सार

हम बचपन से ही सूर्य व चंद्रग्रहण (Chandra Grahan 2022) के बारे में सुनते आ रहे हैं। प्राचीन काल से ही हमारे देश में ग्रहण से जुड़ी कई मान्यताएं और परंपराएं प्रचलित हैं। जैसे ग्रहण के दौरान भोजन नहीं करना चाहिए, सोना नहीं चाहिए आदि।

उज्जैन. ग्रहण से जुड़ी सभी मान्यताओं के पीछे कोई न कोई वैज्ञानिक, मनोवैज्ञानिक या धार्मिक कारण माने गए हैं। इस बार साल का पहला चंद्रग्रहण 16 मई, सोमवार को होने जा रहा है। हालांकि ये ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा, इसलिए यहां इसकी कोई मान्यता नहीं रहेगी, लेकिन जिन देशों में ये दिखाई देगा, वहां इसका प्रभाव जरूर माना जाएगा। इस मौके पर हम आपको ग्रहण से जुड़ी कुछ मान्यताओं और उनके पीछे छिपे तथ्यों के बारे में बता रहे हैं। आगे जानिए ग्रहण से जुड़ी मान्यताएं और उसके तथ्य…

ग्रहण के दौरान खाने की चीजों में तुलसी क्यों रखते हैं? (Why keep Tulsi in the food items during the eclipse?)
धार्मिक मान्यताओं के अनसुर ग्रहण के दौरान हानिकारक बैक्टीरिया और वायरस की संख्या अचानक बहुत बढ़ जाती है। जिसका हानिकारक प्रभाव खाद्य पदार्थों पर भी होता है। ये सूक्ष्म जीव भोजन को दूषित कर देते हैं, जिसके कारण ये खाने योग्य नहीं रह जाते। अगर इन खाने की चीजों में तुलसी के पत्ते रख दिए जाएं तो खाने योग्य बने रहते हैं क्योंकि तुलसी के पत्तो में एंटीबायोटिक गुण होते हैं, जो बैक्टीरिया और वायरस को पनपते नही देते और भोजन को सुरक्षित रखते हैं। 

ग्रहण के दौरान मंदिरों के दरवाजे बंद क्यों कर दिए जाते हैं? (Why are the doors of temples closed during an eclipse?)
हिंदू धर्म में मान्यता है कि ग्रहण के दौरान निगेटिव शक्तियों का प्रभाव बढ़ जाता है। इसका प्रभाव मंदिरों के गर्भगृह तक न पहुंचें इसलिए मंदिरों के दरवाजे बंद कर दिए जाते हैं। इसके बाद जैसे ही ग्रहण समाप्त होता है, मंदिरों को पानी से धोया जाता है और साफ-सफाई की जाती है। घर के मंदिरों में ग्रहण के बाद साफ करना चाहिए और भगवान की प्रतिमाओं को भी साफ पानी से स्नान करवाने के बाद पुन: मंदिर में रखना चाहिए। 

ग्रहण के दौरान ये काम भी न करें (what should not work in eclipse)
1.
ग्रहण के दौरान भोजन न करें। नहीं तो सेहत खराब हो सकती है। 
2. ग्रहण काल में तुलसी के पौधे को टच ना करें। ऐसा करना शुभ नहीं माना जाता। 
3. ग्रहण काल में सोने से बचें। इससे भी अशुभ फल मिलने की आशंका रहती है।
4. ग्रहण काल में सहवास ना करें। इस समय होने वाली संतान में निगेटिविटी अधिक होती है।

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