सार
ज्योतिष की बहुत ही शाखाएं हैं। हस्तरेखा भी इनमें से एक है। हस्तरेखा के माध्यम से भी व्यक्ति के भविष्य के बारे में काफी कुछ जाना जा सकता है। इसके अंतर्गत हथेली के छोटे-छोटे चिह्नों का अध्ययन भी किया जाता है।
उज्जैन. हस्तरेखा शास्त्र में हथेली में पाई जाने वाली स्थूल-सूक्ष्म रेखाओं के साथ अनेक प्रकार के चिह्नों के माध्यम से भूत, भविष्य और वर्तमान का कथन किया जाता है। इन्हीं रेखाओं, चिह्नों के संयोग से अनेक प्रकार के योग भी बनते हैं जो शुभ-अशुभ दोनों प्रकार के होते हैं। इन्हीं में से 3 योग हैं प्रभंजन, गज और पारिजात योग। ये योग अंगुलियों के प्रथम पोर पर पाए जाने वाले चिह्न शंख और चक्र से बनते हैं। आगे जानिए इससे जुड़ी खास बातें…
प्रभंजन योग
- जिस व्यक्ति के दाहिने हाथ में तीन अंगुलियों पर चक्र के चिह्न हों तो प्रभंजन योग बनता है। ऐसे लोग अपने जीवन में लगातार उन्नति करते जाते हैं।
- ये सफल और बड़े व्यापारी होते हैं। विदेशों में इनका लंबा-चौड़ा व्यापार होता है। ऐसे लोगों की भाग्यरेखा यदि मजबूत हो तो ये राष्ट्रीय स्तर के पद तक जा सकते है।
- इस योग वाले व्यक्तियों के हाथ से कोई भी कार्य असफल नहीं होता। यहां तक कि बंद पड़ी योजनाओं को यदि ये हाथ में ले लें तो उन्हें भी दौड़ने लायक अवस्था में ले जाते हैं।
पारिजात योग
- जिस व्यक्ति के दाहिने हाथ में तीन अंगुलियों पर शंख के चिह्न हों तो पारिजात योग बनता है। जिसके हाथ में ये योग होता है वो अपने जीवन के मध्यकाल और वृद्धावस्था में विशेष सुख प्राप्त करते हैं।
- प्रारंभिक अवस्था में उच्चाधिकारियों के विशेष प्रिय होते हैं और फिर स्वयं भी उच्च पद तक पहुंच जाते हैं। ऐसे व्यक्ति सामाजिक परंपराओं तथा रूढ़ियों का कट्टरता के साथ पालन करते हैं।
गज योग
- जिस व्यक्ति के दोनों हाथ की अंगुलियों में पांच शंख तथा तीन चक्र के चिह्न हों तो गज योग बनता है। ऐसे लोग प्रसिद्ध पशु पालक और सफल कृषक बनते हैं।
- पशुओं के लेन-देन अथवा कृषि कार्यो से विशेष लाभ अर्जित करता है। यह पूर्ण रूप से संपन्न व्यक्ति होता है तथा अपना जीवन आनंदपूर्वक व्यतीत करता है।
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