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इस शहर में अब 2021 में होगी अगली सुबह, 2 महीने तक लगातार जलते स्ट्रीट लाइट्स में ही काम करेंगे लोग
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जैसा की हम सबको पता है कि पृथ्वी अपने एक्सिस पर घूमती है। एक पूरा चक्कर लगाने में उसे 24 घंटे का समय लगता है। इसमें 12 घंटे तक एक और धूप पड़ती है। उस तरह दिन होता है। उसके पीछे अंधेरा होता है, जहां रात होती है।
पृथ्वी अपनी धूरी से सरकते हुए सूरज के चारो तरफ घूमती है। इसमें उसे 365 दिन, ६ घंटे और 48 मिनट लगते हैं। जिसे एक साल माना जाता है। इस एक साल में कई महीने आते हैं और अलग-अलग मौसम के साथ साल खत्म होता है।
वहीं पृथ्वी अपनी एक्सिस पर टेढ़ी खड़ी है। इस वजह से उसके दोनों पोल्स नॉर्थ और साउथ में एक साथ सूरज की रोशनी नहीं पड़ती। यही कारण है कि नॉर्थ में 6 महीने अगर दिन है तो साउथ पोल में 6 महीने रात होती है।
नॉर्थ पोल को आर्कटिक सर्कल कहते हैं जबकि साउथ पोल को अंटार्कटिक सर्कल। अलास्का का उतकियागविक शहर आर्कटिक सर्कल में पड़ता है। उसमें भी ये शहर बाकी जगहों के मुकाबले ऊंचाई पर है।
ऐसे में 18 नवंबर के बाद अब इस शहर के ऊपर सूरज की रोशनी ना के बराबर पड़ेगी। ऐसा नहीं है कि अब यहां सूरज निकलेगा ही नहीं, लेकिन अब 65 दिन तक यहां रोशनी नहीं आएगी।
नवंबर से जनवरी तक उतकियागविक में कड़ाके की ठंड पड़ती है। तापमान माइनस 23 डिग्री तक चला जाता है। साथ ही यहां विजिबलिटी भी काफी कम हो जाती है। ऐसे में सूरज की किरण जमीन तक नहीं आ पाती।
रात के बाद अगर यहां दिन की बात करें, तो उसका समय अधिक है। यहां 82 दिन तक दिन रहता है। ऐसा नहीं है कि इस दौरान सूरज डूबता नहीं, लेकिन चूंकि ये इतनी ऊंचाई पर है कि फिर भी सूरज की रोशनी यहां आती है। इससे दिन का अनुभव होता है।
उतकियागविक में 12 मई से लेकर 2 अगस्त तक दिन था। इस दौरान रात को भी यहां सूरज की रोशनी आती रहती है। अब 18 नवंबर को लोगों ने यहां आखिरी बार सूरज देखा। इसके बाद अगले साल ही लोगों को सूर्य देव के दर्शन होंगे।