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Afghanistan में बहुत कुछ मिटाकर लौटा अमेरिका, 20 साल में 2300 सैनिक खोए, जानिए 2001 से 21 तक क्या हुआ
काबुल. Afghanistan से अमेरिका की वापसी ने दुनियाभर के लिए एक बड़ा सवाल छोड़ दिया है। इन 20 सालों में अमेरिका को अफगानिस्तान से कुछ हाथ नहीं लगा। Taliban फिर से लौट आया और अमेरिका को बहुत कुछ गंवाकर वापस जाना पड़ा। यह और बात है कि अब अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन का बयान आया है कि वे अफगान गठबंधन के साथ मिलकर काम करेंगे। बाइडेन का कहना है कि अमेरिका ने 20 साल तक अफगानिस्तान में शांति बनाए रखी। उसने जो काम किया, वो कोई दूसरा नहीं कर सकता था। अमेरिका का दावा है कि उसने वहां से 1.25 लाख लोगों को निकाला है। इस बीच, पॉलिटिकल न्यूज ब्रेक करने में माहिर (पॉडकास्ट-Podcast) ब्रायन टायलर कोहेन (Brian Tyler Cohen) ने एक tweet किया है। इसमें उन्होंने 2001 से 2021 तक अफगानिस्तान में मारे गए अमेरिकी सैनिकों का ब्यूरा दिया है।
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ब्रायन टायलर कोहेन (Brian Tyler Cohen) ने tweet करते हुए अमेरिकी सैनिकों की शहादत पर फोकस किया है। यानी 2001 से अब तक 2300 से अधिक अमेरिकी सैनिकों ने अफगानिस्तान में अपनी जान गंवाई।
यह है आंकड़ा
2001:7, 2002: 30, 2003: 33, 2004: 49, 2005: 93, 2006: 88, 2007: 111, 2008: 153, 2009: 310, 2010: 496, 2011: 412, 2012: 301, 2013: 120, 2014: 54, 2015: 22, 2016: 9, 2017: 14, 2018: 14, 2019: 21, 2020: 11 और 2021 में 13 अमेरिकी सैनिकों की मौत हुई।
क्रेडिट-Cartoon by @awanthaartigala
बता दें कि अमेरिकी सेना ने 30 अगस्त की आधी रात को पूरी तरह से अफगानिस्तान छोड़ दिया था। वे अफगानिस्तान में 8,84,311 आधुनिक सैन्य उपकरण छोड़कर गया है। इनमें M16 रायफल, M4 कार्बाइन, 82 mm मोर्टार लॉन्चर जैसे इंफेंट्री हथियारों के साथ humvee जैसे सैन्य वाहन, ब्लैक हॉक हेलिकॉप्टर, A29 लड़ाकू विमान, नाइट विजन, कम्युनिकेशन और सर्विलांस में इस्तेमाल होने वाले उपकरण आदि शामिल हैं। हालांकि जाते-जाते वो कई चीजें डैमेज करके भी गया, ताकि तालिबान उनका उपयोग नहीं कर सके।
(यह तस्वीर काबुल एयरपोर्ट पर हुए आत्मघाती हमले में जान गंवाने वाले 13 अमेरिकी सैनिकों की है)
फोटो क्रेडिट-Getty Images
अफगानिस्तान में सिर्फ अमेरिकी सैनिकों की शहादत ही नहीं हुई, नाटो से जुड़े दूसरे देशों और निजी सुरक्षाकर्मियों ने भी जान गंवाई है। अफगानिस्तान में 20 साल के दौरान 3800 निजी सुरक्षाकर्मी, नाटो के 40 सदस्य देशों के 1,144 सैनिक और सुरक्षाकर्मी भी इस जंग में मारे गए।
हैरानी की बात यह भी है कि अफगानिस्तान पर अमेरिका ने 2260 अरब डॉलर खर्च किए। इसमें अकेले युद्ध पर 815 अरब डॉलर खर्च हुए।
अमेरिका की अफगानिस्तान मिशन की शुरुआत 19 सितंबर, 2011 से हुई थी। इसमें सीआईए के अधिकारी रूस में बने हेलिकॉप्टर MI-17 में बैठकर उज्बेकिस्तान के रास्ते अफगानिस्तान आए थे।
बताया जाता है कि तब CIA के अधिकारी तब सिर्फ 3 मिलियन डॉलर लेकर अफगानिस्तान पहुंचे थे। यह पैसा तीन बक्शों में भरा था।