सार

9 अगस्त को श्रावण शुक्ल द्वादशी तिथि शाम 05.46 तक रहेगी। इसके बाद त्रयोदशी तिथि आरंभ हो जाएगी। मंगलवार को पहले मूल नक्षत्र होने से  छत्र और उसके बाद पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र होने से मित्र नाम के 2 शुभ  योग रहेंगे। 

उज्जैन. हिंदू धर्म में पंचांग एक अनिवार्य वस्तु है। वर्तमान में कई पंचांग बाजार में प्रचलित हैं, इनका आधार भी अलग-अलग होता है। कुछ पंचांग सौर वर्ष और कुछ चंद्र वर्ष पर आधारित होते हैं। वर्तमान में सबसे अधिक प्रचलित पंचांग विक्रम है। पंचांग में हर वो जरूर जानकारी आसानी से उपलब्ध हो जाती थी, जो आमजन के लिए जरूरी होती थी। प्राचीन काल में पंचांग हमारे दैनिक जीवन का एक अंग हुआ करता था, क्योंकि उस समय बहुत से काम पंचांग देखकर ही किए जाते थे। आगे जानिए आज के पंचांग से जुड़ी खास बातें…

मंगल प्रदोष व्रत आज
धर्म ग्रंथों के अनुसार इस बार 9 अगस्त, मंगलवार को मंगल प्रदोष का योग बन रहा है। ये व्रत श्रावण मास में होने से इसका महत्व और भी अधिक है क्योंकि ये तिथि और महीना दोनों ही भगवान शिव को अतिप्रिय है। इसलिए ये व्रत करने से आपकी हर कामना पूरी हो सकती है व संकट दूर हो सकते हैं। इस दिन छत्र-मित्र आदि कई शुभ योग भी बन रहे हैं। इस दिन मंगला गौरी व्रत का योग भी बन रहा है।

9 अगस्त का पंचांग (Aaj Ka Panchang 9 August 2022)
9 अगस्त 2022, दिन मंगलवार को श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि शाम 05.46 तक रहेगी। इसके बाद त्रयोदशी तिथि आरंभ हो जाएगी। इस दिन सूर्योदय मूल नक्षत्र में होगा, जो दोपहर 12.18 तक रहेगा। इसके बाद पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र रात अंत तक रहेगा। मंगलवार को पहले मूल नक्षत्र होने से  छत्र और उसके बाद पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र होने से मित्र नाम के 2 शुभ  योग रहेंगे। इनके अलावा इस दिन विषकुंभ और प्रीति नाम के 2 अन्य योग भी बन रहे हैं। इस दिन राहुकाल दोपहर 03:46 से शाम 05:23 तक रहेगा। इस दौरान कोई भी शुभ काम न करें।   

ग्रहों की स्थिति कुछ इस प्रकार रहेगी...
मंगलवार को चंद्रमा धनु राशि में, शुक्र कर्क राशि में, बुध सिंह राशि में, सूर्य कर्क राशि में, शनि मकर राशि (वक्री), मंगल-राहु मेष राशि में, गुरु मीन राशि में (वक्री) और केतु तुला राशि में रहेंगे। मंगलवार को उत्तर दिशा की यात्रा नहीं करनी चाहिए। यदि निकलना पड़े तो गुड़ खाकर यात्रा पर जाना चाहिए।

9 अगस्त के पंचांग से जुड़ी अन्य खास बातें
विक्रम संवत- 2079
मास पूर्णिमांत- श्रावण
पक्ष- शुक्ल
दिन- मंगलवार
ऋतु- वर्षा
नक्षत्र- मूल और पूर्वाषाढ़ा
करण- बव, बालव और कौलव 
सूर्योदय - 6:04 AM
सूर्यास्त - 7:00 PM
चन्द्रोदय - Aug 09 4:52 PM
चन्द्रास्त - Aug 10 3:39 AM
अभिजीत मुहूर्त - 12:06 PM – 12:58 PM

9 अगस्त का अशुभ समय (इस दौरान कोई भी शुभ काम न करें)
यम गण्ड - 9:18 AM – 10:55 AM
कुलिक - 12:32 PM – 2:09 PM
दुर्मुहूर्त - 08:39 AM – 09:31 AM, 11:26 PM – 12:10 AM
वर्ज्यम् - 08:50 PM – 10:16 PM

पति-पत्नी में विवाद का कारण कुंडली का सातवां घर
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, कुंडली के सातवें भाव में अशुभ ग्रह हों या उसके आस-पास कोई अशुभ योग बन रहे हैं तो इसका असर व्यक्ति के वैवाहिक जीवन पर भी पड़ता है। क्योंकि ये भाव मैरिड लाइफ को प्रभावित करता है। ज्योतिषियों के अनुसार, जिस कुंडली में सप्तम स्थान में सूर्य हो तथा सप्तमेश निर्बल हो तो उस स्त्री को उसका पति छोड़ देता है। यदि महिला कि कुंडली में सप्तम स्थान में स्थित सूर्य पर उसके शत्रु ग्रह की दृष्टि है तो इस योग में उत्पन्न स्त्री को उसका पति छोड़ देता है।

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