अगर कोई APP आपको 5 मिनट में लोन दे रहा, तो ALERT रहें, जानिए कैसे डालते हैं गले में फंदा
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पहले जानें अचानक क्यों यह मामला सुर्खियों में आया?
-16 दिसंबर को 28 साल के वी सुनील ने अपने 5 साल के बेटे को फांसी पर लटकाने के बाद सुसाइड कर लिया। उन्होंने इंस्टेंट ऐप से कुछ लोन लिया था। जो 2 लाख में बदल गया था।
-12 दिसंबर को 24 साल की किर्नी मोनिका ने सुसाइड कर लिया था। उन्होंने एक ऐप के जरिये 5000 रुपए का लोन लिया था। जिसे 2.6 लाख रुपए में बदल दिया गया था।
-14 दिसंबर को 36 साल के संतोष ने जहर खा लिया था। इन्होंने 51 हजार के आसपास लोन लिया था।
ये तीनों मामले तेलंगाना के हैं। इन मामलों के बाद पुलिस सक्रिय हुई।
इंस्टेंट लोन देने वाले ऐप्स गूगल प्ले और ऐप स्टोर पर मौजूद हैं। ये 35 प्रतिशत तक ब्याज वसूलते हैं। इनका किसी भी बैंकिंग या नॉन-बैकिंग फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशन से संबंध नहीं होता। अगर आप लोन समय पर नहीं चुका पाते, तो ये ब्याज पर भी ब्याज वसूलते हैं।
इंस्टेंट लोन ऐप्स के जरिये आपसे पर्सनल डिटेल जैसे- बैंक स्टेटमेंट, आधार कार्ड की कॉपी, पैन कार्ड की कॉपी, सिग्नेचर आदि अपलोड कराए जाते हैं। कुछ प्रोसेस के बाद आपके बैंक अकाउंट में एक हजार से 50000 रुपए तक का लोन ट्रांसफर कर दिया जाता है। ये लोन 7 दिन से कुछ महीने तक का होता है। अगर आप 5000 रुपए तक लोन लेते हैं, तो 1180 रुपए सिर्फ प्रोसेसिंग फीस जीएसटी की आड़ में आपसे वसूल ली जाएगी। यही नहीं, लोन रकम मिलेगी सिर्फ 3820 रुपए। जबकि सरकारी या गैर सरकारी बैंक प्रोसेसिंग फीस 1 प्रतिशत तक होती है।
इंस्टेंट लोन ऐप दिन के हिसाब से आपसे ब्याज वसूलते हैं। पुलिस की जांच में सामने आया है कि इनके कॉलसेंटर हैदराबाद के अलावा कई बड़े शहरों में हैं। लोन के वक्त ये आपके परिचितों का भी फोन नंबर ले लेते हैं। इसके बाद उन्हें भी परेशान करते हैं। लोन समय पर नहीं चुकाने पर 3000 रुपए रोज की पैनल्टी वसूलते हैं।
चूंकि RBI ने अभी ऐसे ऐप्स को लेकर कोई नियम-कायदे नहीं बनाए हैं, इसलिए इंस्टेंट लोन लेने से बचें। अगर फिर भी फ्रॉड का शिकार हैं, तो पुलिस में शिकायत करें।