सार
मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के पास वित्त विभाग भी है। ऐसे में वे लगातार तीसरी बार बजट पेश करेंगे। इससे पहले उन्होंने 2021 में अपना दूसरा बजट पेश किया था। तब का बजट 1 लाख 55 हजार 645 करोड़ रूपए का था। बजट में 38,718 करोड़ के पूंजीगत खर्च और 1,16,927 करोड़ रुपए के राजस्व खर्च का प्रस्ताव किया गया था।
चंडीगढ़ : हरियाणा की भाजपा सरकार आज अपना तीसरा बजट पेश करने जा रही है। बतौर वित्त मंत्री मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर (Manohar Lal Khattar) विधानसभा के पटल पर सरकार का लेखा-जोखा रखेंगे। बजट सुबह 10 बजे डिजिटल तरीके से पेश किया जाएगा। इस बार बजट डेढ़ लाख करोड़ रुपए से अधिक होने का अनुमान है। चूंकि आज अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस है, इसलिए माना जा रहा है कि यह बजट महिलाओं के लिए खास हो सकता है। बजट में स्वास्थ्य, शिक्षा, विकास, रोजगार के लिए खास योजनाएं हो सकती हैं।
तीसरी बार बजट पेश करेंगे सीएम खट्टर
मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के पास वित्त विभाग भी है। ऐसे में वे लगातार तीसरी बार बजट पेश करेंगे। इससे पहले उन्होंने 2021 में अपना दूसरा बजट पेश किया था। तब का बजट 1 लाख 55 हजार 645 करोड़ रूपए का था। बजट में 38,718 करोड़ के पूंजीगत खर्च और 1,16,927 करोड़ रुपए के राजस्व खर्च का प्रस्ताव किया गया था। उस बजट को सीएम खट्टर ने आजादी की 75वीं वर्षगांठ को समर्पित किया था। तब बजट में ग्रामीण विकास, कृषि, सामाजिक सुरक्षा पर जोर दिया था।
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इन क्षेत्रों पर रहेगा फोकस
इस बार के बजट में सरकार की कोशिश है कि लोक कल्यााण के लिए ज्यादा से ज्यादा फंड रखा जाए। सामाजिक सुरक्षा, रोजगार पर सबसे ज्यादा फोकस रखा जाएगा। सरकार की कोशिश है कि स्वास्थ्य और ढांचागत विकास को गति दी जाए। इसको लेकर बजट में विशेष प्रावधान रखने की तैयारी सरकार की ओर से की गई है। सीएम मनोहर लाल ने अपने मंत्रियों, अधिकारियों के साथ मिलकर लगातार बजट पर चर्चा की। बजट में विपक्ष के सुक्षाव को भी शामिल किया गया है।
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बजट अध्ययन के लिए तीन दिन का अवकाश
आज बजट पेश करने के बाद हरियाणा विधानसभा में इस बार नई परंपरा के अनुसार विपक्षी विधायकों के साथ-साथ सत्तापक्ष के विधायकों को तीन से चार दिन के अवकाश के दौरान बजट के अध्ययन का वक्त दिया गया है। आठ मार्च को बजट पेश करने के बाद पांच दिनों का अवकाश रखा गया है। 9 मार्च से लेकर 13 की छुट्टी रखी गई है। इसमें तीन दिनों तक बजट के अध्ययन को लेकर अवकाश है और दो दिनों का शनिवार और रविवार को सदन की छुट्टी रहती है।
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