सार

यदि किसी अनुभवी ज्योतिषी द्वारा विवाह मिलान या पूर्ण कुंडली मिलान कराया जाता है, तो अप्रिय घटनाएं टाली जा सकती हैं। डॉ विनय बजरंगी ने विवाह के लिए कुंडली मिलान से ज़्यादा से ज़्यादा लाभ प्राप्त करने के विषय में कुछ प्रासंगिक प्रश्नों के उत्तर दिए हैं।

क्या आपको इस बात की जानकारी है कि किसी व्यक्ति के वैवाहिक जीवन और करियर के बीच एक गहरा संबंध होता है? जब भी दो व्यक्ति विवाह करते हैं, तब उनकी कुंडली एक दूसरे को बहुत हद तक प्रभावित करती है। इन दिनों, किसी भी निष्कर्ष पर पहुँचने से पूर्व विवाह अनुकूलता कैलकुलेटर या कुंडली मिलान कैलकुलेटर की सहायता लेना कोई नई बात नहीं है।

यदि किसी अनुभवी ज्योतिषी द्वारा विवाह मिलान या पूर्ण कुंडली मिलान कराया जाता है, तो अप्रिय घटनाएं टाली जा सकती हैं। डॉ विनय बजरंगी ने विवाह के लिए कुंडली मिलान से ज़्यादा से ज़्यादा लाभ प्राप्त करने के विषय में कुछ प्रासंगिक प्रश्नों के उत्तर दिए हैं।

विवाह में कुंडली मिलान का क्या महत्व है?

डॉ विनय बजरंगी - ज्योतिष के अनुसार किसी व्यक्ति की कुंडली मिलान विवाह से संबंधित निर्णय लेते समय सर्वाधिक महत्व रखती है। कुंडली मिलान विवाह सहित आपके जीवन के सभी महत्वपूर्ण पहलुओं को नियंत्रित करती है। आपकी कुंडली आपको आपके विवाह के विषय में सब बता सकती है, चाहे वह आपका साथी हो, विवाह अनुकूलता, बच्चे, पारिवारिक जीवन, आदि। 

कुंडली  से  जानिए  लव  मैरिज होगी या अरेंज  मैरिज 

डॉ विनय बजरंगी : विवाह दो व्यक्तियों का नहीं बल्कि दो परिवारों का मेल होता है। अत: इसका प्रारम्भ दो कुण्डलियों के मिलान से होता है। फिर चाहे लव मैरिज हो या अरेंज मैरिज, कोई भी विवाह तभी सफल होता है, जब दोनों व्यक्तियों की  कुंडली एक-दूसरे के लिए अनुकूल हो। 99% अरेंज मैरिज के मामलों में, विवाह होने से पूर्व उसके सभी पहलुओं पर गौर किया जाता है, लेकिन प्रेम विवाह के विषय में ऐसा नहीं कहा जा सकता। इसलिए  कुंडली से देखना कि लव  मैरिज होगी या अर्रंगे  मैरिज और आपके लिए क्या उचित है एक सही कदम है

क्या कुंडली जीवन साथी कि भविष्यवाणी कर सकती है? 

डॉ विनय बजरंगी: हाँ, कुंडली आपके जीवन साथी के विषय में समस्त भविष्यवाणी कर सकती है। एक अनुभवी ज्योतिषी डी-1 और डी-9 दोनों कुंडलियों के लग्न, दिष्ट, ग्रह शुक्र और बृहस्पति का एक साथ विश्लेषण कर आपकी कुंडली के समस्त पहलुओं का विश्लेषण कर सकता है। एक विस्तृत अध्ययन के बाद, आपके भावी जीवनसाथी के विषय में पूर्ण भविष्यवाणी करना संभव होता है। 

एक नाड़ी होने पर क्या होता है ?

डॉ विनय बजरंगी: नाड़ी, विवाह मिलान या कुंडली मिलान का महत्वपूर्ण हिस्सा है। इसे दो व्यक्तियों के मध्य वैवाहिक अनुकूलता दर्शाने के लिए अधिकतम, 8 अंक दिए गए हैं। नाड़ी अनुकूलता संतान प्राप्ति को दर्शाती है, जो वैवाहिक जीवन के सबसे महत्वपूर्ण पहलुओं में से एक है। यदि दोनों व्यक्तियों की नाड़ी एक है, तो इसका परिणाम नाड़ी दोष होता है। ज्योतिष के नियमों के अनुसार, एक ही नाड़ी के लोगों को वैवाहिक जीवन में गंभीर समस्याएं हो सकती हैं| 

कुंडली न मिलने पर क्या करें ?

