रयागराज) भी आना जाना रहा। कयास लगाया जाता है कि इसी दौरान महानगरों में वह किसी ऐसे संपर्क में आया, जहां से पैसों की ललक ने गलत रास्ते पर डाल दिया।
रामभवन की शादी करीब 15 वर्ष पूर्व इलाहाबाद में हुई थी। उसके कोई संतान नहीं है। पैतृक गांव खरौंच को रामभवन के परिवार ने करीब पांच दशक पहले ही छोड़ दिया था। नरैनी जाकर बस गया, जबकि रामभवन कर्वी में रह रहा है। पैतृक गांव के लोग उसके बारे में ज्यादा नहीं जानते।
बताया गया कि करीब छह साल पहले दो बच्चों के परिवार ने आरोपी रामभवन की हरकतों का विरोध किया था। इसे लेकर विवाद भी हुआ था। तब रामभवन ने मामले को किसी तरह शांत करा लिया था और शिकायत पुलिस तक नहीं पहुंची थी। रामभवन ने इसके बाद अपना आवास भी बदल दिया था।