सार

 कोरोना के कहर ने हर क्षेत्र को प्रभावित किया है। लॉकडाउन के चलते देश के सभी स्कूल पिछले चार महीने से बंद हैं, महामारी के चलते किसी राज्य में अभी तक स्कूल ओपन नहीं हुए हैं। ऐसे में ऑनलाइन कक्षाएं लग रही हैं, जो बच्चों की पढ़ाई के लिए सही साबित हो रही हैं। 

डबवाली (हरियाणा). कोरोना के कहर ने हर क्षेत्र को प्रभावित किया है। लॉकडाउन के चलते देश के सभी स्कूल पिछले चार महीने से बंद हैं, महामारी के चलते किसी राज्य में अभी तक स्कूल ओपन नहीं हुए हैं। ऐसे में ऑनलाइन कक्षाएं लग रही हैं, जो बच्चों की पढ़ाई के लिए सही साबित हो रही हैं। इसमें समाज के हर वर्ग के बच्चे हिस्सा ले रहे हैं। ऐसा ही उदाहरण पेश किया है हरियाणा के एक गडरिया परिवार की पांच बेटियों ने,  जो शिक्षा के बदलते स्वरूप को दिखा रहा है।

पेड़ की छांव में बैठकर होमवर्क पूरा करती हैं बेटियां
दरअसल, डबवाली जिले के सकत्ता खेड़ा गांव के गडरिया परिवार की 5 बेटियां व एक बेटा इस ऑनलाइन पढ़ाई में मिसाल पेश कर रही हैं। वह अपने पिता के मोबाइल पर क्लास ले रही हैं। बता दें कि उनके पिता भेड़ चराने जाते हैं, तो ऐसे में यह वह भी उनके साथ जाती हैं और पेड़ की छांव में बैठकर अपना होमवर्क पूरा करती हैं।

इलाके के लोग बच्चियों की कर रहे तारीफ
इतना ही नहीं यह बेटियां सड़क किनारे बैठकर भी अपनी क्लास को पूरा कर रही हैं। क्षेत्र के उनको देखकर उनकी इस मेहनत की खूब सराहना कर रहे हैं। वहीं कुछ लोगों का कहना है कि एक दिन जरूर यह बच्चियां अपने पिता का नाम रोशन करेंगी।

कोई दसवीं तो कोई तीसरी क्लास का बच्चा
गडरिया सुरेंद्र कुमार ने बताया कि उनके 6 बच्चे हैं। उनकी बड़ी बेटी अनमोल व संजू 10 वीं के पेपर दे चुकी हैं ओर अगली कक्षा में रिजल्ट नहीं आने से एडमिशन नहीं ले सकी हैं वही बेटी सरिता 9 वीं, अंजू 7 वीं और भावना 5 वीं जबकि बेटा कोशल तीसरी कक्षा का होमवर्क मोबाइल पर करते हैं।