डॉ विनय बजरंगी: अगर आपकी कुंडली आपके साथी के साथ मेल नहीं खाती है तो भी विवाह किया जा सकता है। एक कुंडली का विश्लेषण यह जांचने के लिए किया जाता है कि अलग अलग परिस्थितियों में दोनों व्यक्ति एक-दूसरे को किस प्रकार की प्रतिक्रिया देंगे। यह अच्छी बात है कि बदलते समय के साथ विवाह के लिए कुंडली मिलान की प्रक्रिया में भी विकास हुआ है। अब इस प्रक्रिया में विवाह से पूर्व परामर्श भी शामिल है, जो एक रिश्ते में किसी भी प्रकार की समस्या को दूर करने में सक्षम होता है। एक ज्योतिषी को कुंडली में अन्य ग्रहों और योगों के प्रभाव पर भी विचार करना चाहिए जैसे विवाह के कारक (बृहस्पति, शुक्र और मंगल), सातवें भाव का स्वामी और उसकी प्रबलता, आदि। 

दूसरे विवाह के लिए ज्योतिष की क्या राय है

डॉ विनय बजरंगी: दूसरे विवाह के सम्बन्ध में, यह कहना बहुत जल्दी हो जाएगा कि किसी व्यक्ति की जन्म कुंडली में ग्रह और भाव प्रारम्भ से ही अनुकूल नहीं हैं। यदि कोई व्यक्ति दूसरा विवाह करना चाहता है, तो इसका अर्थ है कि विवाह भाव पर नकारात्मक ग्रहों का प्रभाव पहले ही पड़ चुका है। ज्योतिष के अनुसार, नकारात्मक ग्रह जीवन साथी के भाव, सप्तम भाव पर निरंतर प्रतिकूल प्रभाव डाल रहे हैं। इस प्रकार के प्रभाव को कम तभी किया जा सकता है जब आपके साथी की कुंडली में नकारात्मकता को दूर करने के लिए शुभ प्रभाव वाले ग्रह हों। इसलिए, दूसरे विवाह के लिए मेरी ज्योतिषीय राय है कि आप दूसरे विवाह में भी कुंडली मिलान के बिना बिलकुल आगे न बढ़ें। विवाह में कभी भी जल्दबाजी ना करें, चाहे वह पहला विवाह  हो या दूसरा।

क्या पत्नी की कुंडली उसके पति की कुंडली को प्रभावित करती है?

डॉ विनय बजरंगी: जी हां! एक साथी की कुंडली, दूसरे साथी की कुंडली को प्रभावित करती है। कुंडली के विषय में एक रोचक बात यह है कि इसमें एक केंद्र-भाव है, जो आपको यह सूचित करता है कि आपकी कुंडली का आपके जीवनसाथी पर क्या प्रभाव पड़ेगा। वास्तव में, केंद्र-भाव वह शक्ति उत्पन्न करता हैं जिससे आपकी कुंडली में घटनाएं होती हैं। यह एक सच्चाई है कि हर पुरुष या महिला विवाह के उपरान्त, भाग्य में अनुकूल या प्रतिकूल प्रभाव अनुभव करते हैं। अंततः, आपकी कुंडली में ग्रहों की स्थिति आपके या आपके जीवनसाथी के भाग्य में परिवर्तन ला सकती है।

कुंडली से विवाह का समय 

डॉ विनय बजरंगी: ज्योतिष कुंडली से विवाह समय की भविष्यवाणी कर सकता है| वैदिक ज्योतिष के अनुसार, किसी व्यक्ति की कुंडली में छह चक्र होते हैं, जिसके दौरान उसका विवाह हो सकता है। कुंडली में विशेष ग्रहों की प्रबलता इस बात को निर्धारित करती है कि कौन से चक्र के दौरान किसी व्यक्ति का विवाह होगा। इसलिए, किसी व्यक्ति के लिए विवाह चक्र कौन सा होगा, यह ऊपर बताए गए कारकों पर निर्भर करता है। 

यह थे भारत के सर्वश्रेष्ठ ज्योतिषियों में से एक डॉ० बजरंगी के विवाह ज्योतिष/marriage astrology पर विचार। उन्होंने अपनी वेबसाइट पर विवाह ज्योतिष के विषय में अधिक विस्तार से बताया है। किसी अन्य ज्योतिषीय जानकारी के लिए हमारी वेबसाइट vinaybajrangi.com /mail@vinaybajrangi.com पर मेल लिख सकते है या इन फ़ोन नंबरो  द्वारा हमें संपर्क भी कर सकते है +91 9278665588 या 9278555588