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दावा: भारत में मार्च-अप्रैल में ही मर गया था खतरनाक कोरोना, अब जो फैल रहा वो है उसका कमजोर भाई!
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भारत ने मार्च से ही कोरोना वायरस के रूप में कई बदलाव देखे हैं। अब Institute of Genomics and Integrative Biology (IGIB) के टॉप ऑफिशियल्स ने दावा किया है कि भारत में इस वायरस का सबसे खतरनाक रूप मई में ही मर गया था। (तस्वीरें:गूगल से)
IGIB के डायरेक्टर अनुराग अग्रवाल ने बताया कि भारत में अभी तक कोरोना वायरस के सबसे ज्यादा वेरिएशन देखने को मिले हैं। यूके में जहां अब जाकर खतरनाक रूप फ़ैल रहा है, वहीं भारत में ये अपने आप ही मई में मर गया था। (तस्वीरें:गूगल से)
IGIB को Council of Scientific and Industrial Research (CSIR) के अंडर में रखा गया है। इसका काम है यूके में फ़ैल रहे कोरोना के खतरनाक रूप को भारत में ना फैलने देना। इसके रूप पर संस्थान काम कर रही है। इसी स्टडी के दौरान ये दावा किया गया है। (तस्वीरें:गूगल से)
अनुराग अग्रवाल, जो The Lancet and Financial Times Commission on Governing Health Futures के को-चेयरमेन भी हैं, ने कहा कि यूके में जैसा वायरस अभी देखने को मिल रहा है, जिसे A4 वेरियंट भी कहा जा रहा है, वो तो भारत में मई में ही खत्म हो गया था। ये साउथ ईस्ट एशिया से शुरू हुआ था। (तस्वीरें:गूगल से)
कोरोना के अन्य प्रकारों के मुकाबले ये काफी ज्यादा जल्दी फैलने वाला वायरस था। भारत में ज्यादा दिल्ली, हैदराबाद और कर्नाटक में फैला था। अनुराग अग्रवाल ने बताया कि हालांकि, भारत में एक समय के बाद ये अपने आप कमजोर हो गया और मारा गया। (तस्वीरें:गूगल से)
यूके सरकार के डाटा के मुताबिक, अभी वहां कोरोना का जो नया रूप फ़ैल रहा है वो सत्तर प्रतिशत ज्यादा इन्फेक्शन फैला सकता है। हालांकि, राहत की बात ये है कि ये फैलता जल्दी है लेकिन इससे मौत नहीं हो रही है। (तस्वीरें:गूगल से)
भारत में इस वायरस के रूप को रोकने के लिए काम शुरू कर दिया गया है। भारत की जनसँख्या यूके से काफी ज्यादा है। ऐसे में अगर ये सुपरस्प्रेडर कोरोना भारत पहुंच गया, तो ये काफी ज्यादा लोगों को इन्फेक्ट कर देगा। (तस्वीरें:गूगल से)
अनुराग अग्रवाल ने साथ में एक और राहत की खबर दी है। उन्होंने बताया कि जिस इंजेक्शन को अभी भारत में दिया जा रहा है, वो फ़ैल रहे कोरोना के रूप पर काफी प्रभावी है। ये लोगों को इस संक्रामक वायरस से बचाने में सक्षम है। ये राहत की बात है। (तस्वीरें:गूगल से)